इंदौरमध्यप्रदेश

हुनर स्वरोजगार स्थापित करता है: रुक्मणि देवी

केन्द्रीय संचार ब्यूरो इन्दौर ने स्तनपान एवं सुपोषण पर केंद्रित चित्र प्रर्दशनी लगाई

इंदौर 7 जुलाई 2024. जब तक मानसिक, शारीरिक विकास नहीं होगा ,तब तक हम कोई भी काम अच्छे से और दक्षता पूर्ण कर पाएंगे। जीवन मे आगे बढने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है।

यह बात गत दिवस जागृति ज्योति ट्रस्ट द्वारा निपानिया स्थित राम मंदिर परिसर मे आयोजित पांचवे महिलाओ के लिए सिलाई प्रशिक्षण शिविर मे बतौर मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर श्री 108 रुक्मणि देवी ने कही ।

उन्होनें प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओ को कहा कि हुनर स्वरोजगार देने के साथ ही आत्मनिर्भर करता है। इस अवसर केन्द्रीय संचार ब्यूरो इन्दौर ने स्तनपान एवं सुपोषण पर केंद्रित चित्र प्रर्दशनी लगाई।

प्रचार अधिकारी दिलीप सिंह परमार ने कहा कि सबसे पहले हमे स्वस्थ रहना होगा। इसके लिए न केवल महिलाओ बल्कि नवजात शिशु के आहार के बारे मे गृहणियों को जागरूक रहना होगा। श्री परमार ने आगे कहा कि भारत सरकार की अनेक ऐसी योजनाए और कार्यक्रम है जो महिलाओ के उत्थान और सशक्तिकरण की दिशा मे मददगार है। इस अवसर पर ज्योति जाग्रति ट्रस्ट की संचालक ज्योति बसवराज मसाला ने बताया कि वे बिना किसी लैंगिक ( स्त्री, पुरुष) भेदभाव के उन्हें जोड़कर, शिक्षित करके, स्वस्थ और स्वतंत्र बनाना है। और महिला सशक्तिकरण और वंचित बच्चों के लिए शिक्षा क्षेत्र पर काम कर रहे है।

दो साल में वंचित महिलाओं और लड़कियों के लिए सिलाई कक्षाएं चलाकर सफलतापूर्वक ४ बैच पूरे किए हैं, जिसमें ७० छात्रों को सशक्त बनाया है, जिनमें से ३५ ने अपना व्यवसाय शुरू कर दिया है और १५ ने अपने कपड़े खुद सिल रहे हैं।ट्रस्ट केवल 50 रुपये/छात्र/माह शुल्क लेती हैं। प्रतिदिन शाम 4 से 6 बजे तक वंचित बच्चों के लिए कोचिंग कक्षाएं संचालित हैं,जिसकी फीस केवल 30 रूपये प्रति माह प्रति छात्र है।

जागृति ज्योति ट्रस्ट का संस्थापित श्रीमति ज्योति मसली का कहना है कीहर एक वेक्ति को समाज के विकास और सेवा करके वंचित समुदाय को सशक्त बनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए ।

इस अवसर दीपिका पाटक जी,ममता मताई,सुनीता खन्ना, श्रेया मसली,कोमल कनोडे,तनु,सलोनी,श्रुति,नंदिनी और जागृति ज्योति ट्रस्ट का परिवार उपस्तित था। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियो ने दीप प्रज्वलित कर की। शिविर मे तकरीबन 75 निमोनिया क्षेत्र की महिलाओ ने भागी दारी की।

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