कांग्रेस ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती धूमधाम से मनाई
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शामगढ़ – 2 अक्टूबर 2024, बुधवार को कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 120वीं जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। यह समारोह शामगढ़ के गांधी चौक पर स्थित शिव हनुमान मंदिर के सामने आयोजित किया गया, जहाँ महात्मा गांधी की प्रतिमा और शास्त्रीजी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांग्रेस के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
गांधी और शास्त्रीजी के आदर्शों को किया याद
कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष कमलेश जायसवाल ने गांधीजी और शास्त्रीजी के आदर्शों की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि आज के समय में भी उनके सिद्धांत प्रासंगिक हैं। उन्होंने गांधीजी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर जोर दिया, वहीं शास्त्रीजी के “जय जवान, जय किसान” के नारे को भारत की समृद्धि का आधार बताया। उन्होंने कहा कि इन दोनों महान नेताओं के विचार देश को एक नई दिशा देते हैं और हमें उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
कार्यकर्ताओं का उत्साह
इस मौके पर कार्यकारी ब्लॉक अध्यक्ष प्रमोद फरक्या, युवक कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष पवन पांडे,पार्षद प्रतिनिधि आरिफ बैग सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान सभी नेताओं ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पार्षद प्रतिनिधि आरिफ बैग ने कहा कि महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को अहिंसा का मार्ग दिखाया और उनके सत्याग्रह ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हम सभी को गांधीजी के बताए रास्ते पर चलने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं, पवन पांडे ने लाल बहादुर शास्त्री के सरल और सादगीपूर्ण जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि शास्त्रीजी का जीवन त्याग और सेवा का आदर्श है। उनके “जय जवान, जय किसान” के नारे ने देश के किसानों और सैनिकों को सम्मान दिया और भारत की प्रगति को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
समाजसेवा और प्रेरणा का संकल्प
इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधीजी और शास्त्रीजी के विचारों को अपनाने और समाज के हित में कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है, जिससे हमें अपने जीवन में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के सिद्धांतों को उतारना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा और शास्त्रीजी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का संकल्प लिया। समारोह में उपस्थित लोगों ने एकजुट होकर देश की सेवा करने और गांधीजी तथा शास्त्रीजी के आदर्शों का अनुसरण करने का वचन लिया।
इस प्रकार, शामगढ़ में आयोजित यह कार्यक्रम केवल गांधीजी और शास्त्रीजी को श्रद्धांजलि देने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भविष्य में उनके विचारों को समाज में व्याप्त करने का एक माध्यम भी बना।