मंदसौरमंदसौर जिला
आत्म विश्वास, सुरक्षा व स्मार्ट निर्णय लेने की कला सिखाई

स्मार्ट गर्ल कार्यशाला जहाजपुर में आयोजित हुई
मन्दसौर। बीजेएस पुणे व दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जहाजपुर राज. के संयुक्त तत्वावधान में आर्यिका रत्न 105 श्री स्वस्तिभूषण माताजी की प्रेरणा व आर्शीवाद से स्वस्ति धाम जहाजपुर में 5 व 6 जून को देशभर की 13 से 20 वर्ष तक की जैन बालिकाओं के लिए स्मार्ट गर्ल कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें दूर दूर क्षेत्रों की लगभग 400 बालिकाओं ने बहुत ही उत्साह से भाग लिया।
दो दिवसीय कार्यशाला में सकल जैन समाज मंदसौर की 8 बालिकाएं डॉ. चंदा भरत कोठारी के नेतृत्व में सम्मिलित हुई।
कार्यशाला में जीवन कौशल, आत्म सुरक्षा, व आत्म सम्मान के साथ ही संवाद और भावनात्मक सशक्तिकरण के 6 विशेष सत्र के साथ एक पेरेंट्स सेशन भी रखा गया। कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में नासिक रायपुर पुणे, जयपुर, इन्दौर, मुम्बई, दिल्ली, कोटा, भीलवाड़ा आदि कई स्थानों से प्रशिक्षकों ने दस कक्षाओं व कार्यशालाओं में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया।
रात्रि में सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित हुए।
कार्यशाला के प्रमुख संयोजकगण हंसमुख गांधी, शरद पाणोत व ज्ञानेन्द जैन ने कार्यशाला में भाग लेने वाली सभी बालिकाओं को प्रमाणपत्र के साथ किट, टी शर्ट व बैच आदि प्रदान किये।
कार्यशाला में सम्मिलित होने वाली सभी बालिकाओं वे अभिभावकों के लिए आवास व भोजन की निःशुल्क व्यवस्थाएं रखी गई। समापन समारोह में आर्यिकारत्न स्वस्तिभूषण माताजी ने बालिकाओं को जीवन जीने की कला के सूत्र बताए तथा विपरीत परिस्थियों में मुकाबला करने की बात कही। इस अवसर पर प्रशिक्षित बालिकाओं ने अपने अनुभव साझा किये।
कार्यशाला में मंदसौर से कु. प्रियांशी कियावत, रिद्धिमा अजमेरा, पीहुल जैन, मितांशी कियावत, तनिशा जैन, कृतिका जैन, इशिका जैन व मोक्षी जैन तथा मदर्स श्रीमती शिखा कियावत, तोरल जैन व अर्चना कोठारी ने सहभागिता की।
दो दिवसीय कार्यशाला में सकल जैन समाज मंदसौर की 8 बालिकाएं डॉ. चंदा भरत कोठारी के नेतृत्व में सम्मिलित हुई।
कार्यशाला में जीवन कौशल, आत्म सुरक्षा, व आत्म सम्मान के साथ ही संवाद और भावनात्मक सशक्तिकरण के 6 विशेष सत्र के साथ एक पेरेंट्स सेशन भी रखा गया। कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में नासिक रायपुर पुणे, जयपुर, इन्दौर, मुम्बई, दिल्ली, कोटा, भीलवाड़ा आदि कई स्थानों से प्रशिक्षकों ने दस कक्षाओं व कार्यशालाओं में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया।
रात्रि में सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित हुए।
कार्यशाला के प्रमुख संयोजकगण हंसमुख गांधी, शरद पाणोत व ज्ञानेन्द जैन ने कार्यशाला में भाग लेने वाली सभी बालिकाओं को प्रमाणपत्र के साथ किट, टी शर्ट व बैच आदि प्रदान किये।
कार्यशाला में सम्मिलित होने वाली सभी बालिकाओं वे अभिभावकों के लिए आवास व भोजन की निःशुल्क व्यवस्थाएं रखी गई। समापन समारोह में आर्यिकारत्न स्वस्तिभूषण माताजी ने बालिकाओं को जीवन जीने की कला के सूत्र बताए तथा विपरीत परिस्थियों में मुकाबला करने की बात कही। इस अवसर पर प्रशिक्षित बालिकाओं ने अपने अनुभव साझा किये।
कार्यशाला में मंदसौर से कु. प्रियांशी कियावत, रिद्धिमा अजमेरा, पीहुल जैन, मितांशी कियावत, तनिशा जैन, कृतिका जैन, इशिका जैन व मोक्षी जैन तथा मदर्स श्रीमती शिखा कियावत, तोरल जैन व अर्चना कोठारी ने सहभागिता की।