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गायत्री परिवार व वर्क संस्था द्वारा शिवना नदी के घाटों पर चलाया सफाई अभियान चलाया

शिवना का घाट स्नान की जगह गंदे कपड़े धुलाई का घाट बना
मन्दसौर। गायत्री परिवार द्वारा गत 12 वर्ष से शिवना नदी की सफाई करता आ रहा है। कई अन्य संस्थाएं भी इस कार्य में सहयोग प्रदान करती रही है लेकिन शिवना में गंदे नालों का पानी मिलने से पानी दूषित होता जा रहा है। इस वर्ष अभी से पानी दूषित होना शुरू हो गया है जिससे भविष्य में पानी का संकट पैदा सकता है।
जल ही जीवन है, मॉ शिवना व बावड़ियों के पानी से ही कुएं और हेण्डपम्प रिचार्ज होते है तथा वाटर लेवल सही बना रहता है। जिससे नगर में पूरे साल पानी की कमी नहीं होती है। मुख्य पेयजल स्त्रोत नदी और बावड़ियों की सफाई का अभियान शासन प्रशासन को चलाना चाहिये। जिससे पानी पीने योग्य बना रहे। गायत्री परिवार द्वारा कई बार शिवना घाट पर एक गार्ड की ड्यूटी लगाने तथा डस्टबीन लगाने, होर्डिंग्स लगाने व गंदगी फैलाने वालों पर चालानी कार्यवाही की मांग की गई जिससे मॉ शिवना में की जा रही गंदगी पर रोक लग सके लेकिन जिम्म्मेदार अनुसूनी कर रहे है।
आज स्थिति यह हो गई है कि शिवना घाट स्नान की जगह गंदे कपड़े धुलाई का घाट बन चुका है। पशुपतिनाथ दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का मॉ शिवना को देखकर मन दुखी होता है। इस और भी मंदिर समिति व प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है। शिवना घाटों की धुलाई व परिसर की सफाई की जाना चाहिये।
गायत्री परिवार व वर्क संस्था ने 2 घण्टे तक सफाई की गई। अभियान प्रभारी हर्ष शर्मा ने सामाजिक संगठनों व वर्क संस्था ने नगरपालिका को पत्र लिखा लेकिन कोई नहीं आया और ना ही साधन भेजे। शिवना सफाई में एक ट्राली गंदे कपड़े निकाले जिन्हें दोनों घाटों पर इकट्ठा कर दिया है और नगरपालिका अधिकारी को अवगत करा दिया गया। गायत्री परिवार व वर्क संस्था इस पुनीत कार्य में लगकर जनजागृति का कार्य कर रही है।
गायत्री परिवार के सदस्य योगेशसिंह सोम ने कहा कि पेयजल स्त्रोतों की अनदेखी से आने वाले समय में जल संकट पैदा हो सकता है। सभी सामाजिक संगठन मिलकर, नदी, तालाब, बावड़ी के स्वच्छता अभियान से जुड़े व शासन प्रशासन भी सहयोग प्रदान करे।
सफाई अभियान में वर्क संस्था के जाफर हुसैन, गायत्री परिवार के कन्हैयालाल शर्मा, कादर मंसूरी एडवोकेट, हर्ष शर्मा, नुकुल, नन्दूबाई, हर्ष शर्मा, योगेशसिंह सोम और पतंजलि योग पीठ के योग गुरू बंशीलाल टांक आदि ने सहयोग प्रदान किया।
जल ही जीवन है, मॉ शिवना व बावड़ियों के पानी से ही कुएं और हेण्डपम्प रिचार्ज होते है तथा वाटर लेवल सही बना रहता है। जिससे नगर में पूरे साल पानी की कमी नहीं होती है। मुख्य पेयजल स्त्रोत नदी और बावड़ियों की सफाई का अभियान शासन प्रशासन को चलाना चाहिये। जिससे पानी पीने योग्य बना रहे। गायत्री परिवार द्वारा कई बार शिवना घाट पर एक गार्ड की ड्यूटी लगाने तथा डस्टबीन लगाने, होर्डिंग्स लगाने व गंदगी फैलाने वालों पर चालानी कार्यवाही की मांग की गई जिससे मॉ शिवना में की जा रही गंदगी पर रोक लग सके लेकिन जिम्म्मेदार अनुसूनी कर रहे है।
आज स्थिति यह हो गई है कि शिवना घाट स्नान की जगह गंदे कपड़े धुलाई का घाट बन चुका है। पशुपतिनाथ दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का मॉ शिवना को देखकर मन दुखी होता है। इस और भी मंदिर समिति व प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है। शिवना घाटों की धुलाई व परिसर की सफाई की जाना चाहिये।
गायत्री परिवार व वर्क संस्था ने 2 घण्टे तक सफाई की गई। अभियान प्रभारी हर्ष शर्मा ने सामाजिक संगठनों व वर्क संस्था ने नगरपालिका को पत्र लिखा लेकिन कोई नहीं आया और ना ही साधन भेजे। शिवना सफाई में एक ट्राली गंदे कपड़े निकाले जिन्हें दोनों घाटों पर इकट्ठा कर दिया है और नगरपालिका अधिकारी को अवगत करा दिया गया। गायत्री परिवार व वर्क संस्था इस पुनीत कार्य में लगकर जनजागृति का कार्य कर रही है।
गायत्री परिवार के सदस्य योगेशसिंह सोम ने कहा कि पेयजल स्त्रोतों की अनदेखी से आने वाले समय में जल संकट पैदा हो सकता है। सभी सामाजिक संगठन मिलकर, नदी, तालाब, बावड़ी के स्वच्छता अभियान से जुड़े व शासन प्रशासन भी सहयोग प्रदान करे।
सफाई अभियान में वर्क संस्था के जाफर हुसैन, गायत्री परिवार के कन्हैयालाल शर्मा, कादर मंसूरी एडवोकेट, हर्ष शर्मा, नुकुल, नन्दूबाई, हर्ष शर्मा, योगेशसिंह सोम और पतंजलि योग पीठ के योग गुरू बंशीलाल टांक आदि ने सहयोग प्रदान किया।