आलेख/ विचारउत्तर प्रदेशलखनऊ

कक्षा और पड़ाव नही होते, ये सदी के शिक्षक होते

 

सही शिक्षक —

Abcd या आ से अनार सिखाने वाला शिक्षक नहीं हो सकता। और हर उम्र और कक्षा की अलग अलग abcd होती है। शिक्षक वह है जो जीवन और शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को सरल शब्दों में निस्वार्थ भावना से जन सामान्य के कल्याण हेतु जीवन ही अर्पित कर दे। “राजीव दीक्षित” भारत को भारत की मान्यता के आधार पर खड़ा करने वाला शिक्षक। इनकी कोई कक्षा और पड़ाव नही होते, ये सदी के शिक्षक होते हैं।

शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर राष्ट्र एवं समाज के उन अगणित, अदृश्य राष्ट्र साधकों के श्री चरणों में समर्पित यह काव्य पुष्प जिनके अथक प्रयासों से समाज का हर वर्ग आज स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

प्रफुल्ल सिंह

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