सिंधी समाज के इष्टदेव भगवान श्री झूलेलालजी के…* *- चालीस दिवसीय पवित्र पर्व “श्री चालीहा साहब” का “श्री चालीहा महोत्सव – 2024” का हुआ शंखनाद
श्री भाग्येश्वर महादेव 'आश्रम' मंदिर पर हुआ श्री बहराणा साहब
नीमच
सिंधी समाज के इष्ट वरुण देव भगवान श्री झूलेलालजी के चालीस दिवसीय पवित्र त्योहार “श्री चालीहा साहब” की आराधना का महोत्सव “श्री चालीहा महोत्सव – 2024” का शंखनाद विश्व सिंधी सेवा संगम एवं श्री झूलेलाल बहराणा समिति के सयुक्त तत्वावधान में मंगलवार, 16 जुलाई को प्रात: 09 बजे स्थानीय विकास नगर स्थित श्री झूलेलाल मंदिर पर सिंधी समाज द्वारा श्री झूलेलालजी के अभिषेक व पूजा – अर्चना के साथ बड़े धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ हुआ।
सर्वप्रथम प्रात: श्री झूलेलालजी की प्रतिमा का अभिषेक कर पुष्प माला इत्यादि से श्रृंगार किया गया। श्री चालीसा साहिब का ज्योत प्रज्वलित कर कलश स्थापित करने के उपरांत पूजा-अर्चना के साथ पारंपरिक भजन कीर्तन, आरती, पल्लव, अरदास कर प्रसादी वितरित की गई।
इसी तारतम्य में श्री भाग्येश्वर महादेव ‘आश्रम’ मंदिर के गुरुद्वारा हॉल में सायं 06 बजे पहला श्री बहराणा साहिब हुआ। श्री बहराणा साहिब में भगवान श्री झूलेलालजी मधुर – मधुर भजनों की प्रस्तुति हुई। पारंपरिक भजनों पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किए। अंत में आरती, पल्लव, अरदास एवं प्रसादी वितरण के साथ पहले श्री बहराणा साहिब का समापन हुआ।
इस महोत्सव में झूलेलाल मंदिरों को विशेष रूप से सुसज्जित किया जाता है तथा मंदिरों में कथा, आरती, भजन कीर्तनों के साथ धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन रहता है। दीप प्रज्वलन होते हैं। इन व्रतों के दिनों में महिलाएं प्रतिदिन चार या पांच मुखी आटे का दीपक अपने घरों से लेकर भगवान की पूजा करती है। साथ ही मनोकामनाएं मांगने वाली महिलाएं अपने घर से चावल, इलायची, मिश्री व लोंग लाकर भगवान श्री झूलेलाल की आराधना करती है। जीवन को सुखी बनाने एवं लोक कल्याण के लिए यह व्रत महोत्सव मनाया जाता है। भगवान झूलेलाल के इस पर्व में जल की आराधना की जाती है। यह सिंधी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों भगवान झूलेलाल वरुणदेव का अवतरण करके अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। जो भी लोग 40 दिन तक विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। सिंधी समाज समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भगवान श्री झूलेलाल चालिया महोत्सव ही माना जाता है।
चालीस दिवसीय पर्व अंतर्गत चालीस दिनों तक “घर-घर झूलेलाल” की तर्ज पर हर घर नि:शुल्क श्री झूलेलालजी का श्री बहराणा साहिब किया जाएगा।
इस अवसर पर श्री भाग्येश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष गुरमुखदास दादवानी, उपाध्यक्ष रमेश अंदानी, कोषाध्यक्ष सुरेश आहूजा, विश्व सिंधी सेवा संगम परिवार के जिलाध्यक्ष रमेश केवलानी, श्री झूलेलाल बहराणा समिति के अध्यक्ष दिलीप लालवानी, श्री सुखमणि मंडल सेवा समिति अध्यक्ष पुरुषोत्तमदास लखवानी, भगवानदास, सुरेश कान्हा मूलचंदानी, परमानंद पारवानी, पूज्य सिंधी पंचायत कोषाध्यक्ष राजकुमार मंगनानी, कमल मूलचंदानी (रामा होजयरी), रमेश अठवानी, दोलतराम मोटवानी, ISSS महिला संगठन जिलाध्यक्षा श्रीमती दिव्य लालवानी, सचिव श्रीमती कोमल भागवानी, श्रीमती अरुणा तलरेजा, 0 मीणा लालवानी लक्ष्मी बलानी रितु मेघवानी लाजवंती आदि सहित समिति के कई पदाधिकारी, सदस्यगण एवं बड़ी संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।