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पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ की साधारण सभा अवैधानिक घोषित, उप रजिस्ट्रार ने फार्म “जे” पर कार्रवाई से किया इंकार

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ की साधारण सभा अवैधानिक घोषित, उप रजिस्ट्रार ने फार्म “जे” पर कार्रवाई से किया इंकार

गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के अध्यक्ष माधव प्रसाद शर्मा ने 23 जून 2025 को गोरखपुर में आयोजित साधारण सभा और 13 जुलाई 2025 को इज्जतनगर, बरेली में हुई केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक को अवैधानिक करार दिया है। शर्मा ने कहा कि रिक्विजिनिस्ट (मांगकर्ताओं) ने उप श्रमायुक्त एवं उप रजिस्ट्रार, गोरखपुर को 29 जून 2025 को प्रेषित फार्म “जे” में न तो बैठक के उद्देश्य का उल्लेख किया और न ही यह बताया कि महामंत्री से कब-कब बैठक बुलाने का आग्रह किया गया था। इसके अलावा, साधारण सभा का एजेंडा भी स्पष्ट नहीं किया गया।शर्मा ने बताया कि संघ के विधान में साधारण सभा और केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से वर्णित है, जिसका पालन महामंत्री और अध्यक्ष के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि 23 जून 2025 की साधारण सभा के आधार पर उन्हें और तीन अन्य पदाधिकारियों को हटाने तथा नए पदाधिकारियों को रजिस्टर करने के लिए 29 जून 2025 को बिना हस्ताक्षर वाला फार्म “जे” उप रजिस्ट्रार को भेजा गया, जिसे उप रजिस्ट्रार, ट्रेड यूनियन, गोरखपुर ने 17 जुलाई 2025 को जारी जनसूचना में विधिसम्मत न होने के कारण अस्वीकार कर दिया।उप रजिस्ट्रार ने निष्कासित महामंत्री विनोद कुमार राय और कार्यकारी अध्यक्ष रमेश मिश्रा की इस कवायद को धोखाधड़ी करार देते हुए इसका पर्दाफाश किया। शर्मा ने आरोप लगाया कि रमेश मिश्रा ने वर्ष 2020 में बरेली में भी इसी तरह का कूटरचित कार्य किया था। उन्होंने कहा कि राय और मिश्रा मिलकर लंबे समय से यूनियन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसका परिणाम हाल के गुप्त मतदान में संगठन की करारी हार के रूप में सामने आया।शर्मा ने रजिस्ट्रार, ट्रेड यूनियन, गोरखपुर पर संघ के आंतरिक मामलों को उलझाने और ट्रेड यूनियन अधिनियम के तहत निर्णय लेने में ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने बिना तिथि, हस्ताक्षर, कार्यवृत्त और अभिलेख के फार्म “जे” स्वीकार करने को उप रजिस्ट्रार के आचरण पर सवाल उठाने वाला बताया। शर्मा ने कहा कि उप रजिस्ट्रार, ट्रेड यूनियन एक संस्था है, न कि व्यक्ति, इसलिए इसकी गरिमा के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।उन्होंने इस प्रकरण की जानकारी प्रमुख श्रम सचिव, श्रमायुक्त, रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन, कानपुर, एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम. राघवैया और पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को देने की बात कही।

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