सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा के साथ संस्कार एवं चरित्र का निर्माण करता है -राठौड

गरोठ । विद्या भारती चर्मण्वती शिक्षा समिति जिला गरोठ द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर खजुरी पंथ में मातृ सम्मेलन संपन्न हुआ।
जिसमें सर्वप्रथम मां शारदा प्रवणाक्षर ओम जगत जननी भारत माताके सम्मुख दीपप्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता- विद्याबाई ने की मुख्य वक्ता जगदीश सिंह राठौड जिला प्रमुख गरोठ मुख्य वक्ता किरण पनारिया बरखेडा लोया कार्यालय प्रमुख विशेष अतिथि गंगाप्रसाद व्यास संकुल प्रमुख आदि मंचासीन उपस्थित रहे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा के साथ संस्कार एवं चरित्र का निर्माण करता है ।श्री राठौर ने कहा कि संस्कार हेतु सरस्वती शिशु मंदिर की आवश्यकता, बच्चे कि प्रथम गुरु मां होती है मां जैसा चाहे वैसे बालको का निर्माण कर सकती है ।जीवन में संस्कारो का महत्व,शिशु मंदिर में चरित्र का निर्माण ।परिवार के वातावरण का शिशु पर प्रभाव।आज शिक्षा व्यवसाय बनती जा रही हैउसे रोकना है मां चाहे अपने बेटे-बेटी को लव-कुश, द्रुव, प्रहलाद,शिवाजी महाराणा प्रताप,सीता सावित्री दुर्गा मां कल्पना चावला बना सकते हैं।शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दिए जाते हैं। पाश्चात्य संस्कृति से समाज को बचाना ऐसे अनेक विषयो पर माताओ का मार्गदर्शन अतिथियों द्वारा किया गया कार्यक्रम का संचालन सुश्री मंजू धाकड़ दीदी द्वारा किया गया।
परिचय विद्यालय की प्रधानाचार्य ममता लौहार ने कराया अतिथियों का स्वागत पुरस्कार भेंट गायंत्रीबाई धाकड़ व सपनाबाई धाकड़ द्वारा किया गया। व सभी माताओं को कुमकुम लगाकर सभी का स्वागत किया गया। सभी माताऔ की संख्या 36 उपस्थित रहीं।आभार माया गोयल दीदी द्वारा व्यक्त किया गया