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झालावाड जैसी घटना मनासा में होने का इंतजार कर रहा प्रशासन – कछावा

विधानसभा क्षेत्र में आधे से ज्यादा भवन क्षतिग्रस्त, हादसे के बाद बच्चे खंडहर हो चुके भवन में बैठने से डर रहे, पेड के नीचे लग रही कक्षाएं

झालावाड जैसी घटना मनासा में होने का इंतजार कर रहा प्रशासन – कछावा

विधानसभा क्षेत्र में आधे से ज्यादा भवन क्षतिग्रस्त, हादसे के बाद बच्चे खंडहर हो चुके भवन में बैठने से डर रहे, पेड के नीचे लग रही कक्षाएं

मनासा। राजस्थान के झालावाड जिले में दो दिन पहले स्कूल भवन गिरने से 9 मासूम बच्चों की मौत हो गई।ऐसे ही हालात मनासा क्षेत्र के सरकारी स्कूल भवनों की हो रही है। क्षेत्र के आधे से भी ज्यादा स्कूल भवन खंडहर हो चुके है। हादसे के बाद बच्चे डर के चलते भवन में बैठने की बजाएं पेड के नीचे बैठने पर मजबुर है बारिश होने पर स्कूल की छुटटी कर दी जाती है। इसके बाद भी यहां के जनप्रतिनिधी और प्रशासन खंडहर स्कूल भवनो की सुध लेने को तैयार नही है। मनासा का प्रशासन झालावाड जैसी घटना होने का इंतजार कर रहा है।

यह बात जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधी आर. सागर कछावा ने कहीं। कछावा ने बताया कि शनिवार को रामुपरा क्षेत्र के गांव डायली, चेनपुरिया ब्लाक, की तप कुडी ,भीमपुरा , गुगलखेडा, के स्कूल भवनो के निरीक्षण के दौरान स्कूल भवनो की हालत काफी दयनीय नजर आई। कहीं स्कूलो में तो प्लास्टर गिर रहा है तो कहीं पर छत टपक रही। कहीं पर भवन खंडहर हो चुके है जहां पर ताला लगाकर दूसरे स्कूल में कक्षाएं लगा रहे है। वही गांव डायली के प्राथमिक स्कूल में तो शिक्षको ने भवन गिरने के डर से बच्चों को पेड के नीचे बैठाकर पढाई करवा रहे थे। यह हालात एक दो स्कूलो के नही पूरी विधानसभा के आधे से ज्यादा सरकारी स्कूल के भवनो की बनी हुई। जर्जर और खस्ताहाल हो चुके भवनो की शिकायत कई बार गांव के पालक और शिक्षको द्वारा विधायक अनिरूद्व माधव मारू और शिक्षा विभाग को की गई। इसके बाद भी नही तो विधायक ने कोई एक्शन लिया और नही शिक्षा विभाग नौनिहालो के लिए नए भवन की व्यवस्था तक नही कर पाया। जो भवन गिरने की स्थिति में खडे है उन्हे डिस्टमेंटल करने की भी कार्रवाई नही की गई। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधी कछावा ने स्कूल भवनो की हालत को लेकर सरकार और विधायक पर सवाल खडे किए। स्कूलो की हालत को लेकर गंाव डायली के बहादुर दायमा, रावली कुडी के टप कुडी के खेमराज गुर्जर ने बताया कि झालावाड की घटना के बाद ग्रामीण डरे हुए है। बच्चे भी स्कूल जाने में कतराने लगे है। जर्जर भवनों को लेकर प्रशासन और सरकार सुनने को तैयार नही है। ऐसे भवनो में बच्चों को मरने के लिए नही भेज सकते है। इस पर कछावा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जर्जर भवनों में कक्षाएं नही लगाने की बात ग्रामीणों से कहीं। वही शिक्षको ने कछावा को बताया कि हमने भवनों की हालात को लेकर कई बार विभाग को पत्र लिख चुके है। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधी के साथ में जिला कांग्रेस महामंत्री महेन्द्र उपाध्याय, कुंदन खिंची, साथ थे।

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