अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में पर्याप्त सुविधा नहीं ,सरकारी स्कूलों में खानापूर्ति के साथ स्कूल चले हम
अव्यवस्थाओ के बीच नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ
अधिकांश स्कूलों में नैन मटका भी शुरू,जिला शिक्षा अधिकारी तत्काल दे ध्यान
मंदसौर:-नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया और मध्यप्रदेश सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर बालक बालिका को शिक्षा प्रदान की जाए और कॉपी किताबों से लेकर सभी व्यवस्था सरकार के द्वारा दी जा रही है और हर साल मध्यप्रदेश की सरकार करोड़ो रुपयों का बड़ा बजट सालाना खर्च भी कर रही है लेकिन जिले में बैठे शिक्षा विभाग के कारिंदों की नीति और नियत साफ नहीं होने से शिक्षा को बेहतर तरीके से संचालित नहीं किया जा रहा है
सरकारी स्कूलों की बात की जाए तो यहाँ सिर्फ खानापूर्ति करके स्कूल चले अभियान की शुरआत हुई है दूसरी तरफ़ सीएम राईज (सांदीपनि) यहाँ प्रिंसिपल अपने तरीके से स्कूल बसें लगाई जा रही है जिसमें बड़ा खेल ले देकर शुरू हो गया जिसमें जिला शिक्षा कार्यालय में टेबल वाइज बंद लिफाफों में चाय नाश्ता की जा रही है
अधिकांश स्कूलों में नैन मटका भी शुरू और चल भी रहे है जिसका जीते जागता उदाहरण पिछले साल राजस्थान के एक स्कूल के प्रिंसिपल और मेम का वीडियो खूब वायरल होता था जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो बच्चों के ऊपर कितना विपरीत प्रभाव पड़ेगा सबसे ज्यादा अधेड़ों (प्रिंसिपल शिक्षकों) को प्रेम का ज्यादा खुमार चढ़ता है क्योंकि घर से निवर्त हो चुके स्टॉप के साथ ड्रायल लेने की गंदी सोच रखतें
प्रयावेट स्कूलों के संचालकों के द्वारा अभिभावकों मजबूर किया जा रहा है कि स्कूलों ने कॉपी किताबे एक या दो स्थान से मन मानें पैसे वसूल किए जा रहें है जबकी शासन का स्पष्ठ निर्देश है पालकों को किसी प्रकार से परेशान नहीं किया जाए लेकिन जिला शिक्षा विभाग ध्यान देने को तैयार नहीं है
प्रायवेट स्कूलों में बिना लाइसेंस धारी ड्राइवर भी फ्रराटेदार बसें दौड़ रहे है अधिकांश स्कूलों में बसों के बिना फिटनेस कैमरे नहीं वो बसे भी फूल लोड ले रही है अगर जिले में कोई बड़ी घटना होती है जिम्मेदार कौन होगा।