
नीमच। ग्राम डुंगलावदा स्थित माताजी मंदिर के पास भूरालाल प्रजापति परिवार द्वारा अयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के संगीतमय अयोजन के प्रथम दिन सुबह 9.30 बजे मंशापुर्ण बालाजी मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसके पश्चात सुबह 11.30 बजे पंडित शिवजी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। यह भागवत की कथा भगवान की कृपा से प्राप्त हो पाती है। यह अवसर प्रजापति परिवार को मिला है जिसमें श्रीमद्भागवत काव्य आयोजन कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत की कथा भगवान की प्राप्ति कराने वाली है। यह कथा मृत्यु के भय को दूर करके भगवान की और आगे बढ़ाती है और भक्ति के साथ-साथ हमारे ज्ञान वैराग्य को बल देती है। श्रीमद्भागवत की कथा सात दिन का एक ऐसा आयोजन है। जिसमें सात सौपान है। जिनके माध्यम से एक—एक करके हम प्रत्येक सोपान पर बढ़ते जाते हैं। अंत में अपने जीवन का लक्ष्य जान जाते हैं श्रीमद्भागवत में भक्तों की ऐसी दिव्य कथाएं हैं जिनको सुनकर हृदय में भक्ति का उदय होता है और साथ ही साथ मनुष्य के जीवन में सुधार होता है। वह मनुष्य अपना जीवन तभी पूर्ण कर सकता है जब वह भगवान की भक्ति करेगा।
श्रीमद्भागवत में गोकर्ण और धुंधकारी के प्रसंग सुनाते हुए शिवजी महाराज ने कहां कि अधिकारी ने बांस में बैठकर पूरा चिंतन करके श्रीमद्भागवत की कथा सुनी इसलिए उसकी मुक्ति हो गई। कथा को सुनने से ही कल्याण नहीं होगा इस पर चिंतन करना आवश्यक है। जितनी भी अच्छी बातें हैं वह संसार में लिखी जा चुकी है। अब केवल बचा है उनको पालन करना कथा का आयोजन प्रजापति परिवार द्वारा अपने पितरों की स्मृति में कराया जा रहा है। कथा में ग्राम डुंगलावदा क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु पहले दिन ही उपस्थित हुए जिसमें पांडाल भरा रहा कथाओं को सुनकर आनंदित हुए और भाव विभोर हो गए कथा का समय प्रतिदिन 11.30 से दोप. 3.30 तक है। आयोजक परिवार ने रमेश, प्रवीण, सुरेश, मन्नालाल, शिवलाल, गोपाल, कमलेश, अरविंद, यशवंत, हिमांशु एवंम प्रजापति परिवार ने अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कथा का लाभ लेने की बात कही है