नीमचमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश नीमच 17 दिसंबर 2024 मंगलवार

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आर.सी.एम.एस. में दर्ज प्रकरणों को प्राथमिकता से समय सीमा में निराकृत करे– श्रीमती गामड़

ए.डी.एम. ने की, राजस्‍व अभियान की प्रगति की समीक्षा

नीमच 16 दिसम्‍बर 2024, राजस्‍व महाअभियान के तहत आर.सी.एम.एस. में दर्ज नये राजस्‍व प्रकरणों को प्राथमिकता से समय सीमा में सभी राजस्‍व अधिकारी निराकृत करें। स्‍वामित्‍व योजना के तहत शेष रहे सभी गांवों की आर.ओ.आर. एन्‍ट्री का कार्य विशेष टीम लगाकर तत्‍काल करवाए। सी.एम. हेल्‍पलाईन में दर्ज शिकायतों के निराकरण के लिए सभी राजस्‍व अधिकारी दो दिन विशेष शिविर लगाकर शिकायतों का निराकरण करवाए। प्रयास करे, कि राजस्‍व विभाग की रैंक में ओर सुधार आये। यह निर्देश ए.डी.एम. श्रीमती लक्ष्‍मी गामड़ ने सोमवार को गुगलमीट के माध्‍यम से सभी राजस्‍व अधिकारियों की बैठक में राजस्‍व महाअभियान की प्रगति की तहसीलवार समीक्षा करते हुए दिये। बैठक में संयुक्‍त कलेक्‍टर श्रीमती प्रीती संघवी, डिप्‍टी कलेक्‍टर श्री संजीव साहू भी मौजूद थे।

बैठक में बताया गया, कि गत एक सप्‍ताह में फार्मर रजिस्‍ट्री का अच्‍छा कार्य हुआ है। एवं सप्‍ताह में 10541 किसानों की फार्मर रजिस्‍ट्री की गई है। स्‍वामित्‍व योजना के तहत जिले में पांच गांवों की आर.ओ.आर.एन्‍ट्री का कार्य जारी है। सी.एम. हेल्‍पलाईन में राजस्‍व विभाग की रैंक 7वीं है। सभी राजस्‍व अधिकारियों को सी.एम. हेल्‍पलाईन शिकायतों का निराकरण करवाकर ‘’ए’’ ग्रेड हासिल करने के निर्देश ए.डी.एम. द्वारा दिए गए।

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स्‍व सहायता समूह से जुड़कर पंख अभियान की वालेंटियर बनी दीपीका

ब्‍यूटी पार्लर संचालित कर आत्‍मनिर्भर हुई

नीमच 16 दिसम्‍बर 2024, नीमच जिले से करीब 18 कि.मी.दूर नीमच विकाखण्‍ड के गांव भंवरासा में बाछड़ा समुदाय के परिवार भी निवास करते हैं। ग्राम में पहले स्‍वयं सहायता समूह नहीं थे। 2020 में सबसे पहले बाछड़ा समुदाय की महिलाओं को घर से बाहर निकालकर उनको समूह में संगठित किया गया। आज उसी का परिणाम है, कि ग्राम पंचायत भंवरासा में बाछड़ा समुदाय के 10 महिला समूह गठित हैं।

स्‍व सहायता समूह से जुड़कर वर्ष 2020 में दीपिका मालवीय ने अपना स्‍वयं का रोजगार प्रारंभ किया। जिससे प्रति‍दिन 500 रूपये की आय हो रही है। श्रीमती दीपिका मालवीय ग्राम भंवरासा में ब्‍यूटी पार्लर का संचालन करती है एवं समूह गठन का कर्य भी करती है। इससे उन्‍हे 16 हजार रूपये की आमदनी भी हुई। उसके परिवारजन भी इस कार्य में सहयोग करते है। कलेक्‍टर द्वारा चलाये जा रहे पंख अभियान की वालेंटियर का कार्य भी वह कर रही है। पंख अभियान के वालिंटियर के रूप में दीपीका अपने समुदाय की महिलाओं को समाज की मुख्‍य धारा से जुड़ने और स्‍वरोजगार स्‍थापित करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

श्रीमती दीपिका मालवीय के स्‍व सहायता समूह के सदस्‍यों ने रिवाल्विंग फण्‍ड से प्राप्‍त 10 हजार रूपये की राशि एवं एक लाख रूपये की स्‍वयं की बचत का उपयोग ब्‍यूटी पार्लर एवं कृषि एवं अन्‍य आय अर्जन गतिविधियां की जा रही हैं।

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एक जिला एक उत्‍पाद के तहत धनिया प्रसंस्‍करण ईकाई स्‍थापित कर खेती को उद्योग बनाया किसान नंदकिशोर धाकड़ ने

नीमच 16 दिसम्‍बर 2024, नीमच जिले के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड ने एक जिला एक उत्‍पाद के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उन्‍नयन योजना का लाभ लेकर धनिया की प्रसंस्‍करण ईकाई की स्‍थापना कर खेती को उद्योग बना दिया है। अब वे धनिया का प्रसंस्‍करण कर, पाउडर बनाकर उसकी पेकेजिंग व मार्केटिंग कर अधिक मुनाफा कमा रहे है। उन्‍होने खेती को उद्योग बना लिया है। नंदकिशोर की प्रसंस्‍करण ईकाई में 8 से 10 अन्‍य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।

नीमच जिले के विकासखंड नीमच के ग्राम भोलियावास के किसान नंदकिशोर धाकड व्‍दारा 2.00 हैक्‍टेयर में धनिया की खेती की जा रही थी परन्‍तु केवल धनिया के उत्‍पादन से उतना मुनाफा नही होने से कृषक की रूची धनिये के प्रसंस्‍करण एवं निर्यात की ओर बढ़ने लगी । परन्‍तु उन्‍हें पूर्व में प्रसंस्‍करण एवं निर्यात के क्षैत्र में कोई अनुभव नही होने से उन्‍होने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उन्‍नयन योजना का लाभ लिया। कृषक नंदकिशोर धाकड़ ने एक जिला एक उत्‍पाद योजना अन्‍तर्गत धनिया प्रसंस्‍करण इकाई की स्‍थापना के लिए डीपीआर तैयार करवा कर पी.एम.एफ.एम.ई.योजना में ऑनलाईन आवेदन किया।

किसान नंदकिशोर धाकड को बैंक द्वारा 26 लाख का लोन वितरित किया गया, कृषक नंदकिशोर को प्रसंस्‍करण इकाई स्‍थापना हेतु 35 प्रतिशत तक ऋण अनुदान का लाभ 9 लाख रूपये अनुदान मिला। कृषक नंदकिशोर वर्तमान में अपनी धनिया प्रसंस्‍करण इकाई में धनिया से धनिया पाउडर, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग कर रहे हैं। नंदकिशोर द्वारा 2 माह में कुल 10 क्विंटल धनिया पाउडर का प्रसंस्‍करण किया है। कृषक द्वारा 80 से 90 रूपये प्रति किलो की दर से 80 हजार रूपये में 10 क्विंटल धनिया खरीदा और बीस रूपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रसंस्‍करण एवं पैकिंग पर 20 हजार रूपये खर्च हुए। प्रसंस्‍कृत उत्‍पाद को 140 से 150 प्रति किलो की दर से एक लाख 50 हजार रूपये में बेचा। इस प्रकार कृषक नंदकिशोर को 50 हजार रूपये का शुद्ध मुनाफा प्राप्‍त हुआ है। कृषक नंदकिशोर द्वारा भविष्‍य में जिले में उत्‍पादित निर्यात योग्‍य किस्‍मों ए.सी.आर.2 एवं गुजरात-3 के प्रसंस्‍करण में रूची ली जा रही हैं, जिससे निर्यात की संभावनाएं बढ़ने से उसे होने वाला मुनाफा भी अधिक होगा।

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दो राज्यों के किसानों की तकदीर बदलेगी पार्वती-कालीसिंध-चबल लिंक परियोजना

मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 ग्रामों की लहलहा उठेंगी फसलें

40 लाख किसान परिवार होंगे लाभान्वित

प्रधानमंत्री श्री मोदी की उपस्थिति में 17 दिसम्बर को जयपुर में होगा त्रि-स्तरीय अनुबंध

नीमच: 16 दिसंबर 2024, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान के स्वप्न को साकार करने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता कराते हुए पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को मूर्त रूप दिया। इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश की पावन भूमि से होने जा रही है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में विशेष प्रयास कर मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 ग्रामों की तस्वीर और तकदीर बदलने में महती भूमिका निभाई है। यह परियोजना मध्यप्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिये भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आने के साथ उनकी फसलें भी लहलहा उठेंगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिये त्रि-स्तरीय अनुबंध प्रधानमंत्री श्री मोदी की मौजूदगी में 17 दिसम्बर को जयपुर में होगा। यह दिन मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए ऐतिहासिक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा मध्यप्रदेश और राजस्थान को दी गई “पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना” की अनूठी सौगात दोनो़ं राज्यों के किसानों और नागरिकों के लिए वरदान साबित होगी। इससे किसानों को भरपूर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और विकास के नये द्वार खुलेंगे। परियोजना से दोनों राज्यों में समृद्धि आयेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश का मालवा अंचल औषधीय फसलों के साथ अन्य फसलों के उत्पादन में अग्रणी रहा है। परियोजना से मिलने वाले जल से किसान अपनी उपज को दोगुना कर सकेंगे, जिससे उनके परिवार के साथ प्रदेश भी समृद्ध होगा।

6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हो सकेगी सिंचाई

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रूपये व्यय करेगा। केन्द्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा। इस परियोजना से मध्यप्रदेश में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इससे 40 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में लगातार सिंचाई का रकबा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। वर्तमान में 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। हमारा संकल्प इसे बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना से हम अपने लक्ष्य के करीब पहुँचेंगे। इसके साथ ही प्रदेश में अन्य बड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य किय जा रहा है। हमने किसानों से जो वादा किया है, वह जल्द मूर्तरूप लेगा और हमारा अन्नदाता किसान आत्म-निर्भर बनकर प्रदेश और देश के विकास को और अधिक गति प्रदान करेगा।

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