ग्रामीणों से अपील-अकेले घर से बाहर नहीं निकले
उदयपुर के गोगुंदा में आदमखोर लेपर्ड को मारने के लिए हैदराबाद से शूटर को बुलाया गया है। इसके साथ ही राजस्थान के 12 अन्य शूटर भी लेपर्ड की खोज में जुटे हैं। वन विभाग ने लेपर्ड को देखते ही गोली मारने के निर्देश दिए हैं।
गोगुंदा के गांवों में एक के बाद एक हुए आदमखोर लेपर्ड (तेंदुआ) के हमले से पूरा इलाका खौफ में है। पिछले 24 दिनों में 8 लोगों की जान जा चुकी है। तेंदुए ने 1 अक्टूबर को गोगुंदा के केलवों का खेड़ा गांव में घर के बाहर काम कर रही महिला को मार डाला था।
इन हमलों के बाद राजस्थान वन्य जीव प्रभाग के प्रधान मुख्य संरक्षक (PCCF) पवन कुमार उपाध्याय की ओर से लेपर्ड को देखते ही गोरी मारने के आदेश जारी किए गए थे। इसके लिए पूरे एरिया में करीब 12 शूटर पहले ही तैनात कर दिए गए थे।
बुधवार को हैदराबाद के शूटर नवाब शाफत अली खान गोगुंदा (उदयपुर) आज सुबह 11.30 बजे पहुंचे हैं। उन्होंने राठौड़ों का गुड़ा गांव के स्कूल में CCF सुनील छिद्री व DFO अजय चित्तौड़ा से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे बाद शूटर टीम के साथ जंगल के लिए निकले।
हैदराबाद के शूटर नवाब शाफत अली खान गोगुंदा (उदयपुर) पहुंचे और वन अधिकारियों से मुलाकात की।
हैदराबाद के शूटर नवाब शाफत अली खान गोगुंदा (उदयपुर) पहुंचे और वन अधिकारियों से मुलाकात की।
इससे पहले लेपर्ड को शूट करने के लिए 1 अक्टूबर को दिनभर गोगुंदा के आस-पास जंगलों में सर्च चला, लेकिन वह नजर नहीं आया। इधर, लेपर्ड की तलाश में 10 से ज्यादा टीमें लगी हैं। 1 अक्टूबर की देर शाम तक लेपर्ड का पता नहीं चला था। बुधवार सुबह से ही सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
इस पिंजरे में मादा लेपर्ड को लाया गया था। इसे राठौड़ों का गुड़ा गांव में रखा गया है। ताकि लेपर्ड जैसे ही इस पिंजरे के पास आए उसे मार दिया जाए।
पिंजरे में रखा मादा लेपर्ड को
डीएफओ अजय चित्तौड़ा और डीएफओ मुकेश सेनी ने केलवों का खेड़ा और 1 किमी दूर राठौड़ों का गुड़ा में ग्रामीणों की बैठक ली थी। डीएफओ ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील करते हुए कहा- वे सर्च ऑपरेशन पूरा होने तक घरों में रहें। अकेले बाहर नहीं निकलें। बच्चे और महिलाएं ग्रुप में ही बाहर निकलें। खेतों में अकेले काम करने और अकेले जंगलों में मवेशी चराने के लिए नहीं जाएं।
बड़गांव थाना क्षेत्र के राठौड़ों का गुड़ा गांव में 30 सितंबर को लेपर्ड ने पुजारी को मार डाला था। उस घटनास्थल के पास उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से मादा लेपर्ड को लाया गया है। यहां जंगल के अंदर पिंजरे में मादा लेपर्ड को रखा गया है। वन विभाग का मानना है कि इस क्षेत्र में जैसे ही लेपर्ड पिंजरे में कैद मादा लेपर्ड के नजदीक आएगा तो उसको घेर लिया जाएगा।
2 पिंजरे लगाए, दो शूटर भी तैनात
1 अक्टूबर की सुबह 8 बजे केलवों का खेड़ा गांव में तेंदुए ने हमला किया था। यहां कमला कुंवर (55) अपने घर के आंगन में काम कर रही थी। लेपर्ड ने हमला कर दिया था। कमला की चीख-पुकार सुनकर परिवार के दूसरे लोग बाहर भागे तो लेपर्ड उसके शव को छोड़कर भाग गया।
लेपर्ड ने जिस महिला का शिकार किया था, उसका शव उठाने के लिए 8 घंटे बाद सहमति बनी थी। महिला के घर के आस-पास 200 मीटर के एरिया में लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है।
लेपर्ड ने जिस महिला का शिकार किया था, उसका शव उठाने के लिए 8 घंटे बाद सहमति बनी थी। महिला के घर के आस-पास 200 मीटर के एरिया में लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है।
लेपर्ड महिला को घर से 100 मीटर तक घसीटकर ले गया था। महिला का घर पहाड़ी पर है। उसके आसपास कोई घर नहीं है। घर के पीछे पशुओं का बाड़ा है। उसमें महिला काम रही थी। तभी लेपर्ड ने हमला कर दिया। परिवार ने बताया कि महिला की गर्दन लेपर्ड के जबड़ों में थी। गले में गहरा घाव होने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
ऐसे में दो पिंजरें महिला के घर के आस-पास लगाए गए हैं। घर के आस-पास करीब 200 मीटर एरिया को सीज कर वहां किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। घर के पास में दो शूटर तैनात किए गए हैं। वन विभाग का ऐसा अनुमान है कि लेपर्ड महिला का शिकार करने के बाद बुधवार (आज) दोबारा यहां आ सकता है।
1 अक्टूबर को वन विभाग की टीम गोगुंदा इलाके में पहुंची थी। यहां आस-पास सर्च किया और ग्रामीणों से बातचीत की।
सर्च टीम में 90 से ज्यादा लोग, हर टीम में दो शूटर
10 टीमों में 90 से ज्यादा मेंबर हैं। ये लोग सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं। इनमें वन विभाग के कर्मचारी, पुलिस, सेना के जवान और कुछ ग्रामीण शामिल हैं। पुलिस की टीम भी हथियारों के साथ तैनात है। वहीं ग्रामीण लाठी और अन्य औजार लेकर टीम के साथ में सर्च के लिए सहयोग कर रहे हैं।
प्रत्येक टीम में एक से दो शूटर हैं। इसके अलावा 7 रेंजर सहित स्थानीय कर्मचारियों को भी लगाया गया है। उदयपुर शहर के अंबामाता थानाधिकारी डॉ हनुवंत सिंह राजपुरोहित, सुखेर थानाधिकारी हिमांशुसिंह राजावत, गोगुंदा थानाधिकारी शैतानसिंह भी वन विभाग की टीम के साथ इस ऑपरेशन में शामिल हैं।