मनासा कृषि उपज मंडी मे हो रहा किसानों के साथ भेदभाव
भ्रष्टाचार में लिप्त है मनासा मंडी
नीमच मनासा
नीमच कृषि उपज मंडी कई दिनों से सुर्खियों मे चल रही है तो मनासा मंडी क्यों पीछे रहे मनासा मंडी का भी तो नाम चलना चाहिए तो आज से शुरुआत करते है मनासा की कृषि उपजमंडी मे क्या हो रहा किसानों के यहाँ का फर्जी वाड़ा व अनियमितता देखि जाए तो बहोत है पर कहते है ना जहाँ चलेगा रूपया कौन सुनेगा भैया मंडी के गेट मे घुसने से पहले ही यहाँ समस्याओ का अम्बार देखने को मिलेगा सबसे पहले तो मंडी गेट का कीपर ही सबसे बड़ा भरस्टाचार करने मे अपनी भूमिका निभा रहा है और क्यों नहीं निभाएगा क्यों की सब खेल ही माल का है इसके ऊपर अगली कडी मे लिखेंगे आज किसान के साथ क्या हुआ उसको देख लिया जाए मंडी मे लिए गए किसानों के माल के फोटो में दिख रहे गेहूं के ये ढेर मनासा मंडी के हैं। जो आज दिनांक 31 /05/2024 को दोपहर 3: 30बजे तक इसलिए नही तोली गई, क्योंकि ये ढेर छोटे छोटे थे। और इनको लाने वाले जाहिर सी बात है कि बड़े किसान नही हो सकते, ऐसे छोटे ढेर गरीब मजदूर ही लेकर आते हैं जो फसल कटाई के बदले में गेहूं लेते है, पर नियमानुसार जब तोल किया जाता है तो पूरी लाइन एक साथ तोली जाती हैं। सारे ढेर एक साथ तोलने चाहिए लेकिन मनासा मंडी में इस नियम का उपयोग यदा कदा शायद ही होता होगा क्यों की इनको भी तो सुरकिया बटोरनी है,, जब सारे बड़े ढेर तूल जाने के बाद भी हम्मलो ने किसान का माल नहीं तोला तो पीड़ित बेचवाल जब मंडी सचिव के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे तो, मंडी सचिव का जवाब था कि पहले बड़े बड़े ढेर तोलने का नियम हैं, आपके ढेर बाद में तुल जाएंगे मतलब पूरी तरह से भेदभाव जिसके पास कम माल है उसकी कोई वेल्यू नहीं क्यों की वो गरीब है उसकी कौन सुनेगक्यों में चल रही है फोटो में दिख रहे गेहूं के ये ढेर मनासा मंडी के हैं। जो आज दिनांक 31 /05/2024 को दोपहर 3: 30बजे तक इसलिए नही तोली गई, क्योंकि ये ढेर छोटे छोटे थे। और इनको लाने वाले जाहिर सी बात है कि बड़े किसान नही हो सकते, ऐसे छोटे ढेर गरीब मजदूर ही लेकर आते हैं जो फसल कटाई के बदले में गेहूं लेते है, पर नियमानुसार जब तोल किया जाता है तो पूरी लाइन एक साथ तोली जाती हैं। सारे ढेर एक साथ तोलने चाहिए लेकिन मनासा मंडी में इस नियम का उपयोग यदा कदा शायद ही होता होगा क्यों की इनको भी तो सुरकिया बटोरनी है,, जब सारे बड़े ढेर तूल जाने के बाद भी हम्मलो ने किसान का माल नहीं तोला तो पीड़ित बेचवाल जब मंडी सचिव के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे तो, मंडी सचिव का जवाब था कि पहले बड़े बड़े ढेर तोलने का नियम हैं, आपके ढेर बाद में तुल जाएंगे मतलब पूरी तरह से भेदभाव जिसके पास कम माल है उसकी कोई वेल्यू नहीं क्यों की वो गरीब है उसकी कौन सुनेगा इस प्रकार से किसानों के साथ मंडी में भेदभाव किया जा रहा है अगली खबर में मंडी गेट कीपर से लगाकर *पोस्ता* खरीदी से लगाकर बेचने तक का जो फर्जी वाड़ा जो चल रहा है इसका खुलासा किया जाएगा