नवीन भारतीय न्याय सहिता एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा 2023 थाना भावगढ़ के जैन धर्मशाला में संगोष्ठी का आयोजन कि गई

भावगढ़ – भारतीय न्याय सहिता बीएनएस 2023 भारत के लिए प्रस्तावित नया कानून बनाया गया 1/7/2024 को थाना भावगढ़ की बैठक जैन धर्मशाला परिसर में शाम 5 बजे सम्पन्न हुई।
एसडीओपी किर्ती बघेल व भावगढ़ थाना प्रभारी रानी बेग ने बताया कि नए कानून नए समाधान के अन्तर्गत इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के माध्यम से ही एफआईआर हो सकती है, किसी भी महिला का बयान महिला मजिस्ट्रेट लिखेगी ओर बयान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम द्वारा भी लिए जा सकते हैं , असज्ञेय अपराध की सुचना प्राप्त होने कि पाक्षिक रिपोर्ट पुलिस मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी, अब न्याय पाना हुआ आसान नए कानून के अनुसार तुम किसी भी शहर या इलाके के पुलिस थाने में जाकर अपने साथ हुई घटना कि F I R कर सकती हो, बलात्कार के अपराध में महिला पुलिस अधिकारी द्वारा पीड़िता का कथन उसके निवास पर माता पिता या संरक्षक की उपस्थिति में लिखा जाएगा, चिंता मत करो अब पुलिस 90 दिनों में तुम्हे केस कि प्रगति कि सुचना दे देगी, कोई भी अपने बयान से पलट जाए तो डरने कि जरूरत नहीं है अब पुलिस गवाह के बयान कि विडियो रिकॉर्डिंग करेगी, 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ गैंग रैप में दंड का प्रावधान मृत्यु दण्ड कर दिया गया है, बच्चों के माध्यम से अपराध करवाने वालो के विरुद्ध पहली बार प्रावधान किया गया है मन्दसौर अनुविभागीय पुलिस अधिकारी किर्ती बघेल भावगढ़ थाना प्रभारी रानी बेग एवं उनकी टीम ओर गांव व आस पास के ग्रामीण बैठक में उपस्थित रहे।
नवीन कानून 2023 के प्रचार प्रसार हेतु थाना भावगढ़ थाना के जैन धर्मशाला परिसर में संगोष्ठी का किया अयोजन
1. अपराध का पीड़ित व्यक्ति घर पर बैठकर E FIR कर सकता है। इसके लिए सिटीजन पोर्टल पर जाकरी E FIR में जाकर घटना का लेख करना है और तीन दिन के भीतर थाने जाकर उस थत् पर हस्ताक्षर करना होंगे।
2. अब भारत के किसी भी थाने में किसी भी क्षेत्र में घटित घटना को पीड़ित व्यक्ति लेखबद्ध करवा सकता है। थाना जीरो पर एफआईआर लेख कर घटना क्षेत्र वाले थाने पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित कर सकेगा।
3. 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ गैंग रेप में दंड का प्रावधान मृत्युदंड कर दिया गया है।
4. आतंकवाद को पहली बार कानून में परिभाषित कर आतंकवादी कृत्य करने वालो पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।
5. संगठित अपराध को पहली बार कानून में परिभाषित कर उसमें संलिप्त होने वाले आरोपियों पर दांडिक प्रावधान किया गया है।
6. बच्चो के माध्यम से अपराध करवाने वालो के विरुद्ध पहली बार दांडिक प्रावधान किया गया है।
7. समूह द्वारा हत्या (MOB LYNCHING) को कानून में पहली बार परिभाषित कर में जघन्य अपराध मानते हुए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।
8. नवीन कानून में तकनीक को अत्यधिक महत्व दिया है जिसमे साक्षी के बयान मोबाइल से वीडियो बनाकर दर्ज करना, समंस वारंट की ई तामीली आदि शामिल है।
9. अपराध करके अर्जित की गई संपति की कुर्की का विशेष प्रावधान किया गया है जिसके तहत पुलिस अधीक्षक / पुलिस आयुक्त से अनुमति बाद विवेचक न्यायालय में कुर्की का आवेदन दाखिल कर सकता है और न्यायालय उसमें 14 दिन के भीतर सुनवाई बाद आदेश देंगी।
10. साक्षियों के संरक्षण के लिए “साक्षी संरक्षण स्कीम का प्रावधान है।
11. सामुदायिक सेवा को दंड के रूप में सर्वप्रथम परिभाषित किया गया है और न्यायालय दंड के रूप में आरोपी से सामुदायिक सेवा करने का आदेश दे सकती है।