इंदौर में हत्या के आरोपी पर दूसरी गैंग का हमला:घर लौटते समय चाकू मारे; BJP नेता के घर छुपकर जान बचाई
=================
इंदौर के परदेशीपुरा में एक बार फिर गैंगवार सामने आई है। यहां बदमाशों ने मिलकर दोस्त की हत्या करने वाले अल्फेज पर चाकू से हमला कर दिया। उसकी हालत गंभीर है। हमले में युवक का अंकल भी घायल हुआ है। सूत्रों का दावा है कि घटना से क्षेत्र में गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। परदेशीपुरा पुलिस के मुताबिक घटना नंदा नगर की है। रविवार रात खजराना से मीट शाॅप बंद कर घर लौट रहे गब्बर कुरैशी, अल्फेज पर आरोपी अमन बुंदेला निवासी लाल गली और उसके साथियों ने चाकू और बेसबॉल बेट से हमला कर दिया।
अल्फेज के अंकल गब्बर ने बताया आरोपी हमारी मोपेड के सामने आ गए। रास्ता रोका ओर ताबड़तोड़ चाकू के वार करने लगे। पास ही बीजेपी नेता नीरज शर्मा का घर था। बचने के लिए शर्मा के घर की ओर दौड़ लगा दी। इससे पहले बदमाश अल्फेज पर दो और गब्बर पर एक चाकू से वार कर चुके थे। गब्बर ने कहा कि अमन ने हमसे 28 हजार रुपए भी लूट लिए और फिर फरार हो गए।
ट्रांसपोर्टर की हत्या कर चुका है अल्फेज
अल्फेज जूनी इंदौर इलाके में पिछले साल खाचरौद ट्रांसपोर्ट के संचालक सचिन शर्मा हत्याकांड में शामिल था। इस हत्याकांड में अल्फेज सहित पांच आरोपी थे। इसके बाद उसे जेल हो गई थी। जेल से छूटने के बाद अल्फेज ने परदेशीपुरा में दोस्तों के साथ एक युवक पर जानलेवा हमला कर दिया था। यह युवक अमन और सचिन का दोस्त था। पुलिस का कहना है कि दोनों गैंग के बीच सचिन शर्मा की हत्या के बाद से ही दुश्मनी चली आ रही है।
थाने का हो चुका है घेराव
पुलिस का कहना है कि अल्फेज ने जब हमला किया था वह चुनाव का वक्त था। इसके बाद बजरंग दल ने परदेशी पुरा थाने पर प्रदर्शन किया था। इसमें टीआई पकंज द्विवेदी को हटाने की मांग की गई थी। अफसरों ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया था। हिंदू संगठन ने थाने पर किया प्रदर्शन, चाकूबाजी, नशा और छेड़छाड़ को लेकर विरोध
इंदौर में ट्रांसपोर्ट संचालक की हत्या, 15 दिन पहले हुआ था विवाद
इंदौर में एक ट्रांसपोर्ट संचालक की चाकू गोदकर हत्या कर दी। हमलावरों की संख्या 5 थी। इनमें से एक भाजपा नेता का समर्थक है। मामला आपसी रंजिश का है। जूनी इंदौर पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया। हत्याकांड के आरोपियों के घर पर लोगों ने पथराव कर दिया। इसमें सूचना के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पांच माह पहले शुरू किया था ट्रांसपोर्ट, दोनों पक्षों पर हुई थी कार्रवाई।