महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र में फूल उत्पादन द्वारा टिकाऊ आय विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ
महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र में फूल उत्पादन द्वारा टिकाऊ आय विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ
गोरखपुर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित एवं गोरखनाथ सेवा संस्थान द्वारा संचालित महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र चौक माफ़ी पीपीगंज, गोरखपुर द्वारा फूल उत्पादन द्वारा टिकाऊ आय विषय पर पांच दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डा संदीप प्रकाश उपाध्याय ने कृषि विज्ञान केंद्र की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए फूलों की उपयोगिता तथा महत्व पर प्रकाश डाला। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ आर के सिंह ने पुष्प उत्पादन द्वारा आय सृजन को उदाहरण सहित प्रतिभागियों की समझाया एवं रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राप्त कर सरकार की योजनाओं का लाभ लेने को प्रोत्साहित किया l उन्होंने बताया कि गेंदा के फूल की उपलब्धतता हेतु गोरखपुर पूरी तरह वाराणसी पर निर्भर है अतः यहां पर गेंदा की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है l कार्यक्रम में मुख्य वक़्ता के रूप में उपस्थित उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अजीत कुमार श्रीवास्तव फुलों की खेती पर अपनी बात रखते हुए बताया कि गोरखपुर में फूलों की माँग को देखते हुए अगर किसान बाज़ार आधारित खेती करे तो निश्चित ही अच्छा मुनाफ़ा होगा। उन्होंने बताया कि अलंकृत बागवानी उद्यान विज्ञान की वह कलात्मक एवं आध्यात्मिक शाखा है जिसके अंतर्गत सभी शोभाकर पौधों का अध्ययन किया जाता है यह एक कला ही नहीं अपितु व्यापार के उद्देश्य से भी महत्वपूर्ण शाखा है पौधों को उगाकर उनके फूलों को बाजार में बेचकर जीविका का साधन बनाया जा सकता है एवं इनको अन्य रूपों में भी जैसे गमले में पौधे आकार सुगंधित चित्र एवं तेल के रूप में भी बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है l प्रतिभागियों की विषय संबंधित जानकारी लेने हेतु प्रशिक्षण पूर्व मूल्यांकनों परीक्षा का आयोजन भी किया गया । इस अवसर पर केंद्र से पशुपालन वैज्ञानिक डॉ विवेक प्रताप सिंह, गौरव सिंह उपस्थित रहे तथा प्रशिक्षण में 81 प्रशिक्षार्थियों ने प्रतिभाग किया ।