शहडोल में हुई प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव, मिले 32 हजार 500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव

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शहडोल में हुई प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव, मिले 32 हजार 500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव
शहडोल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि शहडोल संभाग कई कारणों से पिछड़ा था, लेकिन अब विकास होगा। यहां उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव से पूरा शहडोल संभाग लाभांवित होगा। संभाग के तीनों जिलों- शहडोल, उमरिया और अनूपपुर का विकास होगा।अनेक उद्योगपतियों ने यहां उद्योग लगाने में रुचि दिखाई है। 15 उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा हुई है। 102 इकाइयों के लिए 32 हजार 500 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।इस निवेश के माध्यम से 30 हजार 925 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री यादव ने गुरुवार को शहडोल में आयोजित प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के बाद पत्रकारों को दी।
बड़ी कंपनियों ने दिया निवेश का प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि कान्क्लेव में कल्पना से अधिक निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसमें सारदा ग्रुप, रिलायंस, टोरेंटो, बजरंग पावर सहित कई बड़ी कंपनियों के साथ बाबा रामदेव ने भी निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। सारदा ग्रुप अकेले तीन हजार करोड़ का निवेश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में शहडोल अपनी अलग पहचान बनाएगा। जल्द ही यहां सड़कों का जाल बिछाया जाएगा और एयरपोर्ट जैसी सभी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। शहडोल में रिंग रोड और अनूपपुर में बाइपास बनाने की घोषणा भी की। उद्योगपतियों को संबोधित करने के दौरान ही मुख्यमंत्री ने अगले सत्र से शहडोल इंजीनियरिंग कालेज में स्नातक बीटेक की कक्षाएं शुरू करने की भी घोषणा की।
शहडोल में उद्योग की अपार संभावनाएं
कान्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री उद्योगपतियों के बीच गए और उनसे बातचीत करने साथ निवेश के प्रस्ताव लिए। इस दौरान अधिकारियों ने तीन सत्रों में अपने विभाग के संबंधित जानकारियां भी उद्योगपतियों के सामने रखीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि ये निवेश प्रस्ताव खनिज, नवकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, स्टील प्लांट, कृषि और उद्यानिकी क्षेत्रों से संबंधित है। शहडोल क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना की अपार संभावनाएं हैं। यय उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से समीप है। शहडोल खनिज संसाधनों से समृद्ध है, जिसमें कोयला, बाक्साइट, फायर क्ले और ग्रेनाइट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
यहां की वन संपदा और जैव विविधता इसे वन आधारित उद्योगों और औषधीय उत्पादों का प्रमुख केंद्र बनाती है। पर्यटन की दृष्टि से अमरकंटक नर्मदा और सोन नदियों का उद्गम स्थल है। धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र है।
उमरिया जिले में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, सरसी आइलैंड पर्यटकों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि कान्क्लेव में उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ किए गए संवाद से यह स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय एमएसएमई को बड़े उद्योगों के साथ साझेदारी करने के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उनकी वृद्धि को बल मिलेगा व कुटीर, ग्रामोद्योग को भी इकोसिस्टम में जुड़ने का अवसर मिलेगा। मध्य प्रदेश की अग्रसर औद्योगिक नीति और अनुकूल औद्योगिक वातावरण होने के कारण निवेश के निरंतर प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं, जो हमारी प्रगतिशील औद्योगिक नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। इस दौरान उप मुख्यमंत्री व शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल, कुटीर व ग्रामीण उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल, शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह और विधायक जयसिंह नगर मनीषा सिंह की भी उपस्थित रहीं।
वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
वर्ष-2025 उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट (जीआइएस) से इसकी शुरुआत होगी। राज्य का 1.25 लाख एकड़ में फैला विशाल औद्योगिक भूमि बैंक, 112 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और 14 नए ग्रीनफील्ड औद्योगिक क्षेत्रों के प्रस्ताव ने निवेशकों को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां टेक्सटाइल, फार्मा, खाद्य प्र-संस्करण, आटोमोबाइल और इलेक्ट्रानिक्स जैसे बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक क्लस्टर्स ने राज्य को निवेश के लिए समृद्ध स्थान बना दिया है।