अपनी गलतियां देखोगें तो घर वृंदावन बन जायेंगे और दूसरों की देखेगों तो नर्क- स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती
मन्दसौर। श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा मंदसौर पर दिव्य चातुर्मास पूज्यपाद 1008 स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती ऋषिकेश के सानिध्य में चल रहा है। स्वामी जी द्वारा प्रतिदिन प्रात: 8.30 से 10 बजे तक श्रीमद् भागवद् महापुराण के एकादश स्कन्द का का वाचन किया जा रहा है।
सोमवार को धर्मसभा में स्वामी श्री आनन्द स्वरूपानंदजी सरस्वती ने कहा कि जहां हम रहते है वह स्थान शुद्ध एवं पवित्र होना चाहिए। हर की साफ – सफाई समय पर होना चाहिए पहले माताएं सुर्योदय से पूर्व ही झाडू पौछा करें पूजा पाठ कर लेती थी लेकिन आज कल तो उठते ही 9 बजे है। आपने बताया कि लक्ष्मी और अअक्ष्मी दोनों बहनें हैं जिन घरों में नियमों का ध्यान नहीं रखा जाता वहां अलक्ष्मी का वास होता है पैसा गाडी सुख सुविधाएं तो रहती है लेकिन शांति नहीं।
आपने कहा कि सुबह जल्दी उठकर जप आदि करना चाहिए समय का सदपयोग करना चाहिए। आपने बताया कि कर्म सात्विक होना चाहिए तामसिक या राजसिक नहीं। कर्म के साथ – साथ पूजा पाठा और ध्यान भी सात्विक होना चाहिए इसमें किसी प्रकार का लोभ नहीं होना चाहिए। आपने कहा कि अपनी गलतियां देखोगे तो घर वृंदावन बन जायेंगा और दूसरों की गलतीयां देखोंगे तो घर नर्क बन जायेगे। घर को सुख शांति से चलाना है तो थोडा मन मारककर अपनी गलतियों को मानकर चलो।
कार्यक्रम के अंत में भगवान की आरती उतारी गई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीशचंद्र सेठिया, सचिव कारूलाल सोनी, मदनलाल गेहलोत, पं शंकरलाल त्रिवेदी, प्रहलाद काबरा, जगदीश गर्ग, आर सी पंवार, पं शिवनारायण शर्मा, नीलमचंद भावसार, घनश्याम भावसार, राधेश्याम गर्ग, महेश गेहलोद सहित बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे। बडी संख्या में धमार्लुजन उपस्थित थे।