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ठेकेदार इंजीनियर बोले नुकसानी का मुआवजा देंगे, किसान बोले लिखित में दें
कुचड़ौद (दिनेश हबरिया)। गांधी सागर से हर किसान के खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचे। उसके लिए सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागू की। योजना में हर किसान के खेत तक पानी पहुंचेगा। इसके लिए पाइपलाइन डालने का काम चल रहा है। फसल तैयार हुए खेतों में खुदाई करने में ठेकेदार को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा। सीहोर में किसानों ने फसल बोने के लिए खेत तैयार कर लिए। अब ठेकेदार के कर्मचारी उन्हीं खेतों में होकर पोकलेन से खुदाई कर पाइप डाल रहे। किसानों ने पहुंच कर विरोध किया। एवं काम रुकवाया। दिन भर ठेकेदार के कर्मचारी, अधिकारी किसानों को समझाते रहे। कि आपका जो भी नुकसान होगा। कंपनी मुआवजा देगी। किसान यही बात लिखित में देने की बात पर अड़े रहे। वहीं बैठ गए।
किसानों का कहना है कि पाइपलाइन डालने का काम गर्मी में करना था। अब हम फसल कैसे बोएंगे। खेत ऊबड़ खाबड़ हो जाएंगे।इधर इंजीनियर एवं ठेकेदार मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि कंपनी फसल नुकसान का मुआवजा देगी।
सिहोर के राजेंद्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, अशोक जैन, केसरी मल जैन, जम्बू सेठ आदि किसानों नागरिकों ने बताया खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए ठेकेदार ने गर्मी में पाइप लाइन नहीं डाली। अब पोकलेन मशीन से हमारे खेतों में खोदकर पाइपलाइन डाली जा रही। हमने फसल बोने की पूरी तैयारी कर ली। खेतों की हकाई जुताई हो गई। कुछ किसानों ने फसल बुवाई भी कर दी। अब तैयार खेतों में ठेकेदार के कर्मचारी पोकलेन मशीन से खुदाई कर रहे। हमें आर्थिक नुकसान होगा। यह कार्य गर्मी के दिनों में करना था। तब खेतों में कोई फसल नहीं थी। हमने विरोध किया। काम रुकवाया। यह मुआवजा देने की बात बता रहे। पर काम कर चले जाने के बाद कौन सुनेगा। जिन किसानों का नुकसान हो रहा। उनको मुआवजा देने की बात स्टांप पर लिखित में दे दे। उसके बाद काम करें।
वही मामले में ठेकेदार बालू सिंह ने बताया प्रोजेक्ट लंबा है। गर्मी के समय ही काम करें। तो 3 महीने में काम कैसे पूरा करेंगे। जहां भी खुदाई कर लाइन डाली जा रही। जिन किसानों ने फसल बुवाई कर दी। या फसल बुवाई की तैयारी है। उन किसानों का जितना भी नुकसान होगा। कंपनी नुकसान की भरपाई करेगी,मुआवजा देगी।
इंजीनियर दिलीप ने बताया गर्मी में 3 महीने का समय मिलता है। उसमें पूरी तरह से कार्य करना संभव नहीं है। बारिश में भी हमने काम चलाया। जिन किसानों के खेतों से होकर पाइपलाइन डाली गई। उन किसानों को मुआवजा दिया। यहां भी जिन किसानों का खुदाई से जितना नुकसान होगा। कंपनी मुआवजा देगी। अभी मेंन लाइन डाली जा रही। इसका कार्य नहीं रोक सकते। अगर कार्य रुके तो किसानों के खेतों में समय से पानी नहीं पहुंचेगा।