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एफडीपी वाडी परियोजना: मन्दसौर के किसानों ने आधुनिक खेती से बढ़ाई आय

किसानों ने वाडियों में उगाई जा रही अंतरवर्तीय फसलों पर चर्चा कर उनकी उन्नत खेती पद्धतियों का अध्ययन किया
मन्दसौर जिले में एचडीएफसी बैंक परिवर्तन के तहत बाएफ लाइवलीहुड्स द्वारा संचालित एफडीपी वाडी परियोजना ने क्षेत्रीय किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने और उनकी आय में वृद्धि करने में अहम भूमिका निभाई है। इसी क्रम में बाएफ पुणे से आए परियोजना समन्वयक चेतन दुबे और विषय विशेषज्ञ सुश्री नेहा खन्ना ने 7-8 जनवरी 2025 को दो दिवसीय तकनीकी भ्रमण किया।
भ्रमण के दौरान टीम ने परियोजना कार्यालय शामगढ़ में संधारित दस्तावेजों की गहन समीक्षा की और परियोजना टीम से तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की। निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्राम आगर, हतई, लसुडिया, गोपालपुरा टेंक, गुराडिया नरसिंग और खजुरी रुण्डा में संतरे की वाडियों का अवलोकन किया गया। इन वाडियों में उगाई जा रही अंतरवर्तीय फसलों जैसे लहसुन, प्याज और सब्जियों पर चर्चा कर उनकी उन्नत खेती पद्धतियों का अध्ययन किया गया।
नई तकनीकों और किस्मों से बढ़ा उत्पादन: परियोजना टीम ने ‘‘एक जिला, एक उत्पाद‘‘ योजना को ध्यान में रखते हुए, मन्दसौर जिले को वाडी के साथ लहसुन की उन्नत खेती में नई ऊंचाई पर पहुंचाने का प्रयास किया है। 2022 से चल रही इस परियोजना ने समेकित पोषक तंत्र प्रबंधन (आईएनएम) और समेकित कीट प्रबंधन (आईपीएम) जैसे वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया है। इस वर्ष, 20 प्रदर्शन प्लॉट पर ‘‘यमुना सफेदा‘‘ नामक लहसुन की नवीन किस्म का परीक्षण किया गया। प्रतिभागी किसानों ने बताया कि इन नई विधियों और किस्मों ने परंपरागत खेती के मुकाबले अधिक उत्पादन सुनिश्चित किया है।
डेटा संग्रहण और भविष्य की रणनीति: भ्रमण के दौरान एफडीपी वाडी परियोजना के प्रभावों का सटीक एवं विस्तृत आंकलन करने हेतु डेटा संग्रहण की आवश्यकता पर जोर दिया गया। टीम ने किसानों और प्रतिभागियों को सूक्ष्म स्तर पर अभिमुखीकरण प्रदान करते हुए उनकी फसल प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत किया।
प्रमुख सहभागिता और किसान प्रेरणा: इस भ्रमण में परियोजना अधिकारी आर.जी. गुप्ता, कृषि एवं उद्यानिकी विशेषज्ञ सुरेश मेवाड़ा, रविन्द्र पाटीदार, मयंक यादव, विजय धाकड़ और देवेन्द्र चौहान सहित प्रमुख वाडी प्रतिभागी किसान लक्ष्मीनारायण, सुखदेव, राधेश्याम, आनंदीलाल, राजेंद्र, ओम प्रकाश, विनोद और प्रकाश, राहुल सहित 60 से अधिक किसान उपस्थित रहे। सभी किसानों ने एफडीपी परियोजना द्वारा दी गई तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण की सराहना करते हुए इसे अपनी आय में वृद्धि का मुख्य कारण बताया।
सफलता और आभार: एफडीपी वाडी परियोजना ने संतरे की वाडियों में अंतरवर्तीय फसलों की उन्नत खेती को बढ़ावा देकर क्षेत्र में कृषि विकास का नया मॉडल प्रस्तुत किया है। वाडी प्रतिभागियों ने एफडीपी वाडी परियोजना की सफलता के लिए बताया कि इस परियोजना ने परंपरागत कृषि को आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़कर किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया है। इस पहल को क्षेत्र में अन्य किसानों तक विस्तार देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं इसके लिये एचडीएफसी बैंक और बाएफ लाइवलीहुड्स का आभार व्यक्त किया।
भ्रमण के दौरान टीम ने परियोजना कार्यालय शामगढ़ में संधारित दस्तावेजों की गहन समीक्षा की और परियोजना टीम से तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की। निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्राम आगर, हतई, लसुडिया, गोपालपुरा टेंक, गुराडिया नरसिंग और खजुरी रुण्डा में संतरे की वाडियों का अवलोकन किया गया। इन वाडियों में उगाई जा रही अंतरवर्तीय फसलों जैसे लहसुन, प्याज और सब्जियों पर चर्चा कर उनकी उन्नत खेती पद्धतियों का अध्ययन किया गया।
नई तकनीकों और किस्मों से बढ़ा उत्पादन: परियोजना टीम ने ‘‘एक जिला, एक उत्पाद‘‘ योजना को ध्यान में रखते हुए, मन्दसौर जिले को वाडी के साथ लहसुन की उन्नत खेती में नई ऊंचाई पर पहुंचाने का प्रयास किया है। 2022 से चल रही इस परियोजना ने समेकित पोषक तंत्र प्रबंधन (आईएनएम) और समेकित कीट प्रबंधन (आईपीएम) जैसे वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया है। इस वर्ष, 20 प्रदर्शन प्लॉट पर ‘‘यमुना सफेदा‘‘ नामक लहसुन की नवीन किस्म का परीक्षण किया गया। प्रतिभागी किसानों ने बताया कि इन नई विधियों और किस्मों ने परंपरागत खेती के मुकाबले अधिक उत्पादन सुनिश्चित किया है।
डेटा संग्रहण और भविष्य की रणनीति: भ्रमण के दौरान एफडीपी वाडी परियोजना के प्रभावों का सटीक एवं विस्तृत आंकलन करने हेतु डेटा संग्रहण की आवश्यकता पर जोर दिया गया। टीम ने किसानों और प्रतिभागियों को सूक्ष्म स्तर पर अभिमुखीकरण प्रदान करते हुए उनकी फसल प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत किया।
प्रमुख सहभागिता और किसान प्रेरणा: इस भ्रमण में परियोजना अधिकारी आर.जी. गुप्ता, कृषि एवं उद्यानिकी विशेषज्ञ सुरेश मेवाड़ा, रविन्द्र पाटीदार, मयंक यादव, विजय धाकड़ और देवेन्द्र चौहान सहित प्रमुख वाडी प्रतिभागी किसान लक्ष्मीनारायण, सुखदेव, राधेश्याम, आनंदीलाल, राजेंद्र, ओम प्रकाश, विनोद और प्रकाश, राहुल सहित 60 से अधिक किसान उपस्थित रहे। सभी किसानों ने एफडीपी परियोजना द्वारा दी गई तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण की सराहना करते हुए इसे अपनी आय में वृद्धि का मुख्य कारण बताया।
सफलता और आभार: एफडीपी वाडी परियोजना ने संतरे की वाडियों में अंतरवर्तीय फसलों की उन्नत खेती को बढ़ावा देकर क्षेत्र में कृषि विकास का नया मॉडल प्रस्तुत किया है। वाडी प्रतिभागियों ने एफडीपी वाडी परियोजना की सफलता के लिए बताया कि इस परियोजना ने परंपरागत कृषि को आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़कर किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया है। इस पहल को क्षेत्र में अन्य किसानों तक विस्तार देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं इसके लिये एचडीएफसी बैंक और बाएफ लाइवलीहुड्स का आभार व्यक्त किया।