
आलोट नगर का सिविल हॉस्पिटल वेंटिलेटर पर…?डॉक्टर्स से लेकर स्टाफ की कमी सिविल हॉस्पिटल की बदहाल व्यवस्था,
आलोट। शासकीय सिविल अस्पताल कई वर्षो से अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा हे। यहां कई वर्षो से चिकित्सकों और स्टाफ की पूर्ति नही हुई और अन्य सुविधाओ को लेकर भी यह सिविल हॉस्पिटल जुझ रहा है। इस सिविल हॉस्पिटल की दिनों-दिन स्थितियां बिगड़ती जा रही है। कहने को यह सिविल हॉस्पिटल है किन्तु इस सिविल हॉस्पिटल में सामुहिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी भी सुविधा नही है। सिविल हॉस्पिटल की व्यवस्था चरमराई हुई है। बीएमओ का इस और ध्यान नही है। ऐसा प्रतीत होता है मानो की मूलभूत समस्याओं से जनप्रतिनिधी अनभिज्ञ है। रतलाम जिले के अंतिम छोर पर स्थित आलोट तहसील के शासकीय सिविल अस्पताल की हालत आज से नही वर्षो से बदहाल है किसी का इस और ध्यान नही है जो आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। आलोट में शासकीय सिविल अस्पताल में चिकित्सको और स्टाफ की कमी को लेकर स्थित आज भी जस की तस बनी हुई है।*
वेंटिलेटर पर है क्षेत्र का शासकीय सिविल अस्पताल….!
स्थानीय लोगो के मुताबिक आलोट का सिविल हॉस्पिटल कहने को भले जिले का दुसरे नम्बर का अस्पताल हो किन्तु व्यवस्था के नाम पर ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समकक्ष भी नही है। इस अस्पताल में एक लेडी डाॅक्टर तथा तीन डाॅक्टर है जिसमे बीएमओ देवेन्द्र मौर्य आधे समय मिटिंगो में अपनी सेवाएं दे रहे है वे भी अपनी मनमर्जी के मुताबिक बिना सुविधाओ के सेवाएं दे रहे है। यानि कुल मिलाकर फिलहाल ये सिविल अस्पताल मरीजो के लिए केवल रैफर पर्ची बनवाने तक ही सीमित है। मरीज अपनी बिमारी से अधिक अस्पताल की दुर्दशा से व्यथित हो जाता है।
जानकारी के अनुसार जनप्रतिनिधि भी समय-समय पर सिविल हॉस्पिटल में आते है फोटू खिचाकर चले जाते है अस्पताल में बीएमओ कक्ष में डाॅक्टर से लाग लपाते चले जाते है। सिविल हॉस्पिटल में डाॅक्टरो की कमी उने दिखाई नही देती सिविल अस्पताल में चली आ रही सुविधाओ को लेकर इनका ध्यान नही जाता है। बीएमओ कक्ष में गपे माते रहते है। डाॅक्टर तथा अन्य सुविधाओ को लेकर कोई चिंतित नही है।