आध्यात्मनीमचमध्यप्रदेश
प्रेम ,मधुर संबंध, समय, संस्कार सब छीन लिए मोबाइल ने-तत्वरुचि जी मसा,

नीमच,6अगस्त (केबीसी न्यूज) आजकल के आधुनिक जमाने में मोबाइल इतना खतरनाक हो गया है कि इसने हर इंसान का आपसी प्रेम मधुर संबंध समय और संस्कार सब छीन लिया है। यह ऐसा दलदल है कि इंसान डूबता ही चला जा रहा है 14 साल के बच्चों के लिए तो बहुत ही घातक है यह हर व्यक्ति का दिमाग खाली कर रहा है आजकल के संस्कार इतने विलुप्त हो गए हैं कि मोबाइल से धोखा देना झूठ बोलना समय को बर्बाद करना सीखना है इससे बचना चाहिए ।चातुर्मास आत्मा का कल्याण एवं धर्म की तपस्या आदि के लिए आता है। इसके महत्व को हमें समझना चाहिए। नहीं तो आने वाला समय बहुत खराब हो जाएगा।यह बात आचार्य जिन सुंदर सुरी श्री जी महाराज के शिष्य रत्न पू.पन्यास तत्वरुचि मसा. ने कहीं ।वे जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्री संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में मिडिल स्कूल मैदान स्थित जैन भवन में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मोबाइल में गंदगी नहीं देखना चाहिए मोबाइल में सदैव नैतिक शिक्षा और धर्म संस्कार के विषयों के कार्यक्रम ही देखना चाहिए। आंखों में निर्मलता मन में शुद्धता और तन में पवित्रता को जीवन में सदैव आत्मसात करना चाहिए तभी हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी जब वन में सीता की खोज में निकले थे तो उन्हें मार्ग में माता सीता के आभूषण मिले जब श्री राम जी ने लक्ष्मण को आभूषण दिखाएं तो उन्होंने सभी आभूषण नहीं पहचाने अंत में उन्हें सीता माता की पायल दिखाई तो इसे उन्होंने पहचान लिया और उन्होंने कहा कि वह सदैव सीता माता के चरण वंदन करते थे तब उन्हें पायल देखे थे यह उसे समय की मर्यादा और संस्कार थे कि लक्ष्मण सीता जी के साथ रहने के बावजूद भी कभी उन्होंने आंख उठाकर नहीं देखा सदैव आंखें नीचे रखकर ही जीवन में सीता माता के दर्शन करते थे। इस प्रसंग से प्रेरणा लेकर नारी शक्ति का सम्मान करना चाहिए। नारी शक्ति के पेट में जब बच्चा बड़ा होता है तो महिलाओं के द्वारा किए गए व्यवहार और गतिविधियों का बच्चे पर भी प्रभाव पड़ता है इसलिए माता को धार्मिक नैतिक संस्कार के कार्य ही गर्भकाल के दौरान करना चाहिए ताकि संतान भी संस्कारों वाली ही जन्म ले सके। धर्मशास्त्र के कल्पसूत्र में इसका उल्लेख मिलता है। मैं सदैव तपस्या करना चाहिए क्योंकि तपस्या से नहीं शक्ति की ऊर्जा का संचार होता है।
पूज्य आचार्य भगवंत श्री जिनसुंदर सुरिजी मसा , धर्म बोधी सुरी श्री जी महाराज आदि ठाणा 8 का सानिध्य मिला। प्रवचन एवं धर्मसभा हुई।
प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे प्रवचन करने के व साध्वी वृंद के दर्शन वंदन का लाभ नीमच नगर वासियों को मिला प्रवचन का धर्म लाभ लिया।