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विधायक-सांसदों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर, संगठन चुनाव में समर्थक या रिश्तेदारों की नहीं कर पाएंगे नियुक्ति

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विधायक-सांसदों पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर, संगठन चुनाव में समर्थक या रिश्तेदारों की नहीं कर पाएंगे नियुक्ति

भोपाल। भाजपा के संगठन चुनाव पर केंद्रीय नेतृत्व की विशेष नजर है। इसके लिए जारी हाईकमान के निर्देश में कहा गया है कि बूथ, मंडल या जिलाध्यक्ष के चुनाव निष्पक्ष और सर्वसम्मति से होने चाहिए। विधायक या सांसद अपने समर्थक या रिश्तेदार को संगठन में बैठाने का प्रयास करें तो उसे सफल न होने दिया जाए। इसका सीधा आशय यही है कि कोई भी जनप्रतिनिधि संगठन को जेब में रखने यानी अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश करेगा तो ऐसे प्रयास को विफल कर देना है।

14 नवंबर से बूथ कमेटी के चुनाव

चुनाव से जुड़े प्रभारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जनप्रतिनिधियों के घर बैठकर संगठन चुनाव की औपचारिकता नहीं निभाई जाए। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि मध्य प्रदेश में सत्ता शीर्ष पर जो पीढ़ी परिवर्तन हुआ है, उससे संगठन प्रभावित नहीं हो। बता दें, भाजपा के संगठन पर्व के तहत 14 नवंबर से बूथ कमेटी के चुनाव शुरू हो रहे हैं, जो 20 नवंबर तक चलेंगे।

मध्य प्रदेश का भाजपा संगठन पार्टी की प्रयोगशाला

भाजपा का संगठन पर्व पर हमेशा से ही सर्वाधिक फोकस रहता है। मध्य प्रदेश को लेकर केंद्रीय नेतृत्व विशेष तौर पर गंभीर रहता है। इसका कारण यह है कि मध्य प्रदेश का भाजपा संगठन पार्टी की प्रयोगशाला रही है। संगठन क्षमता यहां इतनी मजबूत है कि चुनाव हो या कोई अन्य चुनौती, पार्टी का प्रदर्शन सदैव श्रेष्ठ रहा है। यही वजह है कि पार्टी संगठन चुनाव में किसी तरह की कोई कोताही बरतना नहीं चाहती। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, कैलाश जोशी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया को प्रदेश में संगठन की मजबूत नींव रखने का श्रेय दिया जाता है।

बुदेलखंड से मिलती रही हैं शिकायतें

पिछले संगठन चुनाव में बुंदेलखंड के एक बाहुबली विधायक ने अपने घर पर ही संगठन चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी करवा ली थी। बाद में शिकायत मिली तो नए सिरे से प्रक्रिया करवाई गई। महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में कुछ ताकतवर मंत्रियों ने भी अपने समर्थकों को ही पदाधिकारी बनवा दिया था। पार्टी चाहती है कि ऐसे किसी मामले की पुनरावृत्ति न हो।

बूथ कमेटियों का गठन

22 नवंबर को दिल्ली में बैठक संगठन चुनाव के पहले चरण में 14 से 20 नवंबर तक संगठन चुनाव का पहला चरण पूरा हो जाएगा। इसमें बूथ कमेटियों का गठन हो जाएगा। मंडल और जिलाध्यक्ष के चुनाव से पहले 22 नवंबर को सभी राज्यों के चुनाव प्रभारियों की दिल्ली में बैठक होगी, जिसमें अगले चरणों की तिथि तय की जाएगी। पार्टीनेताओं का यह भी आकलन है कि इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।

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