मल्हारगढ़ तहसील में शिक्षा के हालात; पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर ‘देश का भविष्य’, विकास के दावे खोलते ये स्कूल

**********************
मल्हारगढ़ तहसील के गांवो के शासकीय स्कूल के कही बच्चों को स्कूल के बाहर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है तो कहि मांगलिक भवन में तो कहि शिक्षको को सहयोग से बने भवन पर त्रिपाल डालकर बेठना पड रहा हे जानिए आखिर ऐसी क्या मजबूरी बनी कि इन्हें ऐसा करना पड़ रहा है।
टकरावद(पंकज जैन)आज हम 21वीं सदी में जी रहे हे और पूरा विश्व विज्ञानं से लेकर अन्य क्षेत्रो में कहा से कहा पहुच गया हे हमारे देश में भी आजादी के बाद काफी विकास हुआ हे लेकिन आज भी हम कई क्षेत्रो में दुनिया के पिछड़े देशो के साथ खड़े नजर आते हे जब देश का भविष्य यानि बच्चों को ही सही से शिक्षा नही मिल पाए तो भविष्य कैसा होगा?
पेड़ के निचे लगती पाठशाला-
मध्यप्रदेश सरकार ने विद्यालयो का उन्नयन तो जीरो बजट में कर दिया लेकिन आजतक विद्यालय भवनों की सौगात नही दी हे मल्हारगढ़ तहसील के टकरावद में वर्ष 2007 में माध्यमिक विद्यालय का हाईस्कूल व 2018 में हाई से हायर सेकेण्डरी में उन्ननयन हुआ 341 छात्र भी अध्यनरत हे लेकिन भवन के नाम पर केवल 3 अतिरिक्त कक्ष हे जिनके सामने भी बड़ी विद्युत् लाइन निकल रही हे भवन के अभाव में मजबूरी में बच्चों को कई वर्षो से पेड़ के निचे बेठकर पढ़ाई करना पड़ रही हे इस वर्ष विद्यालय से कुछ ही दुरी पर मांगलिक भवन हे जहा अनुनय विनय कर बच्चों को बिठाकर पढ़ाई कराई जाती हे लेकिन जब कोई मांगलिक भवन में कार्यक्रम होते हे तो बच्चों को पेड़ के निचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ता हे तो बिल्लोद हायरसेकेण्डरी विद्यालय में 200 विद्यार्थियो हे उनके बैठने के लिए शिक्षको ने 10-10 हजार रूपये एकत्र किए 60 हजार शाला विकास,20 हजार गतिविधि व शेष डेढ़ लाख का उधार सामान लाकर एक फायबर ईटो का 20×45 का होल बनाया जिसपर त्रिपाल डालकर विद्यार्थियो को पढ़ाने के लिए बिठा रहे हे हायरसेकेण्डरी हिंगोरिया बड़ा में भी विद्यालय भवन नही हे लेकिन पास में मांगलिक भवन होने से वहा छात्रो को बिठाकर पढ़ाया जाता है।
हाईसेकेण्डरी स्कूलो में कहि भी प्रयोगशाला नही है-
विज्ञान को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रयोगशाला जरूरी हे लेकिन भवन नही होने से प्रयोगशाला भी नही हे केवल टेबल पर कुछ उपकरण रखकर सांकेतिक बताकर इतिश्री करना पड़ती हे जबकि भौतिक के नियमो को समझने के लिए छात्र को आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाओ में विभिन्न उपकरणों के साथ विशिष्ट प्रायोगिक प्रयोग करने की आवश्यकता होती है।
बच्चों ने की समस्या बया लेकिन जबाबदारो को नही आई दया स्कूल में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नही होने से आसपास क्षेत्र के अधिकांश बच्चों बूढ़ा व अन्य जगह पढ़ाई करने जाते हे स्कूल भवन की समस्या को लेकर पिछले साल नवम्बर में जब वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा टकरावद अस्पताल का लोकार्पण करने आए थे तब गिरते पानी में भी मंत्री जी के काफिले को रुकवाकर बच्चों ने समस्या बताई लेकिन अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि सभी ने केवल आश्वासन दिए विद्यालय भवन की सौगात आज तक नही दी।