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समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 14 नवंबर 2024 गुरुवार

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अतिक्रमण चिन्हित कर की कार्यवाही

डिगाव माली के बर्डियाखेड़ी अतिक्रमण मामले में हुई कार्यवाही,तहसीलदार सहित राजसव अमले ने अतिक्रमण चिन्हित कर की कार्यवाही

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नाले में अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली

भानपुरा – ग्राम लोटखेड़ी के धाकड़ समाज के किसी व्यक्ति के खेत के पास नाले में अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली है जिसकी पहचान की जा रही है । संभावित यह लाश भानपुरा से पूर्व में लापता लाइन मेंन शाहिद भाई की बताई जा रही है

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नागदा में शादी में बड़ा फर्जीवाड़ा

नागदा – मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत शादी में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है हिन्दू धर्म मे सबसे पवित्र हौती हे शादी  माग नही भरना फेरे नही लेना ईमानदार शादी की ईमानदार नेता कौन बधाई।

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शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट को 31 जनवरी तक पूर्ण करें : कलेक्टर

कलेक्टर ने शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया

मंदसौर 13 नवंबर 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग ने शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट का एप्को के साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निर्माण एजेंसी को निर्देश देते हुए कहा कि प्रोजेक्ट को 31 जनवरी तक पूर्ण करें। साथ ही पीआईयू और एप्को हर 15 दिन में कार्यों का निरीक्षण करें। निर्माण एजेंसी प्रतिदिन कार्यों की प्रगति रिपोर्ट भेजें। ज्यादा से ज्यादा लोग लगाएं। अलग-अलग प्वाइंट्स पर अलग-अलग लोगों को कार्य करने के लिए लगाएं। जिससे कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो। सभी प्वाइंटों को एसडीपी पूर्ण करने के बाद जोड़े। एजेंसी के कार्य करने के जितने भी भुगतान है। उन भुगतान को जल्द करें। जितना काम हो चुका है, उस कार्य का भुगतान करें।

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डेंगू एवं मलेरिया के प्रभावी नियंत्रण हेतु चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सकों की कार्यशाला हुई

मंदसौर 13 नवम्‍बर 24/ सुंदरलाल पटवा चिकित्सा महाविद्यालय मंदसौर में डेंगू एवं मलेरिया के बेहतर प्रबंधन हेतु सीएमई का आयोजन जिला मलेरिया कार्यालय मंदसौर एवं चिकित्सा महाविद्यालय मंदसौर के सामुदायिक विज्ञान विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉक्टर शशी गांधी एवं मंदसौर जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जी एस चौहान द्वारा किया गया। सीएमई के दौरान महाविद्यालय के चिकित्सकों द्वारा डेंगू एवं मलेरिया की एपिडेमियोलॉजी डायग्नोसिस प्रबंधन एवं इसकी रोकथाम के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। सामुदायिक आयुर्विज्ञान की चिकित्सकों द्वारा वाहक जनित रोगों मुख्यतः मच्छर से होने वाली बीमारियों, मच्छरों से बचाव एवं घरेलू स्तर पर मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए आवश्यक उपाय बताए । मेडिसिन विभाग चिकित्सकों ने डेंगू एवं मलेरिया के लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी उपस्थित समस्त महाविद्यालय एवं जिला अस्पताल के चिकित्सकों को दी। गर्भवती महिलाओं में डेंगू एवं मलेरिया के उपचार एवं विशेष सावधानियां महिला एवं प्रस्तुति विभाग की चिकित्सा डॉक्टर करुणा मरावी द्वारा बताया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जिला मलेरिया अधिकारी डॉ दीपा पाठक ने जिले में वाहक जनित रोगों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं जिला मलेरिया कार्यक्रम के बारे में चर्चा की। सीएमई में सुंदरलाल पटवा चिकित्सा महाविद्यालय एवं जिला चिकित्सालय मंदसौर के लगभग 50 से अधिक चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सक उपस्थित रहे।। सीएमई दो दिवस कार्यशाला रखी गई है।

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डाइट में विद्युत के लिए सौर ऊर्जा पर कार्य करें: कलेक्टर

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रबंध समिति की बैठक संपन्न

मंदसौर 13 नवंबर 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रबंध समिति की बैठक डाइट सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि डायट में विद्युत के लिए सौर ऊर्जा क्षेत्र में कार्य करें। सौर ऊर्जा प्लेटो को डाइट परिसर की छतों पर लगाए और उससे विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करें। अक्षय ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जा सकती है इसके लिए विशेष तौर पर प्रयास करने चाहिए। इसके साथ ही बैठक के दौरान छात्रावासों की जानकारी, प्रशिक्षण की जानकारी, विद्यार्थियों की संख्या, पाठ्य सहगामी गतिविधियां, हरियाली युक्त परिसर, शैक्षणिक शोध पर कार्य, सेवा कालीन प्रशिक्षण, शालाओं के अकादमिक सहयोग, समावेशित शिक्षण, नवाचार, टीएलएम प्रदर्शनी, शैक्षणिक भ्रमण, खेल गतिविधियां, नवाचारी प्रयास, परिसर सौंदर्यीकरण, गुणवत्ता उन्नयन योजना आदि पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश कुमार जैन, नगर पालिका अध्‍यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, शिक्षा विभाग के सयुक्त संचालक, डाइट प्राचार्य, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।

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गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रूपये गत वर्ष से 150 रूपये अधिक

मंदसौर 13 नवंबर 24/ भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के लिये गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रूपये घोषित किया गया है। यह गत वर्ष से 150 रूपये अधिक है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसान भाईयों से आग्रह किया है कि अधिकाधिक क्षेत्र में गेहूं की बुवाई करें और बढ़ी हुई एमएसपी से अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करें। रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिये अब किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिये विभाग द्वारा तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है। इसके अंतर्गत गेहूं उपार्जन के लिए बारदाना, भंडारण, परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू् मापदण्ड के गेहूं उपार्जन के लिए केन्द्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था की जाएगी। गेहूं की गुणवत्ता के परीक्षण के लिये सर्वेयर को सघन प्रशिक्षण दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विगत वर्ष 6 लाख 16 हजार किसानों द्वारा 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय समर्थन मूल्य पर किया गया। गेहूं उपार्जन के लिये किसानों की सुविधानुसार कुल 3694 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए। उपार्जित गेहूं के परिवहन, हैण्डलिंग एवं किसानों के शीघ्र भुगतान के लिये 2199 उपार्जन केन्द्र गोदाम स्तर पर स्थापित किए गए। शेष 1495 उपार्जन केन्द्र समिति स्तर पर स्थापित किए गए। किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में समर्थन मूल्य राशि के सीधे भुगतान की व्यवस्था की गई थी।

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कार में लगी आग, जलकर राख हुई:आग बुझाने के दौरान शख्स झुलसा, रहवासियों की मदद से पाया काबू

मन्दसौर भानपुरा थाना क्षेत्र के बाबुल्दा में रविवार रात सवा 9 बजे एक ईको कार में अचानक से आग लग गई। हादसे के बाद आग बुझाते वक्त एक शख्स भी झुलस गया। घायल को राजस्थान के झालावाड़ रेफर किया गया है।

भानपुरा थाना टिआई आर. सी. डांगी ने बताया कि थाना क्षेत्र के बाबुल्दा गांव में मनोज नाम का व्यक्ति अपनी ईको कार लेकर मुकेश चौधरी की इलेक्ट्रिक दुकान पर केबल लेने आया था। उसने दुकान के सामने अपनी कार खड़ी की और दुकान में केबल लेने गया।

रहवासियों की मदद से आग पर काबू पाया

इसी दौरान कार में अचानक से शॉर्ट सर्किट हुआ और आग लग गई। रिहायशी इलाके में खड़ी कार में लगी आग से आसपास के लोगों मे हडकंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय रहवासियों की मदद से किसी तरह आग पर काबू पाया गया।

आग बुझाने के दौरान इलेक्ट्रिक दुकान संचालक मुकेश चौधरी झुलस गया जिसे उपचार के लिए राजस्थान के झालावाड़ ले जाया गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है।

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भगवान बिरसा मुंडा की 149वीं जयंती : एक ऐतिहासिक प्रेरणा- डॉ. कुंवर विजय शाह

मंदसौर 13 नवंबर 24/ भारत के समृद्ध इतिहास में भगवान बिरसा मुंडा का नाम एक ऐसे वीर योद्धा और समाज-सुधारक के रूप में अंकित है, जिन्होंने अपने जीवन को जनजातीय समाज की उन्नति और उनके अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। देश में हर साल 15 नवम्बर को उनकी जयंती पर भारत में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल उनकी शहादत और योगदान को याद करने का है, बल्कि यह जनजातीय समुदाय की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत, अनवरत संघर्ष और स्वाभिमान का उत्सव भी है।

भगवान बिरसा मुंडा का जीवन और उनका संघर्ष

बिरसा मुंडा जी का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में एक साधारण मुंडा परिवार में हुआ था। उनका जीवन बेहद कठिनाइयों से भरा था और उन्हें बाल्यावस्था से ही आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ा। सामाजिक असमानता, अत्याचार और विदेशी शासकों द्वारा जनजातियों पर निरंतर हो रहे शोषण ने बिरसा मुंडा के अंतर्मन को विद्रोह की भावना से भर दिया। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा लागू जमींदारी प्रथा, धर्मांतरण और जनजातियों के पारम्परिक जीवन पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष किया।

उलगुलान आंदोलन का नेतृत्व

बिरसा मुंडा जी ने “उलगुलान” नामक जनजातीय विद्रोह का नेतृत्व किया, जो अंग्रेजी शासन और उनके द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ था। “उलगुलान” का अर्थ है ‘महान विद्रोह’। इस आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों द्वारा लागू की गई भूमि नीतियों, जबरन धर्मांतरण और जनजातियों की पारम्परिक जीवनशैली में दखल देने वाले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाना था। भगवान बिरसा मुंडा के नेतृत्व में इस आंदोलन ने पूरे क्षेत्र में जनक्रांति की लहर पैदा कर दी और उन्हें “धरती आबा” या “धरती पिता” या धरा पितृ के रूप में सम्मानित किया जाने लगा।

भगवान बिरसा मुंडा का समाज सुधारक के रूप में योगदान

भगवान बिरसा मुंडा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने तत्कालीन जनजातीय समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे अंध-विश्वास, जाति-भेद, नशाखोरी, जातीय संघर्ष और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाई। उन्होंने अपने अनुयायियों को शिक्षा का महत्व समझाया और उन्हें एकता में रहने का संदेश दिया। बिरसा मुंडा ने “बिरसाइत” नामक एक धार्मिक आंदोलन भी चलाया, जिसमें उन्होंने अपने अनुयायियों को आचार-विचार की शुचिता, सादगी और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस की स्थापना

वर्ष 2021 में केन्द्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया। इसका उद्देश्य भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का सम्मान करना है। इस दिन देशभर में जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर, उनकी परंपराओं और उनके गौरवशाली इतिहास को समझने और सम्मानित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिवस जनजातीय समाज के संघर्षों और उनके योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

बिरसा मुंडा का भारतीय स्वातंत्र्य आंदोलन में योगदान

भारतीय स्वातंत्र्य आंदोलन में भगवान बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय है। वे न केवल अपने क्षेत्र की जनजातियों के नेता थे, बल्कि उनके संघर्ष और बलिदान ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी एक नई दिशा दी। उनके “उलगुलान” आंदोलन ने अन्य जनजातीय समुदायों को भी संगठित किया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी करने की प्रेरणा दी।

भगवान बिरसा मुंडा मात्र 24 साल 7 महीने की अल्पायु में 9 जून 1900 को वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी विरासत आज भी जनजातीय समाज के दिलों में जीवित है और उन्हें एक महान क्रांतिकारी जननायक के रूप में याद किया जाता है।

राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस का महत्व

राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस का महत्व केवल बिरसा मुंडा जी के योगदान को याद करने तक सीमित नहीं है। यह जनजातीय समाज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का जश्न मनाने का भी दिन है। जनजातीय समाज ने भारत के इतिहास में अहम भूमिका निभाई है। यह गौरव दिवस उनकी सांस्कृतिक धरोहर, संघर्षों और उपलब्धियों का सम्मान करता है। यह अवसर सभी भारतीयों को यह याद दिलाने का भी है कि जनजातीय समाज भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण व अभिन्न हिस्सा है और उनके योगदान को हमें सदैव संजोकर रखना चाहिए।

भगवान बिरसा मुंडा का जीवन प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें साहस, संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का संदेश देता है। राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस हमें उनकी शिक्षाओं, राष्ट्रप्रेम और उनके संघर्ष को याद करने और जनजातीय समाज के अधिकारों और सम्मान के प्रति संवेदनशील बने रहने के लिए प्रेरित करता है। जनजातीय समाज के स्वाभिमान और उनके अधिकारों की रक्षा में भगवान बिरसा मुंडा का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस उनके प्रति हमारी कृतज्ञता, आदर और श्रृद्धांजलि का प्रतीक है।

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डोडाचूरा तस्‍कर को 03-03 वर्ष सश्रम कारावास व जुर्माने से दण्डित

मंदसौर। विशेष न्‍यायाधीश (एन.डी.पी.एस.) मंदसौर द्वारा आरोपीगण कारूलाल ऊर्फ गुडडू पिता नंदलाल धोबी आयु-32 वर्ष निवासी- ग्राम ऐरा हा.मु. सीतामऊ, जिला मंदसौर एवं भागीरथ पिता नानूराम धोबी, उम्र- 30 वर्ष, निवासी- सीतामऊ फाटक के पास मंदसौर को अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा की तस्‍करी करने के अपराध में दोषी पाते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये जुर्माने से दण्डित किया।अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबं‍ध में बताया कि दिनांक 29.04.2017 को थाना अफजलपुर में पदस्‍थ सहा. उप निरीक्षक ओ.पी. राठौर को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि दो लोग मोटर साइकिल क्रमांक एम.पी. 14 एम.के. 3185 से अवैध डोडाचूरा भरकर डिगांव माली होकर सीतामऊ फाटक तरफ जाने वाला है , यदि तत्काल नाकाबंदी की जाए तो उसे मादक पदार्थ सहित पकड़ा जा सकता है, उक्‍त मुखबिर सूचना विश्‍वसनीय होने से मय फोर्स के टीम को तत्‍काल डिगांवमाली सीतामउ रोड के यहां नाकेबंदी की, कुछ देर बाद मुखबिर के बताए अनुसार मोटर साइकिल क्रमांक एम.पी. 14 एम.के. 3185 आते दिखी जिसे रोककर बैठे दोनों व्‍यक्तियों के नाम पता पूछने पर उन्‍होनें अपना नाम कारूलाल ऊर्फ गुडडू पिता नंदलाल धोबी एवं भागीरथ पिता नानूराम धोबी होना बताया उक्‍त व्‍यक्तियों तलाशी लेने पर दोनों के बीच प्‍लास्टिक के एक कटटा था जिसे खोल कर देखा तो उसमें अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा भरा होना पाया गया , उक्त डोडाचूरा का तौल करने पर कुल वजन 20 किलो 250 ग्राम होना पाया गया, उक्त मादक पदार्थ परिवहन के संबंध में आरोपी से पूछे जाने पर कोई वैध लाईसेंस न होना बताया। मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पंचनामा बनाया गया, आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना अफजलपुर में अपराध क्रमांक 101/2017, धारा 8/15 एन.डी. पी.एस. की एफ.आई.आर. लेखबद्व कर प्रकरण विवेचना में लिया गया एवं अनुसंधान कार्य पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।विचारण के दौरान प्रकरण में न्यायालय के समक्ष अभियोजन द्वारा रखे गये तथ्यों एवं तर्कों से सहमत होकर माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषसिद्ध किया।प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन विशेष लोक अभियोजक श्री दीपक जमरा द्वारा किया गया।

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