Uncategorizedउज्जैन

निजी स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचा जांच दल, अनेक खामियां मिली, कलेक्टर ने दो दो लाख रुपए का लगाया जुर्माना

निजी स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचा जांच दल, अनेक खामियां मिली, कलेक्टर ने दो दो लाख रुपए का लगाया जुर्माना

निजी स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचा जांच दल, अनेक खामियां मिली, कलेक्टर ने दो दो लाख रुपए का लगाया जुर्माना

असलम खान – संस्कार दर्शन

उज्जैन कलेक्टर द्वारा जिले के 15 निजी स्कूलों पर 2-2 लाख का जुर्माना अधिरोपित किया गया।
जानकारी के अनुसार उज्जैन जिले के निजी स्कूलों के संचालक/ प्राचार्य को 7 दिवस में कोषालय में अधिरोपित राशि चालान से जमा कराने के निर्देश कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देशानुसार निजी स्कूलों के गठित उड़नदस्तों के द्वारा गत दिवस औचक निरीक्षण किया गया था,इस दौरान निजी विद्यालयों में विभिन्न कमियां पाई गई,तो कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया था।
उज्जैन के इन विद्यालयों पर लगाया जुर्माना-
सेंट थॉमस स्कूल पंवासा मक्सी रोड,ज्ञान सागर अकेडमी देवास रोड,सेंट मेरी कॉन्वेंट हासे स्कूल देवास रोड, क्रिस्ट ज्योति कॉन्वेंट स्कूल मालनवासा, निर्मला कॉन्वेंट हासे स्कूल देवास रोड, सेंट पाल कॉन्वेंट हाईस्कूल पंचक्रोशी मार्ग,ऑक्सफोर्ड जुनियर कॉलेज,कार्मल कॉन्वेंट चक कमेड,सेंट थॉमस हा.से. स्कूल बड़नगर,मास्टर माइंड इंटरनेशनल स्कूल तराना,दिनाह कॉन्वेंट स्कूल तराना, जीनदत्ता इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन नारायणा तहसील महिदपुर, एमपीएस अकेडमी महिदपुर, इम्पीरियल इंटरनेशनल स्कूल खाचरौद तथा सेंट मार्टिन स्कूल बड़नगर शामिल हैं।
गौरतलब है कि 01अप्रैल से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत वाले दिन ही हमने उज्जैन के बड़े नामी निजी विद्यालयों के मनमानी से पैरंट्स हताश परेशान और सुनने वाला कोई नहीं को लेकर प्राथमिकता से खबर उठाई थी, इसके बाद ही यह खबर मीडिया में भी सुर्ख़ियों में रही,जिसके बाद कलेक्टर ने दल गठित किया था एवं विद्यालय और पुस्तक, कॉपी स्टेशनरी विक्रेताओं के यहां जांच दल निरीक्षण करने पहुंचा था तथा अनेक खामियां मिली थी इसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी हुआ और अब प्रभावी कार्रवाई भी नजर आईं हैं।उम्मीद है कि इस प्रकार के जुर्माने की कारवाई से ऐसे स्कूल जो अपने आप को कानून से ऊपर और कुछ माइनॉरिटी का हवाला देने वाले, तो कुछ पेरेंट्स को फीस, निर्धारित जगह से पुस्तक यूनिफॉर्म के लिए दबाव बनाना, स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी या शिकायत या अपना मत प्राचार्य या प्रबंधक के सामने रखने मात्र से ही बच्चे और पेरेंट्स को टारगेट बनाना आदि प्रकार के विचारधारा वाले स्कूल संचालकों को आयना दिखाने के लिए यह कार्रवाई काफ़ी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}