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नपाध्यक्ष की मनमानी की नतीजा न तो मानसून के सड़कों का पेंच वर्क हो पाया और न ही समुचित सफाई

शहर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोनू लोक्स बोले- आचार संहिता समाप्त हुए बीते 40 दिन से ज्यादा, नपा में अब तक नहीं हुई परिषद् की बैठक -नपाध्यक्ष की मनमानी की नतीजा न तो मानसून के सड़कों का पेंच वर्क हो पाया और न ही समुचित सफाई – उधड़ चुकी सड़कों पर पड़ चुके हैं गड्ढे, कई स्थानों पर बन रहे जलभराव के हालात

नीमच। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त हुए 40 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन नगरपालिका में अब परिषद् की बैठक नहीं हुई है, जिसका बड़ा कारण नपाध्यक्ष स्वाति चौपड़ा की मनमानी है। हालात यह हो गए हैं कि मानसून पूर्व शहर में सड़कों पर पेंचवर्क नहीं हो पाया है न ही समुचित सफाई हो पाई है, जिसके कारण उधड़ चुकी सड़कों पर गड्ढे पड़ चुके हैं और नाले-नालियों के चौक होने से शहर में कई स्थानों पर थोड़ी सी बारिश में जल भराव के हालात बन रहे हैं। यह आरोप शहर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व पार्षद महेंद्र मोनू लोक्स ने लगाया है। उन्होंने कहा कि शहर के किस वार्ड में क्या समस्या है, इससे नपाध्यक्ष श्रीमती चौपड़ा को कोई सरोकार नहीं है। अगर सरोकार होता, तो वह कम से कम सप्ताह में एक दिन शहर का भ्रमण करती और आमजन से मिलकर उनकी समस्याओं से अवगत होती, लेकिन न तो नपाध्यक्ष नपा कार्यालय में बैठती है और न ही शहर के वार्डो का भ्रमण करती है। श्री लोक्स ने कहा कि हालात यह है कि नपाध्यक्ष नियमों को ताक पर रख नपा संबंधित फाईले अपने घर पर बुलाती है और कई दिनों तक घर में पटक के रखती है। *कर्मचारी हो चुके हैं बेलगाम*- शहर ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व पार्षद मोनू लोक्स ने आरोप लगाया कि नपा के अधिकारी-कर्मचारी बेलगाम हो चुके हैं, जिस पर न तो नपाध्यक्ष का अंकुश है और न ही नपा सीएमओ की लगाम है। लोग छोटे-मोटे कामों के लिए नपा कार्यालय के चक्कर काटते रहते हैं, पर नपा के अधिकारी-कर्मचारी अपनी सीटों पर मिलते ही नहीं हैऔर विशेष बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति को नपा के इंजिनियरों से मिलना हो, तो भूल जाओं की नपा में कार्यालय में इंजिनियर भी बैठते हैं या नहीं और उन्हें तो मोबाईल उठाने तक की फुर्सत नहीं मिलती है। *चरमरा चुकी है शहर सफाई व्यवस्था*- पूर्व पार्षद मोनू लोक्स ने कहा कि शहर में कभी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आ सकती है, जिसके संकेत भी शासन नपा को दे चुका है, पर शहर की हालात यह है कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। नपा के जो प्रभारी स्वच्छता अधिकारी है, उन्हें भी शहर में सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाने से कोई सरोकार नहीं है। हालात यह है कि मानूसन सिर पर आने के बाद शहर में नाले-नालियों की सफाई शुरू की गई, वह ऐसी की तू चल में आया। इसके अलावा शहर में जिन स्थानों को कचरा पाईंट मुक्त किया गया था, वहां फिर कचरे के ढेर लगने लगे हैं। साथ ही शहर के वाडा~ में समय पर सफाई तक नहीं हो रही है। गंदगी और कचरे लोग परेशान हैऔर चोक पड़ी नालियां बदबू के साथ ही बीमारियों को न्यौता दे रही है। *सड़कों पर नहीं हुआ पेंचवर्क बारिश में उभरे गड्ढे-* श्री लोक्स ने कहा कि नपाध्यक्ष की हटधर्मिता देखा, आचार संहिता समाप्त हुए 40 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, पर नपाध्यक्ष परिषद् की बैठक आयोजित नहीं कर रही है। क्योंकि बैठक होगी तो पार्षद अपने-अपने वार्ड क्षेत्रों की समस्या उठाएंगे और निराकरण की मांग करेंगे, जिसमें प्रमुख समस्या सड़कों के पेंचवर्क की है। मानसून पूर्व पेंचवर्क नहीं होने से पूरे शहर में कई सड़कों पर गड्ढे उभर चुके हैं, जो हादसो का कारण बन रहे हैं। श्री लोक्स ने कहा कि नपाध्यक्ष अपनी हटधर्मिता छोड़े और एक जनप्रतिनिधि होने के नाते शहर विकास पर ध्यान दें और वार्डो का निरीक्षण करें, ताकि उन्हें पता चले कि शहर में क्या-क्या समस्या है। घर बैठे-बैठे और भाजपा के कार्यक्रमों लछेदार भाषण देने से शहर विकास नहीं होगा। —

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