जनभागीदारी अध्यक्ष से उलझना पडा भारी मंदसौर पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ वर्मा निलंबित
जनभागीदारी अध्यक्ष से उलझना पडा भारी मंदसौर पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ वर्मा निलंबित
मंदसौर। इन दिनों मंदसौर पीजी कॉलेज राजनीतिक अखाड़ा बन गया है। एबीवीपी छात्र संघ ने कॉलेज प्राचार्य के व्यवहार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वही एनएसयूआई द्वारा भी प्राचार्य के समर्थन में लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसे में छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने बुधवार की शाम को एक लेटर जारी कर कॉलेज प्राचार्य श्री डॉ राजकपुर वर्मा को निलंबित कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी लेटर में लिखा है की डॉ राजकूपर वर्मा, प्राध्यापक, वाणिज्य, एवं प्रभारी प्राचार्य, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर द्वारा छात्राओं से मर्यादित भाषा का प्रयोग करने के संबंध में दिनांक 21.12.2024 को थाना वायडीनगर मंदसौर में धारा 79 बीएनएस के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है।
डॉ० कूपर का उक्त कृत्य म०प्र० सिविल सेवा (आचरण) नियमों के विपरीत है। अत: राज्य शासन द्वारा डॉ राजकूपर वर्मा, प्राध्यापक, वाणिज्य, एवं प्रभारी प्राचार्य, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में डॉ कूपर का मुख्यालय, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा, उज्जैन संभाग उज्जैन निर्धारित किया जाता है। निलंबन अवधि में डॉ. कूपर को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
जनभागीदारी अध्यक्ष नरेश चंदवानी को कर रहे थे टारगेट
कॉलेज के जनभागीदारी अध्यक्ष नरेश चंदवानी को प्राचार्य वर्मा लगातार टारगेट कर रहे थे। श्री चंदवानी के कार्यकाल में खरीदे गये टेबलेट भी प्राचार्य ने कॉलेज से गायब होना बता दिया था जबकि टेबलेट कॉलेज में ही थे वहीं कॉलेज में बना जनभागीदार अध्यक्ष का कक्ष भी प्राचार्य ने हटवा दिया था। अब प्राचार्य वर्मा को नरेश चंदवानी से भिडना महंगा पड गया और वे अब निलंबित हो चुके है।