मंदसौरमंदसौर जिला
अ.भा. साहित्य परिषद द्वारा सम्मान समारोह एवं विचार गोष्ठी संपन्न

समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने में साहित्यकार की विशेष भूमिका होती है
मन्दसौर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा साहित्यकारों का सम्मान समारोह एवं विचार गोष्ठी संपन्न हुई। कृषि वैज्ञानिक श्री नरेंद्र सिंह सिपानी तथा डॉ. स्वप्निल ओझा को साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया। साहित्य परिषद अध्यक्ष नरेंद्र भावसार, नंदकिशोर राठौर, सार्थक एनजीओ की डॉ. उर्मिला तोमर, संगीत महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेंद्र त्रिवेदी, गोपाल बैरागी, नरेंद्र सिंह राणावत, दिलीप सेठिया, जनपरिषद के ब्रजेश जोशी, नितेश चौधरी, गायत्री प्रसाद शर्मा, वेद मिश्रा, सोनू गुप्ता, सौरभ तोमर, अजीजुल्लाह खान की उपस्थित में विचार गोष्ठी संपन्न हुई।
इस अवसर पर नरेंद्रसिंह सिपानी ने कहा कि वर्तमान समय में अच्छा साहित्य पढ़ने एवं लिखने की प्रवृत्ति में कमी आई है जो समाज के लिए घातक है। पत्र लेखन जैसी अनेक विधाएं समाप्त हो रही है जो चिंता का विषय है। एक साहित्यकार समाज को जोड़ने का कार्य करता है। डॉ. स्वप्निल ओझा ने कहा कि एक साहित्यकार समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है मंचों पर अश्लीलता का हर स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर कुमार शानू का जन्म दिवस दिन भी मनाया गया। वॉइस ऑफ कुमार शानू मनीष कनोदिया तथा नरेंद्र त्रिवेदी ने कुमार शानू के गीत गाकर उनका स्मरण किया।
कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र भावसार द्वारा किया गया तथा आभार नंदकिशोर राठौर ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर नरेंद्रसिंह सिपानी ने कहा कि वर्तमान समय में अच्छा साहित्य पढ़ने एवं लिखने की प्रवृत्ति में कमी आई है जो समाज के लिए घातक है। पत्र लेखन जैसी अनेक विधाएं समाप्त हो रही है जो चिंता का विषय है। एक साहित्यकार समाज को जोड़ने का कार्य करता है। डॉ. स्वप्निल ओझा ने कहा कि एक साहित्यकार समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है मंचों पर अश्लीलता का हर स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर कुमार शानू का जन्म दिवस दिन भी मनाया गया। वॉइस ऑफ कुमार शानू मनीष कनोदिया तथा नरेंद्र त्रिवेदी ने कुमार शानू के गीत गाकर उनका स्मरण किया।
कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र भावसार द्वारा किया गया तथा आभार नंदकिशोर राठौर ने व्यक्त किया।