इंदौर: पलासिया में फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी का भंडाफोड़, फ्लैट में चल रहा था ठगी का धंधाइंदौर: पलासिया में फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी का भंडाफोड़, फ्लैट में चल रहा था ठगी का धंधा

इंदौर: पलासिया में फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी का भंडाफोड़, फ्लैट में चल रहा था ठगी का धंधा
इंदौर में पलासिया पुलिस ने फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी और उसका साथी EV चार्जिंग स्टेशन के नाम पर मोटे मुनाफे का झांसा देकर लोगों से ऑनलाइन निवेश करवा रहे थे। इसके लिए उन्होंने न सिर्फ मोबाइल एप बनवा
इंदौर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पलासिया क्षेत्र में चल रही फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी का पर्दाफाश किया है। यह कंपनी झूठे मुनाफे के लालच में लोगों से निवेश करवा रही थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ऑफिस को सील कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक फर्जी ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट कंपनी के संचालक सिद्धार्थ मालवीय को गिरफ्तार किया है। आरोपी सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेली कॉलिंग के माध्यम से लोगों को ईवी चार्जिंग स्टेशन में निवेश का झांसा देकर ठग रहा था। अब तक वह 15 से 20 लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 8 मोबाइल फोन, 8 सिम कार्ड, एक लैपटॉप और 6 डेस्कटॉप जब्त किए हैं। एडिशनल डीसीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है और पूरे रैकेट की जांच जारी है।
एडिशनल डीसीपी ने दी जानकारी:
इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए एडिशनल डीसीपी रामस्नेही मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने बैकुंठधाम कॉलोनी स्थित “अनोमल स्पेस” के फ्लैट नंबर 202 पर छापेमारी की। यहां एक इन्वेस्टमेंट फर्म संचालित हो रही थी, जो बिना किसी वैध लाइसेंस और प्रमाणन के आम लोगों से पैसे निवेश करवा रही थी।
कैसे हुआ खुलासा:
पुलिस को शिकायत मिली थी कि कुछ लोग निवेश के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्म के पास आरबीआई या सेबी की कोई मंजूरी नहीं है। कंपनी के दस्तावेज भी संदिग्ध पाए गए।
मौके से क्या मिला:
छापेमारी के दौरान पुलिस को ऑफिस से नकद रकम, इन्वेस्टमेंट प्लान की फर्जी ब्रोशर, रजिस्टर, कंप्यूटर सिस्टम और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। ये सभी सबूत जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को सौंपे जाएंगे।
पीड़ित निवेशकों की तलाश:
पुलिस अब उन लोगों की जानकारी जुटा रही है जिन्होंने इस फर्जी कंपनी में पैसे लगाए थे। माना जा रहा है कि अब तक लाखों रुपये की ठगी हो चुकी है।
कानूनी कार्रवाई जारी:
पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और आर्थिक अपराध की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। कंपनी से जुड़े लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही गिरफ्तारियां हो सकती हैं।