आलेख/ विचारमंदसौर जिलासीतामऊ

सी,एम,राईज स्कूल (सान्दीपनी विद्यालय) बनामशिक्षा का केन्द्रीय करण ?

सी,एम,राईज स्कूल (सान्दीपनी विद्यालय) बनामशिक्षा का केन्द्रीय करण ?

वर्तमान में मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में प्रत्येक विधानसभा में कम से कम एक या एक से अधिक सी,एम, राईज विद्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है, एवं करोड़ों रुपए की लागत से सुसज्जित, सर्व सुविधा युक्त भवन बनाए जा रहे हैं । जीस विधानसभा में भवन बनकर तैयार हो गए हैं, उस विद्यालय में 5 किलोमीटर की परिधि में जितने शासकीय प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय है उन विद्यालयों को ही,एम,राईज विद्यालय में मर्ज किया जा रहा है तथा उन विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों को नवनिर्मित भवन में बिना किसी लिखित परीक्षा के प्रवेश दिया जा रहा है तथा 5 किलोमीटर की परिधि वाले विद्यालय को स्थाई रूप से बंद किया जा रहा है । इस आशय की जानकारी देते हुए सेवानिवृत प्रधानाध्यापक गोविंद सिंह पवार ने बताया कि 90 के दशक में सन 1993 से 2000 तक शिक्षा का लोकव्यापीकरण करते हुए स्कूल विहीन गांव वह मजरे टोलों में शिक्षा ग्यारन्टी योजना के अंतर्गत ई,जी,एस, विद्यालय खोले गए थे एवं नवीन भवन बनाकर स्थानीय हायर सेकेंडरी पास बेरोजगार युवक को गुरु जी के पद पर नियुक्ति दी गई थी।

इस योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई थी एवं तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार को यूनेस्को द्वारा अंतरराष्ट्रीय कॉमनवेल्थ पुरस्कार से नवाजा गया था ‌

स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए पूरे भारत में नवोदय विद्यालय खोले गए थे जो की पूर्णतया निशुल्क एवं आवासीय विद्यालय हैं, इन विद्यालयों में 75% प्रवेश ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा के आधार पर दिया जाता है । शिक्षा के लोकव्यापीकरण के इसी क्रम में तत्कालीन समय में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में एक हायर सेकेंडरी स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा दिया गया था एवं इन उत्कृष्ट विद्यालय में भी लिखित परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जाता है एवं निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है । यह की नवोदय एवं उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना के समय प्रदेश में पूर्व से संचालित किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया गया था । वर्तमान समय में सी,एम,राईज (सांदीपनि विधालय) के नाम पर शिक्षा का केंद्रीकरण बिना किसी प्रवेश परीक्षा के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है , कहने को अंग्रेजी मीडियम स्कूल है परंतु पढ़ने वाले शिक्षक सभी हिंदी मीडियम के ही हैं , यह जरूर है कि सी,एम,राईज विद्यालय का सुसज्जित, सर्व सुविधा युक्त चमचमाता हुआ भवन आवश्यक हैं, लेकिन शिक्षा के नाम पर डाक के वही तीन पात है, श्री पंवार ने बताया कि अकेले लदूना सी,एम,राईज, विधालय के ५ किलो मीटर की परिधि में आने वाले ११ विद्यालय इसी सत्र से बन्द किए जा रहे हैं यथा १- कन्या प्रा वि लदूना २-प्रा वि अरगडा सीतामऊ ३- प्रा वि क्रमांक २ सीतामऊ ४प्रा वि क्रमांक ३सीताम उ ५-प्रा वि खेड़ा ६-मा वि खेड़ा ७-प्रा वि कोचरिया खेड़ी ८ मा वि कोचरिया खेड़ी ९- प्रा वि दम्माखेडी १०- न ई आबादी दम्माखेडी ११- एकीकृत विद्यालय माऊखेडा आदि,यह कि यह संख्या मात्र एक विद्यालय की परिधि में बन्द होने वाले विद्यालयों की है, सहज रूप से अनुमान लगाया जा सकता है कि पुरे जिले में इस अनुपात में कितने विद्यालय बन्द होने की कगार पर है एवं पुरे प्रदेश में कितने होंगे।

श्री पंवार ने शासन से मांग की है कि सी,एम राईज विद्यालय में लिखित परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जावे एवं शेष चयन होने से वंचित छात्रों को पूर्ववत विद्यालय में ही पढ़ने दिया जावे एवं पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले विद्यालयों को बन्द नहीं किया जावे।

 

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