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नदियां हमारी जीवन रेखा है इसे नहीं बचाया गया तो हमारा धन और संपत्ति भी काम नहीं आएगी- पर्यावरणविद्

चौमहला /झालावाड़ – जल है तो जीवन है ,जीवन है तो कल है

संस्कार दर्शन न्यूज़ / रमेश मोदी

नदियां हमारी जीवन रेखा है इसे नहीं बचाया गया तो हमारा धन और संपत्ति भी काम नहीं आएगी l पानी के लिए हमें जल युद्ध करना पड़ेगा l यह संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए पद यात्रा कर रहे पर्यावरण विद् इटावा उत्तर प्रदेश के रोबिन सिंह परिहार ने कल रात्रि गायत्री शक्तिपीठ चौमहला पर गोष्ठी में यह बात बताई साथ ही रोबिन सिंह ने बताया कि देश की सबसे स्वच्छ नदियों में शामिल मां चंबल नदी एक स्वच्छ नदी है इसी तर्ज पर देश की अन्य नदियों एवं जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त करने की आवश्यकता है l देश में नदियों , तालाबों, झीलों आदि जल स्रोतों पर अतिक्रमण करने पर रोक लगाने पर गंभीरता से विचार करना होगा l नहीं तो भविष्य में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है l इसी उद्देश्य को लेकर जन जागृति लाने के लिए तीन सदस्यों के दल ने चंबल-यमुना संगम पर बसे शेरगढ़-कचहरी जिला-इटावा (उत्तर प्रदेश) से 2 अक्टूबर से पदयात्रा प्रारंभ की l कोटा ,रावतभाटा, गांधी सागर होते हुए कल चौमहला नगर में प्रवेश कर रात्रि विश्राम गायत्री शक्ति पीठ पर किया lआज प्रातः 6:00 बजे गायत्री परिवार एवं प्रभात फेरी के सदस्यों के साथ चौमहला नगर में यह पदयात्रा भ्रमण करते हुए नागदा की ओर प्रस्थान कर गई l पदयात्रा के साथ में गायत्री परिवार एवं प्रभात फेरी मंडल के ईश्वर राठौर ,संतोष कुमार शर्मा ,राजेंद्र सोनी, हुकुमचंद टेलर ,सुभाष भावसार, पवन सेन, कालूराम टेलर सहित कई महिला पुरुषों ने भाग लिया l दीपावली पर नागदा चंबल नदी तट पर दीपोत्सव कर यह यात्रा चंबल उद्गम स्थल जानापाह (मऊ) पर 7 नवंबर को पहुंचेगी तथा वापसी पदयात्रा धार ,रतलाम ,मंदसौर, बूंदी होते हुए पुनः संगम स्थल इटावा पर विराम करेगी l रोबिन सिंह ने गायत्री परिवार ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी को बताया कि पिछले वर्ष इन्होंने 31000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा द्वारा 24 राज्यों के 500 से अधिक जिलों में जाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया l

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