किसान श्री बालमुकुंद पाटीदार ने बागवानी और औषधि फसलों से की आय में 2 गुना वृद्धि

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किसान श्री बालमुकुंद पाटीदार ने बागवानी और औषधि फसलों से की आय में 2 गुना वृद्धि
मंदसौर जिले के सीतामऊ क्षेत्र के गांव रावटी के रहने वाले किसान श्री बाल मुकुंद पाटीदार ने अपनी आय को बढ़ाने, उन्नत खेती कैसे की जाए इसके लिए बड़वानी, शाजापुर, कृषि विज्ञान केंद्र मंदसौर, भोपाल, महेश्वर, रतलाम इत्यादि अलग-अलग स्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब ये अपने तीन से चार बीघा खेत में बागवानी के साथ चिया, इसबगोल, तुलसी, अलसिया, चंद्रसुर, कॉलिमेट आदि औषधि फसलों की खेती करते हैं। इन औषधिय फसलों की खेती से इन्होंने अपनी आय को दोगुना कर लिया है। अब अन्य किसान भी इनसे प्रेरित होकर अपने खेतों में औषधीय फसलें उगा रहे हैं और इनसे प्रशिक्षण भी ले रहे हैं।अपने दो बीघा खेत में बागवानी मिशन अंतर्गत पपीता की खेती भी करते हैं। इस वर्ष इन्होंने ताइवान प्रजाति का पपीता अपने खेत पर लगाया। 700 पपीतो के पौधों 30 रुपए के भाव से बुलंदशहर से लेकर आए। एक पपीते के पौधे से एक कुंटल पपीता इनको प्राप्त होता है। और इनको मंडी में में 15 से 30 रुपए प्रति किलो के भाव से व्यापारी को बेचते है। जिससे इनको 2 लाख रुपए की आय प्राप्त हो जाती है। बागवानी की खेती और औषधि फसलों की खेती से साल भर में 5 से 7 लाख रुपए कमाते है। साथ ही बागवानी और औषधिय फसलों की खेती में 5 से 6 लोगों को रोजगार भी दे रखा है।
अपनी खेती बाड़ी में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करते हैं। जिससे पानी की बचत होती है और कम से कम पानी में अधिक सिंचाई हो जाती हैं। साथ ही उत्पादन भी बढ़ता है। अपनी खेती में किसी तरह का रासायनिक दवाई का भी उपयोग नहीं करते हैं। जैविक विधि से ही खेती करते हैं।बालमुकुंद पाटीदार कहते हैं कि आगामी समय में पपीता से अन्य खाने की चीजें निर्मित करने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करेंगे। जिससे पपीता के साथ अन्य औषधि फसलों से कुछ नया प्रोडक्ट निर्मित कर सके और उन प्रोडक्ट को निर्मित करके बाजार में बेचेंगे। जिससे आय में और अधिक वृद्धि होगी। और बीच में व्यापारी एवं बिचौलियों का झंझट नहीं रहेगा। साथ ही खेती का सीधा मुनाफा किसान को ही मिलेगा।