पहले सुने पडे रहते थे खेत,अब गर्मियों मे भी हो रही है!खीरा-ककडी कि खेती गरोठ के किसाने ने अपनाई ये तकनिकी

पहले सुने पडे रहते थे खेत,अब गर्मियों मे भी हो रही है!खीरा-ककडी कि खेती गरोठ के किसाने ने अपनाई ये तकनिकी

गरोठ ।तहसील के ग्राम कोटडाबुजुर्ग मे अब किसान नई नई तकनिकी कि खेती करने मे जुट गये है! तकनिकी खेती करने से उत्पाद भी बड रहा है!
गाव मे कोई मे फुले कि खेती कर रहा है! तो कई पपीता कि ओर पॉलीहाउस मे खीरा ककडी कि खेती कर रहै है! इससे किसानो को अच्छा मुनाफा मिल रहा है! वही कोटडाबुजुर्ग मे केवल एक पॉलीहाउस था! तो गाव मे तीन ओर पॉलीहाउस बनने जा रहै है!
पॉलीहाउस फ्लोरारोज सर्विसेज गुजरात मेहसाणा कंपनी पर 50%सब्सिडी पर अब खीरा ककडी से बंपर कमाई
वही कोटडाबुजुर्ग किसान ललित पाटीदार ने बताया कि 14 से 15 क्विटल खीरा ककडी रोज निकल रही है! यह ककडी आसपास कि लोकल मंडियो जेसे शामगढ़, भवानीमंडी,गरोठ, बेचा जा रहा है! 20 से 25 रु कि खीरा ककडी मंडियो मे बिक रही है!यह नेट हाउस 2000 वर्ग मीटर मे बना है!
किसान एक साल मे चार बार खीरा ककडी का उत्पादन कर रहा है
एक एकड मे 14 क्विटल खीरा ककडी निकल रही है!इसको तोडने के लिए रोज तीन लोगो कि जरुरत पड रही है! अभी खीरा ककडी कि बंपर आवक चल रही है! धीरे धीरे इसकी आवक कमी होने लगती है! प्रारंभिक तौर पर बंपर होती है!
किसान ललित पाटीदार ने बताया कि पिछली सीजन मे खीरा ककडी 8 से 10 रु किलो बिकी थी पर अभी वर्तमान मे ककडी 20 से 25 रु किलो बिक रही है!
कम लागत, ज्यादा मुनाफा:-
खीरे कि खेती कम लागत मे अधिक मुनाफा देती है! क्योकी इसकी मांग बाजार मे हमेशा रहती है!
पॉलीहाउस खेती:-
पॉली हाउस मे खीरे कि खेती करके ऑफ सीजन मे भी अच्छी कमाई कर रहै है!
सरकार का सहयोग-
सरकार खीरे कि खेती को बढावा देने के लिए सब्सिडी व अन्य सहायता करती है!