ताल ब्यूरो चीफ – शिवशक्ति शर्मा
शासकीय महाविद्यालय ताल में भवन सुविधा और विद्यार्थी होने के बाद भी शासन की अनदेखी के चलते विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। ताल नगर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में वर्ष 2013-14 में जनता की मांग पर यहां महाविद्यालय स्वीकृत किया था, जिसका संचालन वर्ष 15 -16 से प्रारंभ हो गया था ।वर्ल्ड बैंक के सहयोग से महाविद्यालय का एक सर्व सुविधायुक्त भवन दिसंबर 2021 में बनकर तैयार हो चुका था, जिसका लोकार्पण तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में किया गया था।
महाविद्यालय के भवन के लोकार्पण के अवसर पर तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने छात्रों एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों की मांग पर स्नातक स्तर पर विज्ञान, वाणिज्य संकाय एवं स्नातकोत्तर की कक्षाएं स्व वित्तीय कोर्स योजना में खोले जाने की घोषणा की थी । ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी यह घोषणा अभी अधूरी ही है। प्रभारी प्राचार्य राजेश मईड़ा एवं सहायक प्राध्यापक भारत सिंह मईड़ा के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार महाविद्यालय में केवल कला संकाय ही संचालित है, जिसमें 590 बच्चे अध्ययनरत हैं।स्नातक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य विषय लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। इस वर्ष इस कॉलेज से वाणिज्य के 300 एवं विज्ञान संकाय के 500 छात्रों ने प्रवेश के समय इस महाविद्यालय से अपने प्रवेश फॉर्म अप्रूव कराये। लेकिन कक्षाएं संचालित नहीं होने के कारण उन्हें विवश होकर दूसरे कॉलेजों में जाना पड़ा। अगर विज्ञान और वाणिज्य संकाय की सुविधा स्नातक स्तर पर इस विद्यालय में होती तो 800 छात्रों को आज अन्यत्र नहीं जाना पड़ता।
इसी तरह महाविद्यालय में स्नातकोत्तर में राजनीति विज्ञान, इतिहास एवं समाजशास्त्र विषय यदि प्रारंभ कर दिए जाएं तो इसका लाभ सैकड़ो विद्यार्थियों को मिलेगा। भवन की दृष्टि से यह महाविद्यालय बहुत बड़ा है ।यहां पर पांच प्रयोगशालाएं बनकर तैयार हैं ,लेकिन विज्ञान संकाय नहीं होने के कारण यह प्रयोगशालाएं पूरी तरह अनुपयोगी हैं ।इस महाविद्यालय में 10 साल बाद भी प्राचार्य का पत्र रिक्त है ।सहायक प्राध्यापक के भी तीन पद रिक्त हैं।साथ ही लेखापाल एवं सहायक वर्ग 2 के पद भी रिक्त हैं ।इन सारे पदों की पूर्ति होने के बाद महाविद्यालय अच्छी तरह संचालित होने की संभावना है। छात्र हित को ध्यान में रखते हुए और महाविद्यालय के संसाधनों का पूरा उपयोग करने के लिए स्नातक स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय तुरंत प्रारंभ किए जाने की आवश्यकता है। साथ ही इस स्नातकोत्तर की कक्षाओं का संचालन भी बहुत जरूरी है। स्नातकोत्तर की कक्षाएं संचालित नहीं होने एवं वाणिज्य और विज्ञान संकाय स्नातक स्तर पर नहीं होने के कारण अनेक छात्र विशेषकर छात्राएं अपनी उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं।
स्थानीय विधायक डॉक्टर चिंतामणि मालवीय भी उच्च शिक्षा में रह चुके हैं। छात्रों एवं नागरिकों ने उनसे व्यक्तिगत रूचि लेकर स्नातक स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ करवाने एवं स्नातकोत्तर की कक्षाओं की स्वीकृति के लिए अनुरोध किया है। साथ ही महाविद्यालय के रिक्त पदों की पूर्ति करवाने का भी आग्रह किया है। स्टाफ की आपूर्ति नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी प्रभावित हो रही है।
क्या मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव अपनी स्वयं की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए संज्ञान लेंगे?