शिवना,चंबल नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने टाटियों में दीपक रख कर प्रवाहित कर व्रत पूर्ण किया
शिवना,चंबल नदी में कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने टाटियों में दीपक रख कर प्रवाहित कर व्रत पूर्ण किया
सीतामऊ। मंदसौर जिले में कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने जल में टाटियों में दीपक रख कर प्रवाहित कर मास व्रत परायण पूर्ण किया।
मंदसौर नगर में बाबा पशुपतिनाथ शिवना नदी घाट पर, सुवासरा तहसील के बसई में चंबल नदी के तट पर के साथ ही ग्राम नगर के तालाबों में टाटियों में दीपक रख कर प्रवाहित कि गई।
जानकारी के अनुसार बसई चंबल नदी घाट पर व्रत उपासना एवं आस्था के पर्व कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से ही महिलाओं का आगमन प्रारंभ हो गया था। यहां पर महिलाओं ने गंगा माता, भगवान शिव महादेव कि पूजा अर्चना कर टाटियों में दीप प्रज्वलित कर अपनी कामनाओं के पूरी करने कि प्रार्थना कि आस्था के साथ टाटिया प्रवाहित कि। पूर्णिमा व्रत पर्व पर बड़ी संख्या में महिलाओ कि नदी घाट से लेकर उपर सड़क आवागमन तक भीड़ लगी रही। इस अवसर पर सुवासरा पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहा।
कार्तिक महिने मे महिलाओ द्वारा पुरे महिने प्रात: स्नान कर पूजा की जाती है एंव धार्मिक मान्यताओं अनुसार महिने के आखरी दिवस पूर्णिमा को नदी तालाब पर पहुंचकर महिलाओ द्वारा तालाब के किनारे उगी घास की बनी टाटीया मे दीपक रखकर प्रवाहित.नदी, तालाब मे प्रवाहित किया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप प्रज्वलित करके नदी में प्रवाहित करते हैं। इसे दीपदान करना कहते हैं। देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह होता है और उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी की याद में देवता लोग इस दिन गंगा किनारे एकत्रित होकर दीपोत्सव मनाते हैं। इसीलिए दीपदान का महत्व बढ़ जाता है।
दीपदान करने के फायदे:-
1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
2. अपने मृतकों की सद्गति के लिए करते हैं दीपदान।
3. पितृदोष से मुक्ति के लिए करते हैं दीपदान।
4. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं दीपदान।
5. यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
6. सभी तरह के अला-बला, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं दीपदान।
7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।
8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं दीपदान।
9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं दीपदान।
10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं दीपदान।
11. कार्यों में आ रही बाधा को दूर करने के लिए करते हैं दीपदान
12. कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।
कैसे करते हैं दीपदान?
1. किसी मिट्टी के दिये में तेल डालकर उससे मंदिर में ले जाकर जलाकर उसे वहां पर रख जाएं। दीपों की संख्या और बत्तियां खास समयानुसार और मनोकामना अनुसार तय होती है।
2. आटे के छोटेसे दीपक बनाकर उसमें थोड़ासा तेल डालकर पतलीसी रुई की बत्ती जलाकर उसे पीपल या बढ़ के पत्ते पर रखकर नदी में प्रवाहित किया जाता है।
3. देव मंदिर में दीपक को सीधा भूमि पर नहीं रखते हैं। उसे सप्तधान या चावल के उपर ही रखते हैं। भूमि पर रखने से भूमि को आघात लगता है।