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जहां विवाद की स्थिति हो वहां चुप रहना ही उचित- पं. दशरथभाई


श्री राम कथा श्रवण करने संजय गांधी उद्यान में बड़ी संख्या में पहुंच रहे है धर्मालुजन


मन्दसौर। श्री सुयश रामायण मंडल के तत्वाधान में संजय गांधी उद्यान में कथा प्रवक्ता पं. दशरथ भाईजी से संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन हो रहा है। जिसे श्रवण करने बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित हो रहे है।
श्री राम कथा के द्वितीय दिन पंडित दशरथ भाई जी ने कहा कि जहां विवाद की स्थिति हो वहां चुप रहना ही उचित है जिस तरह मां सती को जब शिवजी कथा सुना रहे थे तो राम कथा में उन्हें राम के सीता विलाप पर संशय किया और उनकी परीक्षा लेने चली गई और सती ने राम की परीक्षा लेने के लिए माता सीता का स्वरूप धारण किया तो पहले लक्ष्मण जी ने मां को देखा तो उन्होंने देखा की मां आज इस स्वरूप में कैसे आई, उन्होंने चुप रहने में  ही भला समझो, उसके पश्चात सती राम जी के समक्ष गई तो राम जी हाथ जोड़कर उनसे कहां की माता आप अकेले आए महादेव नहीं आए तो फिर सती को ज्ञात हो गया की राम सर्वज्ञ है उन्हें सब पता है। मैं शिवजी की बात मानती तो ठीक रहता है शिवजी ने सही कहा था लेकिन क्या करें ,सती पुनः शिव जी के पास गई तो सती से जब रामजी की परीक्षा ले ली है तो सती में शिव से झूठ बोला कि नहीं मैं तो उनका दर्शन करने गई थी लेकिन शिव ने उनसे कुछ कहा नहीं । उन्होंने अपने आपको मौन धारण कर सती का त्याग कर दिया और 87000 साल तक समाधि में बैठे गए थे। उसके बाद शिव ने सती को आसन दिया और अपने सामने बिठा दिया तो फिर सती को समझ में आ गया कि शिव ने मेरा त्याग कर दिया।
प्रातः कथा के प्रारंभ में संत श्री कृष्णानंद जी महाराज भी पधारे। संध्या आरती में भागवत कथा के मुख्य जजमान सुरेश भावसार व श्रीमती माया भावसार ने आरती की। साथ राजू कहार, दिलीप मौर्य, लक्ष्मीनारायण मोदी, वीरेन्द्र देवड़ा, भगवती शर्मा, जगतदेव शुक्ला (डीपीसी), प्रदीप श्रीवास्तव आदि ने भी उपस्थित होकर आरती में भाग लिया।

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