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फोरलेन: मानसून पूर्व मेंटेनेंस में लापरवाही, दुकानों के सामने जिम्मेदारों ने खोद दी 3 फीट गहरी खाई

दुकानदार बोले: कंपनी को यहां पर नाली बनाना चाहिए, जिम्मेदार बोले: तेज बारिश में होती हैं परेशानी, हम नही बनाएंगे नाली

दलौदा (शुभम धोका)

नगर से गुजर रहे महू-नीमच फोरलेन के मेंटेनेंस को लेकर एक बार फिर निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने उदासीनता दिखाई है। मानसून पूर्व न तो कंपनी ने नालियों की सुध ली न ही बारिश के पानी की निकासी को लेकर कोई ठोस व्यवस्था की। जबकि सालों से मेंटेनेंस करने वाले रोड कंपनी के जिम्मेदारों को पता है कि समस्या कहां है। रोड की किस साइड में व किस जगह पानी एकत्रित होता है। इसके बाद भी जिम्मेदार आमजनों की समस्या को दरकिनार कर रहे हैं। बारिश होने के बाद फोरलेन रोड के सर्विस रोड पर जल भराव होता है। इसके बाद जिम्मेदार जागते हैं और आनन फानन में नालियों की सफाई कर देते हैं।

जानकारी के अनुसार दो दिन पहले हुई बारिश के दौरान सर्विस रोड पर नालियों का पानी भर गया था। इस बार तो नगर के प्रगति चौराहा क्षेत्र के कुछ घरो में भी फोरलेन की नालियों से निकला बारिश का पानी घुस गया। रहवासियों के मुताबिक बुधवार को हुई बारिश के दौरान सर्विस रोड पर करीब डेढ़ फीट तक ऊपर पानी बह रहा था। जो कि घरों में भी घुसने के चलते परेशानी हुई। इस पर रोड कंपनी के अधिकारियों ने पानी की निकासी के लिए जहां नाली खत्म होती है वहां आगे मंदसौर की ओर करीब आधा किमी से भी लंबी एक खाई खोद दी। जिम्मेदारों ने यह भी नहीं देखा कि वे जहां खाई खोद रहे हैं उसके आसपास लोगों के मकान व दुकान है। इसकी वजह से उन्हें आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं रात्रि में भी कोई वाहन साइड में लेकर रोकने की कोशिश करेगा तो उनके वाहन भी इसमें गिर या फंस कर हादसे का शिकार हो सकते हैं। जिम्मेदारों ने यहां किसी भी प्रकार के संकेतक भी नहीं लगाए हैं।

– वाहनों को भी हाइवे पर खड़ा करना पड़ रहा है
नाकोड़ा इंटरप्राइजेस के संचालक श्रेयांश जैन, आयुष जैन, धाकड़ एग्रो के योगेश ठन्ना ने बताया कि जिम्मेदारों की इस लापरवाही का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। नियमानुसार कंपनी को यहां पर नाली बनाना चाहिए या फिर अस्थाई रूप से पाइप रखना चाहिए। बुधवार को भी जिम्मेदार जेसीबी लेकर खुदाई करने आए थे। इस दौरान हमारे द्वारा उन्हें हमारी समस्या भी बताई थी, इस पर वे बिना खाई खोदे यहां से चले गए थे। लेकिन हमारे दुकान मंगल करने के बाद हमारी दुकानों के सामने खाई खोद दी गई। इससे लोडिंग वाहन दुकान तक नहीं पहुंच पा रहे व हमें आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं वाहनों को भी हाइवे पर खड़ा करना पड़ रहा है। खाई में पानी भरा रहने से लोगों को पता भी नहीं चल सकेगा कि यहां खाई है। क्योंकि रोड निर्माण कंपनी ने यहां संकेतक भी नहीं लगाए।

– बारिश तेज़ होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती
रोड कंपनी के जनरल व प्रोजेक्ट मैनेजर अभिलाष जैन ने बताया कि जल भराव कहीं नहीं हुआ है। बारिश तेज़ होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती है। इसलिए थोड़ी दिक्कत होती है। हमारे द्वारा अभी खाई खोदी है। लेकिन इतना गहरा गढ्ढा नहीं खोदा है कि उन्हें ढकना पड़े। वहीं दुकानदारो का कहना है कि जो खाई खोदी गई है वह करीब 3 फ़ीट गहरी व 2 फीट चौड़ी है। ऐसे में उसमें से हमारा या वाहनों का निकलना संभव नहीं है।

निकासी के लिए स्थाई समाधान भी नही करेगी कंपनी
स्थाई समाधान की बात पर टोल रोड़ कंपनी के मैनेजर जैन कहा कि हमारे द्वारा वहां पक्की नाली नहीं बनाई जाएगी। नालिया तो दुकानदारों को दुकान बनाते वक्त बनाना चाहिए। जैन यहां ये भी भूल गए कि स्थानीय लोगों द्वारा बनाए जाने वाली नालियो और फोर लाइन की नालियों में अंतर होता है। स्थानीय नालिया छोटी होती है और उनमें फोरलेन की नालियों का पानी नही छोड़ा जा सकता है। वही जैन ने फोरलेन की नालियों की तुलना ग्राम पंचायत की नालियों से करते हुए कहा कि फोरलेन की नालियों से ज्यादा गंदी तो दलौदा-धुंधड़का मार्ग पर प्रगति चौराहा से सीतामऊ फाटक की नालियां है।

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