एमपी के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह के अफसर बेटे अमनबीर पर लगे गंभीर आरोप, बैतूल में कलेक्टर रहते हुए जमीन आवंटन का है मामला

एमपी के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह के अफसर बेटे अमनबीर पर लगे गंभीर आरोप, बैतूल में कलेक्टर रहते हुए जमीन आवंटन का है मामला
मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के महाप्रबंधक अमनबीर सिंह बैंस बैतूूल कलेक्टर रहते 36 एकड़ जमीन का प्रयोजन बदलने और उसे नियम विरुद्ध आवंटित करने के मामले में घिर गए हैं।
ऊर्जा विकास निगम के महाप्रबंधक अमनबीर सिंह बैंस बैतूूल कलेक्टर रहते 36 एकड़ जमीन का प्रयोजन बदलने और उसे नियम विरुद्ध आवंटित करने के मामले में घिर गए हैं। आवंटित जमीन पर 60 करोड़ से जेल विभाग नई जेल बनवा रहा है, बाकी जमीन उद्योग विभाग को दी है। जेल निर्माण की एजेंसी हाउसिंग बोर्ड के जरिए कलेक्टर ने पुरानी जेल की 6 एकड़ जमीन निजी कंपनी को आवंटित कर दी। मुख्य शहर के बीच की इस जमीन की कीमत 200 करोड़ से ज्यादा है। कंपनी मॉल और फ्लैट बनाना चाहती है। प्रोजेक्ट की कीमत 500 करोड़ से अधिक आंकी जा रही है।
आरोप है कि अमनबीर सिंह ने बैतूल कलेक्टर रहते 2022-2023 में कढ़ाई पंचायत में चरनोई की जमीन का प्रयोजन बदलकर नियम विरुद्ध आवंटन किया। इसके खिलाफ पंचायत ने ग्रामसभा में प्रस्ताव लिया। अब सुप्रीम कोर्ट के वकील आदित्य मिश्रा ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को 23 मार्च को नोटिस भेजा हैं
बैतूल जिले की कढ़ाई पंचायत के खसरा 123/1, 123/2, 123/3 की 7.499, 4.000, 2.430 हेक्टेयर व खसरा 176/2 की 2.430 हेक्टेयर समेत 36 हेक्टेयर जमीन 2022-2023 में जेल विभाग और उद्योग विभाग को दी।
पिता रहे मुख्य सचिव
2013 बैच के आइएएस अफसर अमनबीर सिंह के पिता इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव रह चुके हैं। अमन 9 फरवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 तक बैतूल कलेक्टर रहे। यह मामला जब हुआ तब वे ही सीएस थे। उस समय अमनबीर की गिनती ताकतवर अफसरों में होती थी।
अमनबीर बैंस पर लग रहे ये आरोप
पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 के तहत शहरी संपत्ति के बदले ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण नहीं कराया जा सकता, जबकि इस मामले में ऐसा ही हो रहा है। 36 एकड़ जमीन ग्राम पंचायत की है, जहां जेल बनाने वाली एजेंसियों को शहर की बेशकीमती जमीन दी है।
मध्यप्रदेश नजूल निर्वतन निर्देश 2020 की धारा 3 (ग) में उल्लेख है कि जो जमीन मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 237 (1) के तहत आरक्षित है, वह नजूल भूमि नहीं मानी जाएगी अर्थात चरनोई के लिए आरक्षित रहेगी। कढ़ाई की जमीन इसी के तहत दर्ज थी।
भू-राजस्व संहिता की धारा 237 (2) के तहत इस जमीन के प्रयोजन को बदलने संबंधी अधिकार 2011 में ही सरकार ने कलेक्टरों से वापस ले लिए थे। इसके बावजूद बैतूल कलेक्टर ने प्रयोजन बदला।
आवंटित जमीन पर महुआ, आचार, नीम, बरगद के अनगिनत पेड़ थे। जिला पंचायत की मदद से हरियाली खुशहाली योजना में तालाब बनवाया। 9 फरवरी 24 को खेड़ीसांवलीगढ़ नायब तहसीलदार ने प्रतिवेदन में पाया कि आवंटन में पेड़-तालाब का जिक्र नहीं है। इससे दोनों को नुकसान पहुंचा।