नवप्रभा संस्था का मिट्टी की मूर्ति के माध्यम से ईको फ्रेंडली भक्ति का संदेश

मिट्टी से गणेशजी की मूर्ति बनाने का दिया प्रशिक्षण
पंकज बैरागी
सुवासरा। नगर में बुधवार से शुरू होने वाले 10 दिवसीय गणेश उत्सव को लेकर बाजारों में पीओपी से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों की भरमार है। सरकार द्वारा अनेकों बार पीओपी की मूर्तियों के बजाय मिट्टी की मूर्तियों के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देशों के बावजूद भी लोग इस ओर ध्यान नहीं देते है। वहीं नवप्रभा सामाजिक संस्था ने जन अभियान परिषद के माटी गणेश सिद्ध गणेश अभियान के तहत मिट्टी से गणेशजी की मूर्ति बनाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान टीना सोनी ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति का विसर्जन करने से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। हमारी संस्कृति में प्राचीनकाल से मिट्टी की मूर्तियों की पूजा को शुभ फलदायक माना गया है। पीओपी से बनी मूर्तियों के विसर्जन से जल प्रदूषित एवं जहरीला होता है,जिससे उसमे रहने वाले जीव जंतुओं की मृत्यु हो जाती है। हमारी गलतियों से कोई हिंसा होती है तो हमारी भक्ति अपराध बन जाती है,इसलिए हमें ईको फ्रेंडली भक्ति की पुरातन परंपराओं को बढ़ावा देना चाहिए।
मूर्तिकला को बढ़ाने वाले 6 साल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के मेरी माटी मेरा देश अभियान से प्रेरित होकर नवप्रभा संस्था की सचिव टीना सोनी पिछले 6 वर्षों से मिट्टी से मूर्तियां बनाने का प्रशिक्षण युवक युवतियों एवं बच्चों को दे रहीं है। वे प्रतिवर्ष स्वयं मूर्तियां बनाकर लोगों को निशुल्क वितरित करने का काम करतीं है। बीते सालों में 300 से अधिक लोगों को माटी से मूर्ति बनाने का हुनर सीखा चुकीं है।
मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण के दौरान टीना सोनी ने कहा कि जनअभियान परिषद द्वारा माटी कला,हस्तशिल्प और ईको फ्रेंडली भक्ति को बढ़ावा देने के लिए हर विकासखंड में प्रशिक्षण आयोजित किये जारहे है तथा लोगों को पीओपी की मूर्तियों के बजाय मिट्टी की मूर्ति को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बीते रोज जनपद पंचायत सीतामऊ में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला समन्वयक तृप्ति बैरागी एवं विकासखंड समन्वयक नारायण सिंह निनामा के द्वारा सुवासरा में माटी गणेश सिद्ध गणेश अभियान के तहत प्रशिक्षण हेतु प्रेरित किया गया था।