33 वर्ष के लम्बे सफर में कृति संस्था ने नीमच में साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों को नए आयाम दिए

कृति संस्था के 34 वें स्थापना दिवस पर विशेष लेख-
-डॉ.अक्षय पुरोहित
नीमच
कृति संस्था आज अपनी स्थापना के 33 वर्ष पूर्ण कर 34 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।नगर में साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए 2 अक्टूबर 1992 को स्व.पंडित शिवनारायण गौड की उपस्थिति में जो मृत्युपर्यन्त कृति के मानद सदस्य रहे, स्थापना की थी। उद्देश्य था नगर के साहित्यिक सांस्कृतिक क्षेत्र में उपजे शून्य को भरना। श्री प्रमोद रामावत संस्थापक अध्यक्ष व श्री किशोर जेवरिया सचिव बने। कृति का नामकरण श्रीमती मंजुला धीर द्वारा किया गया। प्रारंभ में संस्था की गतिविधियां कवि गोश्ठियों के आयोजन तक ही सीमित थी। संस्था की गतिविधियों को नए आयाम मिले 1998 में जब संस्था का विधिवत पंजीयन कराया गया। इसके पश्चात् ही संस्था की गतिविधियां निरंतर व बहुआयामी रूप से संचालित की जाने लगीं। नीमच के जिला बनते ही सर्वप्रथम जिला स्तर पर जिला प्रशासन के सहयोग से
कृति द्वारा अभिनव रंग मंडल उज्जैन के कलाकारों द्वारा रामलीला नाटक का मंचन नीमच में कराया गया।
कृति संस्था की सतत सक्रिय यात्रा में कृति के साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक गतिविधियों के कई पडाव पार किये। आज कृति नीमच ही नहीं वरन समूचे संभाग में अपनी विशिश्ठ पहचान बना चुकी है। कृति के सदस्यों में कवि, लेखक, गायक, नाट्यकर्मी व समाजसेवी हर विधा के माहिर सदस्य रहे। प्रौढ शिक्षा, साक्षरता के साथ देश के ख्यातनाक गजल गायक अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन, संजय महाजन के बडे कार्यक्रम से शहर में अपनी छाप छोडना शुरू की। इसके बाद तो कृति के मंच पर विश्व विख्यात बांसुरी वादक पंडित पद्मभूशण हरिप्रसाद चौरसिया, विश्वविख्यात कव्वाल असलम साबरी और मुनव्वर मासूम, कबीरपंथी भजन गायक प्रहलादसिंह टिपानिया, प्रख्यात रंगकर्मी अयाज खान के कई नाटकों का प्रदर्शन करवाया। कृति उत्सव के माध्यम से प्रतिवर्श देश के ख्यातनाम कलाकारों के कार्यक्रम किये तो स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने का भरपूर प्रयास किया। इसी तरह स्वराज संस्थान भोपाल के सहयोग से संस्था द्वारा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 150 वीं जयंति पर दो दिनी कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के दक्षिण मध्य सांस्कतिक केन्द्र नागपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय युवा संगीत नृत्य महोत्सव में संस्था द्वारा महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया गया । दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के सहयोग से ही ख्यात कव्वाली गायक असलम साबरी और मुन्नवर मासूम के कार्यक्रम नीमच में हुए। महिलाओं की पाक कला को प्रोत्साहित करने व इस हुनर को पुरस्कृत करने हेतु संस्था व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन भी प्रतिवर्ष करती है। यह प्रतियोगिता भी नगर की महिलाओं में खासी लोकप्रिय है।
कलमकार सम्मेलनों के माध्यम से जिले में कलमकारों को एक दूसरे से जानने समझने का अवसर दिया। वर्शों तक टेपा सम्मेलन के माध्यम से चुटीले हास्य व्यंग्य के कार्यक्रम किये। बच्चों के लिये वर्शों से इस अंचल की सबसे बडी चित्रकला प्रतियोगिता संचालित की व चित्रकला प्रशिक्षण शिविर प्रतिवर्श लगाये जाते हैं। कृति की चित्रकला प्रतियोगिताओं से निकले युवा आज देश विदेश में अपनी कला का जादू दिखा रहे हैं।
कृति हमेशा जन सामान्य से जुडे मुद्दे उठाकर अपना सामाजिक उत्तरदायित्व पूरा करती रही है। चिकित्सा, यातायात, मिलावटखोरी, भूमि घोटाले जैसे कई मुद्दों पर परिचर्चा के माध्यम से समस्याओं के हल तलाशने का कार्य कृति ने किया। नीमच का टाउनहॉल हो या खेल मैदान नीमच की पेयजल समस्या के स्थायी निदान के लिये कृति 15 वर्शों से सतत जनजागरण का प्रयास करती रही है। परिणामस्वरूप ग्रामीण अंचल के लिये तो पेयजल योजना स्वीकृत होकर कार्य शुरू हो गया है परन्तु नीमच शहर को भविश्य में जोडने के लिए सतत प्रयत्नशील है।
कृति संस्था ने महात्मा गांधी की एक सौ वीं जयन्ती पर एक साथ एक ही समय में 203 स्थानों पर प्रार्थना सभा कर इण्डिया बुक और एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराकर नीमच का नाम रोशन किया। कोरोना काल में भी संस्था की गतिविधियां निरंतर संचालित होती रहीं। आपातकालीन सेवाएं, मिलावट क्यों एवं आत्महत्या जैसे सामाजिक मुद्दों पर ऑनलाईन माध्यम से सतत जारी रहीं। इसी समय कोरोना वॉरियर्स पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नीमच जिले के अलावा अन्यत्र जिलों (रतलाम, धार, उज्जैन, इन्दौर, भीलवाडा) से प्रतिभागियों ने भाग लेकर रूचि दिखाई।
कृति के कार्यों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। कृति की इस यात्रा में नीमच की प्रबुद्ध जनता पत्रकार बंधुओं व जागरूक नागरिकों का भरपूर सहयोग व आशीर्वाद मिला है। इसी के परिणामस्वरूप कृति संस्था आज इस मुकाम पर पहुंची हैं। अपनी स्थापना से लेकर 33 वर्श के लम्बे सफर में कृति संस्था ने नीमच में साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों को नए आयाम दिए हैं। इतने लम्बे समय तक सक्रिय व क्षेत्र में अग्रणी रहने वाली यह नीमच की एकमात्र संस्था है। किसी भी साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों से जुडी संस्था के इतने लम्बे समय तक कार्य करते रहना अपने आपमें एक उपलब्धि है। संस्था की इस सफलता के पीछे सारा सहयोग संस्था के वरिश्ठजनों का मार्गदर्शन एवं संस्था के सदस्यों का सक्रिय समर्पण की भावना से हो पाया है। सभी सदस्य संस्था की रीढ होते हैं।
30 सितम्बर 2024 को कृति एवं ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में प्रसिद्ध रामकथा मर्मज्ञ पं.मुकेश नायक का प्रेममूर्ति भरत पर विशिश्ठ व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कृति के स्थापना दिवस पर कृति के सदस्यों ने नीमच की प्रबुद्ध जनता को हार्दिक बधाई। कृति संस्था सतत इसी तरह बढते रहे, शुभकामनाएं।