काला सोना अफीम के डोड़े को खेत में बचाने की अनोखी पहल, लुवाई चिराई का कार्य हुआ प्रारंभ

राजू पटेल
कुकड़ेश्वर-नीमच जिले में काला सोना निकालने का कार्य प्रारंभ हो चुका है मध्य प्रदेश पटेल संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र पटेल ने कुकड़ेश्वर नगर के नंबरदार मुखिया जसवंत भोपा के खेत पर पटेल ने स्वयं ने दौड़े से दूध इकट्ठा किया एवं शर्पले से दूध को दौड़े से लेकर अनुभव किया कि वास्तव में एक किसान बहुत मेहनत करता है पर एक अनोखी पहल अफीम को बचाने के लिए अनोकी पहल देखने को मिली किसान के द्वारा 10 आरीके पटे को पूरी अफीम खत्म ना हो ऑडी पड़ जाती है जड़ों में बीमारी लगने से सडन होने पर अफीम ऑडी पड़ जाती है उसकी रोकथाम के लिए पूरे खेत में लकड़ी के खूंटे लगाकर सुतली की रस्सी से पूरे खेत में पूरी अफीम के प्लांट को इस तरह बांध दिया की हवा चलने पर अफीम का पौधा जमीन पर ना नहीं गिर सकता लगभग 11000 से 15000 तक का खर्च सिर्फ इस अनोखी पहल में बचाव हेतु खर्च लगता है
किसान गिरजा शंकर मालवीय ने बताया इस तरह के बचाव हेतु अन्य महत्वपूर्ण प्रयोग के लिए भी किया जाता है नीमच जिले में अफीम की फसल की पैदावार होती है साथ ही अफीम किस समय- पर इसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहता है विनोद मालवीय ने कहा है क्योंकि अफीम की फसल को बचाने के लिए किसानों को कहीं प्रकार के हथकंडे भी अपनाने पढ़ते हैं ताकि फसल को सुरक्षित रखा जा सके किसान नरेंद्र मालवी धन्ना ने कहा कि अफीम किसान लगातार अफीम के उत्पादन पर ध्यान दे रहा है एवं लुवाई चिराई का कार्य क्षेत्र में शुरू हो गया है
किसान यशवंत भोपाल मुखिया लंबरदार ने कहा है की लुवाई चिराई से पहले किसान अफीम प्लांट पर जाते हैं जहां पर अफीम बोई गई वहां पर पूजा अर्चना की जाती है उसके बाद काला सोना निकालने का कार्य प्रारंभ किया जाता है पटेल ने लगातार मध्य प्रदेश राजस्थान से भारती अफीम संघर्ष समिति के संगठन के द्वारा किसानों के हित में बार-बार यह मांगे उठाई जाती है शासन प्रशासन एवं राज्य सरकार से यही मांग करते हैं कि जीपीएस पद्धति को खत्म करें एवं लुवाई चिराई के जो अफीम पट्टे दिए जा रहे हैं वह लूणी चिरी के ही दिए जाएं एवं किसानों को नए अफीम के पटे भी दिए जाएं।