मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 06 जुलाई 2025 रविवार

///////////////////////////////////

जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्‍थापित

बाढ़ नियंत्रण कक्ष दूरभाष नम्‍बर 07422-235113 पर सम्‍पर्क करें

मंदसौर 5 जुलाई 25/ अपर कलेक्‍टर श्रीमती एकता जायसवाल द्वारा बताया गया कि आगामी वर्षाकाल एवं बाढ को दृष्टिगत रखते हुए अतिवृष्टि एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्‍थापित किया गया है। यह कक्ष सुशासन भवन नवीन कलेक्टोरेट, कार्यालय कक्ष क्रमांक 118 मंदसौर में बनाया गया है। जिसका दूरभाष नंबर 07422- 235113 है, कार्यालय में यह 24 घण्टे चालु रहेगा। कक्ष के प्रभारी अधीक्षक भू अभिलेख श्री लालचंद शेरपुरिया रहेंगे।

==================

मत्‍स्‍याखेट, मत्‍स्‍य विक्रय व मत्‍स्‍य परिवहन पर 15 अगस्‍त तक प्रतिबंध – कलेक्‍टर श्रीमती गर्ग

मंदसौर 5 जुलाई 25/ मध्‍यप्रदेश नदीय मत्‍स्‍योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3(2) के अंतर्गत कलेक्‍टर श्रीमती अदिती गर्ग द्वारा जिले में 16 जून से 15 अगस्‍त 2025 तक की अवधि में मत्‍स्‍याखेट निषेध किया गया है।

इस दौरान मत्‍स्‍याखेट की रोकधाम मत्‍स्‍याखेट, मत्‍स्‍य विक्रय व मत्‍सय परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मध्‍यप्रदेश नदीय मत्‍स्‍योद्योग नियम 1972 की धारा-3(2) के प्रावधानों के विरूद्ध एवं मत्‍स्‍य क्षैत्र संशोधन अधिनियम 1981 की धारा 5 के तहत उल्‍लघनकर्ताओं को एक वर्ष तक का कारावास या 5 हजार रूपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

म.प्र. शासन मछली पालन विभाग द्वारा छोटे तालाब या अन्‍य स्‍त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्‍हे निर्दिष्‍ट जल की परिभाषा के अन्‍तर्गत नहीं लाया गया है को छोड़कर समस्‍त नदियों व जलाशयों में बंदऋतु में मत्‍स्‍याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इस अवधि ने किसी प्रकार का मत्स्याखेट एवं परिवहन व विक्रय न करे एव ना ही इन कार्यों में सहयोग दे। नियमों के उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी।

=============

गांधीसागर जल विद्युत् गृह, भानपुरा जिला मन्दसौर के लिए सशस्‍त्र सुरक्षा कर्मियों की भर्ती

मंदसौर 5 जुलाई 25/ जिला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया की मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी, गांधीसागर, तहसील भानपुरा, जिला मंदसौर (म.प्र.) में सुरक्षा हेतु डीजीआर रेट पर सशस्‍त्र सुरक्षा कर्मियों (गनमेन) सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है। सशस्त्र (गनमेन) / सुरक्षा कर्मियों पद के लिए इच्छुक पूर्व सैनिक निम्नलिखित दस्तावेजो (मूल एवं तीन फोटो कॉपी) के साथ यथाशीघ्र जिला सैनिक कल्याण कार्यालय मंदसौर में किसी भी कार्य दिवस (सोमवार से शुक्रवार) में उपस्थित होकर जमा कराये ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।

सेवा निवृत्ति पुस्तिका, पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ ), जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा जारी, आधार कार्ड, भूतपूर्व सैनिक का पहचान पत्र, बैंक पासबुक, पेन कार्ड, शस्त्र लाइसेंस, नवीनताम पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ (तीन), नियोक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (सेवा निवृत्ति उपरांत जिस संस्था में पहले कार्यरत थे), समग्र परिवार आई डी। सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों की भर्ती के लिए शस्त्र लाईसेंस धारक पूर्व सैनिक को वरीयता दी जायेगी।

सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों / की भर्ती के लिए अधिक जानकारी के लिए में किसी भी कार्य दिवस (सोमवार से शुक्रवार) में कार्यालय के फ़ोन नं. 07422-299117 पर संपर्क करे।

=====================

पशुपालक डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना का लाभ उठावें

मंदसौर 5 जुलाई 25/ पशु पालन एवं डेयरी विभाग के उप सचांलक द्वारा बताया गया कि सभी वर्ग के किसान पशुपालक डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना में दुधारू पशुओं की डेयरी इकाई की स्थापना बैंक ऋण की सुविधा के साथ शासकीय अनुदान से कर सकते है। आवेदक की पात्रता हितग्राही मध्यप्रदेश राज्य का निवासी होना चाहिए। योजना सभी वर्ग के पशुपालकों के लिए है। हितग्राही को ऑनलाईन पोर्टल www.mpdah.gov.in के माध्यम से आवेदन करना होगा। हितग्राही के पास न्यूनतम 3.50 एकड कृषि भूमि होना आवश्यक है। योजनांतर्गत 25 दुधारू पशुओं की इर्का स्थापित की जाएगी। एक इकाई में समस्त गौवंश या समस्त भैंसवंश ही होगें। एक इकाई की समस्त गाय/भैंस एक ही प्रजाति की होगी।

योजना में भारतीय मूल की देशी गाय की नस्लों में साहिवाल, गिर, थारपारकर, रेड सिंधी, संकर नस्लो में एच.एफ.जर्सी, भैंसो में मुर्रा, भदावरी, सूरती, मेहसाना शामिल की जा सकेंगी। लाभार्थी को किसी शासकीय प्रशिक्षण संस्थान/महाविद्यालय/शासन द्वारा अधिकृत प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। आवेदक को योजना की स्वीकृति हेतु प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा। अनुदान राशि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के हितग्राहियों के लिए निर्धारित परियोजना लागत का 33 प्रतिशत तथा अन्य श्रेणी के हितग्राहियों के लिए निर्धारित परियोजना लागत का 25 प्रतिशत होगी। अधिक जानकारी के लिए पशुपालन विभाग मंदसौर से संपर्क करें।

पशुपालक पशुधन बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठावें

मंदसौर 5 जुलाई 25/ उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग मंदसौर द्वारा बताया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड अभियान के अंतर्गत पशुपालकों को कार्यशील पुंजी की आवश्यकता की पूर्ति हेतु पशुपालन गतिविधियों से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। पशुपालक पशुधन बीमा योजना का लाभ लेकर अपने पशुधन हानि को रोक सकते हैं। एक पशुपालक द्वारा अधिकतम 10 पशुओं का बीमा कराया जा सकता है। पशुओं में होने वाली गलघोटू, एक टगीया, खूर पका, मुँह पका आदि बीमारियों की रोकथाम हेतु नजदीकी संस्था से संपर्क कर टीकाकरण का लाभ लें। तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कृत्रिम गर्भाधान की सफलता के लिये गांव के समस्त निकृष्ट सांडों का बधियाकरण नजदीकी संस्था में करायें।

भारत शासन एवं राज्य शासन के सहयोग से जिले के पशुपालकों को घर पहुंच उपचार आदि की सेवायें देने हेतु चल पशु चिकित्सा इकाई 1962 कमशः मंदसौर, दलौदा, मल्हारगढ, सीतामऊ, सुवासरा, शामगढ, गरोठ एवं भानपुरा में संचालित है, पशुपालक 1962 कॉल सेन्टर पर कॉल कर सशुल्क 150 रू प्रति पशु सेवा का लाभ प्राप्त करें।

प्रगतिशील पशुपालक मादा बछिया (फिमेल कॉफ) की प्राप्ति हेतु गाय,भैंस के गर्मी (हीट) आने पर सेक्स सोर्टेड सीमन के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान करावें। समस्त पशुपालक विभाग की विभिन्न विभागीय योजनाओं के संबंध में स्थानीय पशु चिकित्सक से संपर्क कर योजनाओं का लाभ उठावे।

फसल की सुरक्षा के लिये खेत पर तार-फेंसिंग लगाने का आधा खर्च सरकार वहन करेगी

मंदसौर 5 जुलाई 25 /फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेतों पर तार-फेंसिंग लगाने का आधा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। अब राष्ट्रीय बागवानी एकीकृत विकास कार्यक्रम के तहत उद्यानकी फसल उगाने वाले कृषक अपने खेत के चारो ओर 5 तार व खम्बे की फेंसिंग लगवा सकते हैं। उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा इच्छुक किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। विभाग द्वारा जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है।

आयुक्त उद्यानकी के अनुसार उद्यानकी फसलों में सब्जी, फल, फूल एवं मसालों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा क्षति पहुंचाई जाती है। इससे बचाव के लिये यह योजना लागू की गई है। विभाग द्वारा किसानों को तार-फेंसिंग लगाने में आने वाला खर्च का आधा (50 प्रतिशत) अनुदान प्रदान किया जाएगा। तार-फेंसिंग लगाने का खर्चा 300 रुपये प्रति रनिंग मीटर आता है, यानि एक हजार रनिंग मीटर का खर्चा तीन लाख रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार देगी तथा शेष डेढ़ लाख रूपये किसान वहन करेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon
Whatsapp
ज्वॉइन करें
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}