ऑनलाईन गेम खेलने पर कर्जा उतारने चचेरे भाई के साथ मिलकर बच्चे का अपहरण कर हत्या करने वाले आरोपीयों को आजीवन सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित
मंदसौर।अपर सत्र न्यायधीष महोदय मंदसौर द्वारा आरोपी शुभम पिता लालचंद्र प्रजापत, आयु-23 वर्ष निवासी- बालागंज मोहल्ला, तहसील सुवासरा, एवं अजय पिता श्रवण प्रजापत, उम्र-21 वर्ष, निवासी- गायत्री मंदिर के सामने, तहसील-सुवासरा, जिला-मन्दसौर को ऑनलाईन गेम का कर्जा उतारने हेतु अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर बच्चे का अपहरण कर हत्या करने का दोषी पाये जाने पर आजीवन कारावास एवं 5,000 रूपये जुर्माने से दंडित किया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 08-02-2023 को फरियादी बद्रीलाल ने पुलिस थाना सुवासरा मे रिपोर्ट दर्ज करवायी कि उसका पुत्र विदेश कक्षा 10वीं का छात्र होकर प्रतिदिन की तरह दिनांक 8-2-2023 को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुवासरा दिन में करीब 11 बजे गया था, जो घर वापस नहीं आया है, आस पास एवं स्कूल में दोस्तों आदि से तलाश करने पर भी उसका पुत्र नहीं मिला है और न ही कोई जानकारी मिली है। विदेश की हुलिया का हवाला देते हुए किसी के द्वारा बहला फुसलाकर ले जाना फरियादी द्वारा बताया गया है, जिसके आधार पर पुलिस थाना सुवासरा द्वारा धारा 363 भा.द.स. के अन्तर्गत अपराध क्रमांक 27/2023 पंजीबद्व कर अनुसंधान में लिया गया और प्रकरण में विवेचना के दौरान तथ्य प्रकट होने पर धारा 364ए भा.द.स. का इजाफा किया गया अनुसंधान के दौरान दिनांक 10-2-2020 को मदनलाल द्वारा सूचना दी गयी कि गणेश मगरा रोड पर पोल्ट्री फार्म के पास रोड के किनारे एक प्लास्टिक का कट्टा पड़ा है, जिस पर मक्खियां भिनभिना रही हैं और संदिग्ध प्रतीत हो रहा है, इस सूचना पर से पुलिस सुवासरा द्वारा मौके पर पहुंचकर उक्तानुसार मुंह बंधा एक कटटा एवं उसमें एक हाथ बाहर आ रहा होना पाया गया, कटटे को खोलकर देखा तो गुमशुदा विदेश का शव होना पाया गया, शव को परीक्षण हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुवासरा भिजवाया गया, अनुसंधान के दौरान फरियादी बद्रीलाल द्वारा कथन में तथ्य प्रकट किए गए कि उसके मोबाइल नंबर 8878318541 पर काल आया था और 5 लाख रूपये की मांग की गयी थी, साइबर सेल से काल डिटेल निकलवाकर अनुसंधान किए जाने पर मोबाइल नंबर 9111498127 से फरियादी को काल आना, वह मोबाइल बंद आना और यह मोबाइल नंबर बापूलाल निवासी टोकडा का होना पाया गया। फरियादी के साथ ईंट भट्टे पर काम करने वाले उक्त बापूलाल से पूछताछ करने पर उसने बताया कि ईंट भटटे के मालिक अभियुक्त शुभम को सिम की जरूरत होने सिम मांगी थी और न देने पर मोबाइल से सिम निकाल ली, काल डिटेल एवं नेटवर्क संबंधी अनुसंधान किए जाने पर मोबाइल नंबर 9111498127 पहले बापूलाल के मोबाइल में ओर फिर अभियुक्त शुभम के मोबाइल में उपयोग किया जाना पाया गया। अनुसंधान के दौरान अभियुक्त शुभम को गिरफतार कर पूछताछ किए जाने पर उसने प्रकट किया कि आनलाइन गेम खेलने से उस पर 7-8 लाख का कर्जा हो गया था और उसने अपने चचेरे भाई अभियुक्त अजय को एक लाख रूपये का लालच देकर विदेश का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनायी, क्योंकि फरियादी बद्रीलाल की जमीन हाइवे पर आ जाने से मंहगी हो गयी थी और इस योजना को कार्यरूप देते हुए अभियुक्तगण ने विदेश का अपहरण कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी ओैर शव का पोल्टी फार्म के पास गणेश मगरा रोड पर किनारे फैंक दिया। घटना में प्रयुक्त मोटर सायकल, मृतक की चप्पल, मोबाइल, जप्त किए गए एवं अभियुक्त शुभम के घटना स्थल वाले कमरे से सादी रूई खून आलूदा रूई, बाल, शर्ट का बटन, लच्छा, आदि सीलबंद कर जप्त किया गया। अभियुक्त अजय को गिरफतार कर उसका मेमारेंडम कथन दर्ज कर मृतक का स्कूल बेग एवं किताबंे जप्त की गयीं। अभियुक्तगण से मृतक को मारने वाले स्थान तथा शव को फैंकने वाले स्थान की तस्दीक करायी गयी। साक्षीगण के कथन लेखबद्व किए गए एवं मृतक के जप्तशुदा बैग एवं किताबों की शिनाख्तगी कार्यवाही करवायी गयी। मामले में जप्तशुदा सामग्री एफ.एस.एल. भेजकर जांच रिपोर्ट्स प्राप्त की गयीं एवं विवेचना पूर्ण कर अभियुक्तगण के विरूद्व अभियोग पत्र उपरोक्त धाराओं के अन्तर्गत न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा उक्त प्रकरण को चिन्हित प्रकरण की श्रेणी में लिया गया।
उक्त प्रकरण में निरीक्षक शिवांशु मालवीय द्वारा प्रकरण की विवेचना की कार्यवाही की गई एवं विशेष लोक अभियोजक श्रीमती डॉली बैरागी द्वारा उक्त प्रकरण का सफल संचालन किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप उक्त प्रकरण में आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई गई। प्रकरण में विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष विशेष लोक अभियोजक द्वारा रखे गये तथ्यो व तर्को से सहमत होकर साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध किया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन विशेष लोक अभियोजक श्रीमती डॉली बैरागी द्वारा किया गया।