पुस्तकालय के ग्रंथों का ज्ञान, भारत का गौरवशाली अतीत की जानकारी आम जनता तक आसानी से सरल भाषा में पहुंचे : सभापति श्री सखलेचा

म.प्र. विधान सभा पुस्तकालय, अनुसंधान एवं संदर्भ समिति ने नटनागर शोध संस्थान का अवलोकन कर अधिकारियों के साथ सयुक्त बैठक की


पुस्तकालय अवलोकन एवं बैठक के दौरान समिति सभापति श्री सखलेचा ने कहा कि पुस्तकालय में रखे ग्रन्थों में छुपे ज्ञान, उनकी सही जानकारी, भारत के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आम जनता को आसानी से मिलनी चाहिए। पुस्तकालय में कई ऐसे ग्रंथ हैं जो संस्कृत में है उनका सही अर्थ आम लोगों को पता चले। इस दिशा में कार्य करें। समिति आज इस संस्थान में अध्ययन के दृष्टिकोण से पहुंची है। इतिहास और लाइब्रेरी ऐसे विषय हैं जो जिंदगी के अनुभव बताते हैं। पहले किस तरह से ऑर्डर पास होते थे, कैसी व्यवस्था होती थी। इसकी जानकारी हमें इन ग्रंथो के माध्यम से मिलती हैं। समाज में कैसे परिवर्तन आए, समाज ने कैसे विकास किया आदि जानकारी पुस्तकालय के माध्यम से मिलती है। इतिहास के रहस्यों की जानकारी सामान्य भाषा में कैसे लोगों को प्राप्त हो, यह समिति का प्रमुख उद्देश्य है। पुस्तकालय में जितने भी ग्रंथ हैं उसकी प्रतिलिपि/ फोटोकॉपी शोधार्थी को मिले, इसके लिए प्रयास करें। इसकी जानकारियां जनता के बीच पहुंचे। पुस्तकालय में रखे सभी तरह के डाटा को कंपाइल करें। ऑनलाइन डाटा करें। इसके लिए विशेष प्रयास किया जाए। नट नागर शोध संस्थान का पुस्तकालय बहुत ही अद्भुत एवं सारगर्भित हैं। यहां पर बहुत ही उपयोगी जानकारियां हैं। इसके बारे में लोगों को बताएं। इस पुस्तकालय के बारे में लोगों को जानकारी देवे। यहां की उपयोगी जानकारियां जो संस्कृत श्लोक में है, उनका हिंदी अर्थ निकलवाये। इसके लिए 10-20 विद्यार्थियों को रखें, जो श्लोक का हिंदी उच्चारण करें, इसके लिए भी कोशिश की जानी चाहिए।
विधायक श्री डंग ने कहा कि विगत दिनों इस संस्थान में सीतामऊ साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। जो कि साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है। जिसके माध्यम से लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। इस नट नागर संस्थान के माध्यम से देश नहीं विदेश के विद्यार्थी भी ज्ञान का अनुभव यहां से प्राप्त करके ले जाते हैं। विश्व की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। जहां ज्ञान का भंडार है।