समस्यानीमचमध्यप्रदेश

दो दिन पूर्व फिर जलाया कचरा, नाडेफ को लेकर बनाया मजाक, अधिकारी ही उड़ा रहे स्वच्छता अभियान की धज्जियां

अधिकारियों का निर्देश भी हवा में झूल रहा, आखिर लापरवाह पर कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही है

नीमच। समीपस्थ ग्राम पंचायत जयसिंहपुरा में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही है। यहां जिम्मेदार अधिकारियों के निर्देश भी हवा में झूल रहे है। या तो अधिकारी नहीं चाहते वातावरण स्वच्छ रहे व वहां सफाई बनी रहे या फिर ग्राम पंचायत जयसिंहपूरा के जिम्मेदार जनपद व जिला स्तर के अधिकारियों को गुमराह करने में लगे है। क्योंकि नाडेफ़ वाली जगह आज भी कचरा डाला जा रहा है। कचरा जलाने पर प्रतिबंध के बावजूद वहां जानबूझकर कचरा जलाकर रहवासियों के स्वास्थ्य के थे खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां के हालत को देख लगता है कि इसके जिम्मेदार लोग भी नहीं चाहते कि समस्या का निदान हो।
ज्ञात रहे कि ग्राम पंचायत जयसिंहपुरा में  नाड़ेफ के नाम पर खाद बनाने हेतु जगह तो बनाई गई है लेकिन वहां खाद ना बनाकर गंदगी युक्त कचरा, पॉलीथिन डाली जा रही है और तो और उस कचरे को जलाया भी जा रहा है। जिससे हालत बदतर हो रहे है।  आसपास निवासरत रहवासियों को भारी परेशानियां उठाना पड़ रही है। उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यहां ना तो जनसुनवाई काम आ रही है ना ही कोई शिकायती आवेदन पर कार्यवाही हो पा रही है। जिम्मेदारों का आलम तो यह है वे समस्या से निदान करने हेतु आवेदन देने वाले रहवासी को शिकायत उठाने का दबाव बनाते है।
ग्राम जयसिंह पुरा के स्वच्छता के नाम पर हालात बदतर हो रहे है। यहां स्वच्छता अभियान की धज्जिया उड़ रही है।
उक्त हालातो से पीड़ित रहवासी परितोष ताम्रकार बताते है कि उन्होंने जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत से लेकर जनसुनवाई व जिला कलेक्टर को भी शिकायत कर रखी है। बीते दो साल से समस्या निदान हेतु जंग लड़ रहे है। लेकिन उनकी समस्या का निदान करना तो दूर जिम्मेदारों के द्वारा शिकायत करता को  शिकायत उठाने की कहा जाता है और तो और पीड़ित रहवासी के द्वारा जनसुनवाई मे निदान की आस में की गई शिकायत को भी जिम्मेदारों के द्वारा आवेदक को बिना संतुष्ठ किये उसे बिना बताये ही शिकायत बंद कर दी जाती है।
शिकायतकर्ता परितोष ताम्रकार ने बताया की ग्राम-जयसिंहपुरा मे पंचायत द्वारा गीला कचरा डालकर खाद बनाने के लिए नाडेफ का निर्माण किया है उसमे खाद नही बनाया जाता है पूरे गाँव का कचरा डालकर जलाया जाता है। श्री ताम्रकर ने बताया कि नाडेफ की जगह आवेदक उनके घर के सामने बनी हुई है कचरा जलाने से उनके घर के लोग बीमार हो रहे है।
पूर्व में भी जब इस समस्या को उठाया था तब पत्रकार के सवाल के जवाब में जनपद सीईओ आर.के.पालनपुरे ने कहा था कि वह जगह खाद बनाने की नहीं है, कचरा सन्ग्रहण के लिए ही जगह है।  उस जगह को नाडेफ नहीं बोला गया है। वैसी जगह गांव में स्वच्छता अभियान  के तहत बनाई गई है। हर सप्ताह बराबर उसकी सफाई होती है। यदि अभी वहां गंदगी है तो और सफाई करवा देंगे। कचरा उठवाने के लिये अभी बोलता हॅू,। वहां कचरा नहीं जलाया जाता है। यदि वहां किसी ने कचरा जलाया इसमें जो भी दोषी होगा उसे नोटिस देकर कार्यवाही की जायेगी।
जनपद सीईओ के उक्त कथन भी हवा में ही जुल रहा है। क्योंकि वहां कचरा जलाया जा रहा है और यह वाकया दो दिन पूर्व ही हुआ है।
*शिकायतकर्ता की जुबानी-*
शिकायतकर्ता परितोष ताम्रकार ने कहा कि सभी ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों की बेशर्मी और इनकी हठधर्मिता देख रहे है। ये सफाई के नाम पर बड़ी बड़ी डींगे हांकेंगे। पर स्वच्छता अभियान के नाम पर काम भी नहीं करेंगे। दो दिन पूर्व भी कचरे में आग लगाई इसके सबूत के तौर पर इनको सीसीटीवी बताने जाओ तो जिम्मेदार अधिकारी सिरे से खारिज कर देंगे। इनको हमारी पीड़ा से कोई मतलब ही नहीं है। श्री ताम्रकार ने बताया कि 181 पर शिकायत करो तो जनपद के अधिकारी कर्मचारी उनको गुमराह कर बोल देंगे कि कोई आग नहीं लगती। ग्राम पंचायत सचिव को जानकारी है लगातार कचरा जला रहे है तो यही माना जाएगा कि उनके संरक्षण में ही गंदगी फैल रही है और कचरा जलाया जा रहा है। सभी जिम्मेदारो से बात करो तो बोल देंगे कचरा प्वाइंट है , आग कोई लगा देता होगा। इससे लगता है कि  इन सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधियों को ना तो कचरे वाली जगह इनको हटवाना है और ना ही कचरा उठवाना है । अधिकारियों की अनदेखी से लगता है कि आग भी लगेगी उसमें प्रतिबंधित डाइपर,  सैनिटरी पैड भी डालेंगे और जलाएंगे। ये लोग रहवासियों को बीमारी की गिरफ्त में डाल रहे है। जिसके जवाबदार समस्त जिम्मेदार लोग है।

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