छात्रों के गणवेश कि राशि में लुटपाट, स्व सहायता समूह की महिलाओं का रोजगार छीना

घटिया कपड़े कि गणवेश दिलाकर अफसरों ने किया लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का खेल
मंदसौर। छात्रों के गणवेश में अधिकारियों की बड़ी लुट पाट का पता चला है। अधिकारियों ने स्व-सहायता समूह कि महिलाओं का रोजगार छिन कर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का खेल किया है। इसका खुलासा स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा की गई शिकायत में हुआ। इसके मुताबिक नियम विरूद्ध तरीके से महिलाओं को रेडीमेड गणवेश दी गई जबकि इन महिलाओं को स्वयं गणवेश की सिलाई करना थी।गणवेश में गड़बड़ झाला इस तरह हुआ कि समूह को सिर्फ कपड़ा (कटिंग मटेरियल) प्रदाय करने वाली कंपनी ने प्रति गणवेश सिलाई की अनुबंध दर 161 रुपए रखी थी। सिलाई के बाद महिलाओं को प्रति गणवेश 300 रुपए मिलना थे लेकिन महिलाओं पर दबाव बनाकर अधिकारियों ने रेडीमेड गणवेश दी और 80 रुपए प्रति गणवेश के लिए इस तरह रेडीमेड गणवेश औसतन 240 रुपए में पड़ी। जानकारों का कहना है कि 67 फीसदी पॉलिस्टर, 33 फीसदी कॉटन या विस्कोल के कपड़े की सामान्यतः रेडीमेड गणवेश 210 से 220 रुपए के बीच आ जाती है। अफसरों ने मिलीभगत से प्रति गणवेश कम से कम 30 रुपए कमाए । यानी कि जिले में 64 हजार विद्यार्थियों को दो ड्रेस के मान से 1 लाख 28 हजार गणवेश दी जाना है। इस तरह इसमें लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का खेल किया गया।लाखों रुपए के इस भ्रष्टाचार को लेकर जिपं अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत कि गई।
भ्रष्ट आधिकारीयो पर सख्त हुई ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्री मती दुर्गा पाटीदार, सीएम को लिखा पत्र
मंदसौर ज़िले में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमे बड़े अधिकारियो की मिली भगत से भ्रष्टचार कर कई योजनाओं की राशि में सेंध लगाई है। ऐसा ही एक मामला हाल ही में स्कूल यूनिफार्म का भी सामने आया है। जिसको लेकर ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्री मती दुर्गा विजय पाटीदार ने इसकी जांच और दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है की जिले में स्कूल यूनिफार्म सिलाई और ऐसे कार्य जिनमें शासन द्वारा बड़ी राशि सीएलएफ, ग्राम संगठन और स्वसहायता समूह की महिलाओ को दी जा रही है. उसमे जिले और विकासखंड के अधिकारी मनमानी और तानाशाही कर अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहे है, जिसके कारण स्कूल के छात्र छात्राओ को अत्यन्त खराब गुणवता की स्कूल यूनिफार्म प्रदान की गई, जिससे स्कूल ड्रेस प्रदान किये जाने के तीन चार महीनो बाद ही खराब होकर पहनने लायक नहीं बची है और स्वसह्यता समूह की महिलाओ को मिलने वाला लाभ भी अधिकारियों द्वारा छिना जा रहा है।श्रीमती पाटीदार ने सीएम से आग्रह किया है की वित्तीय वर्ष 2022-23 में आजीविका मिशन के अतर्गत मंदसौर जिले को प्रदान की गई राशी के उपयोग में हो रही अनियमितता और प्रदाय की गई स्कूल ड्रेस के सम्बन्ध में विस्तृत जाँच करने हेतु आदेश जारी करने की कृपा करे ।