मंदसौरमध्यप्रदेश

दो माह की बच्ची को न्याय दिलाने को लेकर पिता के बाद जिपं अध्यक्ष श्रीमती पाटीदार ने भी लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

 

खेताखेड़ा/ सीतामऊ। मंदसौर जिले की ह्रदय विदारक घटना सामने आने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तहसील सीतामऊ के गांव पारसी के रहने वाली बच्ची मां सीमा पुरोहित की बच्ची को डिलिवरी के समय जिला अस्पताल मंदसौर में ऑपरेशन के दौरान बच्ची को कट लग गया था‌ ।जिसकी शिकायत पीड़ित पिता दसरथ द्वारा जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं कलेक्टर को की गई थी, साथ ही 181 शिकायत की गई मगर अब तक कोई कार्यवाही नहीं होंने से और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते परेशान होकर पीड़ित पिता ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिख पत्र । न्याय को लेकर पीड़िता पिता ने बेटी को न्याय कि आस लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा। मंदसौर जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापारवाही की 2 माह की बच्ची सजा भुगत रही। मासुम पीड़िता के पिता दशरथ पुरोहित न्याय की आस में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट थक चुके है, इधर लगता है कि जांच करने वाले अधिकारी जांच के कोरे पन्ने पलटा कर समय व्यतीत कर रहे है। उन्हें मानव अधिकार आयोग के डंडे का भी कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही 181 शिकायत निवारण भी आगे नहीं बढ़ पा रही है। कलेक्टर महोदय के समक्ष लगाई जनसुनवाई की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। डॉक्टर की लापरवाही से दो माह की बच्ची हुए चार बार ऑपरेशन, पीड़ित पिता न्याय की पास लेकर सरकारी दफ्तरो के काट रहा चक्कर, अंत में पीड़िता पिता दशरथ पुरोहित नाम डॉक्टर मुख्यमंत्री मोहन यादव को न्याय को लेकर गुहार लगाई।

मानव अधिकार आयोग ने लिया था सज्ञान

मंदसौर जिला अस्पताल डॉक्टरों की लापरवाही के कारण नवजात के प्राइवेट पार्ट पर कट लगने के मामले में मध्य प्रदेश मानव आयोग ने संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा था, जानकारी अनुसार डॉक्टर द्वारा लापरवाही के दौरान नवजात के प्राइवेट पार्ट पर गठन होने की बात कही गई थी जब बाद में परिजनों को पता चला कि बच्ची का कोई गठन नहीं थी डिलीवरी के दौरान डॉक्टर के लापरवाही से बच्ची को कट लग गया था, जिसकी खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी समाचार पत्रों के माध्यम से प्रदेश मानव आयोग द्वारा जिला स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर से मामले में जांच कर कार्रवाई की गई कार्रवाई के संबंध में 3 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था, मगर इस ओर भी कोई कार्यवाही होती दिखाई नहीं दे रही है।

पीड़ित पिता दसरथ ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र के माध्यम से यह ज्ञात करवाया कि मेरी पत्नी सीमा जाति ब्राह्मण निवासी पारसी तह सीतामऊ को डिलीवरी हेतु 24-2-2024 को जिला अस्पताल मंदसौर भर्ती कराया था डॉक्टरों की सलाह अनुसार डिलीवरी ऑपरेशन से होना थी, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर संगीता पाटीदार एवं मीना वर्मा के द्वारा ध्यान न रखते हुए लापरवाही पूर्वक रवैया रखने से मेरी नवजात शिशु को मां के पेट में ही प्राइवेट पार्ट्स पर गंभीर कट कर दिया, जिसकी जानकारी पीड़ित पिता दशरथ को लगी तो जिला अस्पताल में सर्जन ना होने के कारण रतलाम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहा बच्ची की इलाज कर डाक्टरों द्वारा सफल आपरेशन किया। पीड़िता के पिता पत्र में आगे लिखते है कि मेरे द्वारा डाक्टरों की लापरवाही को लेकर जिला स्वास्थय अधिकारी तथा मंदसौर जिला कलेक्टर को शिकायत की थी, समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद मानव अधिकार आयोग द्वारा भी संज्ञान लेकर कलेक्टर से जवाब मांगा था, मगर अब तक टेबल जांच रिपोर्ट सरकारी दफ्तर में इस टेबल से उसे टेबल पर स्थानांतरित हो रही है दो माह बीत जाने के बाद भी ठोस कोई कार्रवाई नहीं हुई है, मुख्यमंत्री मोहन यादव से गुहार लगाते हुए,पीड़ित परिवार ने कहा है कि दो माह की बच्ची को न्याय दिलाने की मांग की है।

बच्ची के पिता दशरथ पुरोहित ने कहा कि मैं 2 माह से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा हूं अधिकारियों द्वारा लापरवाही बताने वाले डॉक्टर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से न्याय की आस लेकर मैंने पत्र लिखकर गुहार लगाई है।

दो माह की बेटी को न्याय दिलानें को लेकर आगे आई जिपं अध्यक्षा ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र 

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दुर्गा डॉ विजय पाटीदार दो माह की बेटी को न्याय दिलानें को लेकर आगे आई उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा जिसमें श्री दशरथ पिता गोवर्धन लाल जी पुरोहित मदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव पारसी में निवास करते हैं। उनकी पत्नी श्रीमती सीमा पुरोहित का डिलेवरी हेतु ऑपरेशन दिनांक 24 फरवरी 2024 को जिला चिकित्सालय मंदसौर में किया गया था, किंतु श्री दशरथ जी पुरोहित द्वारा मुझे दूरभाष पर यह बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से नवजात शिशु को गंभीर घाव हो गया और उस घाव को ठीक करने हेतु मात्र 2 महीने की बच्ची के चार ऑपरेशन अभी तक हो चुके हैं, जिससे परिवार को आर्थिक हानि तो हुई है साथ ही दो माह की बच्ची की शारीरिक हानि एवं उसके माता-पिता को भी बड़ी मानसिक हानि हुई है। जिसमें आगे जांच होना आवश्यक है, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। मेरा आपसे निवेदन है कि इस पीड़ित परिवार की मदद कर, एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित करने का आदेश देने की कृपा करें जिससे कि 2 माह की मासूम बच्ची और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके ।

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