नाबालिक के साथ घटना करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा
शाजापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर द्वारा निर्णय पारित किया गया जिसमें आरोपी विनोद पिता रामचरण निवासी ग्राम जामुनिया गणेश जिला राजगढ हाल मुकाम ग्राम मोहना थाना मो0 बडोदिया जिला शाजापुर को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3,000/- रू के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 366 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रतीक श्रीवास्तव एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि, दिनांक 29/12/2022 को पीडित-बालिका के पिता ने थाने पर सूचना दी की, उसकी लडकी जो कक्षा 11 वी में पढती है वह दिनांक 28/12/2022 को सुबह 11 बजे मासी के घर मिलने जाने का बोलकर घर से गई थी जो शाम तक घर वापस नहीं आई। उसकी परिवार में तलाश करने पर कोई पता नहीं चला। फरियादी की सूचना पर पुलिस द्वारा गुमशुदगी दर्ज की गई। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा पीडिता के माता पिता व साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये जिसमें उन्होने बताया कि विनोद उसे ले गया होगा। पुलिस ने विवेचना में पीडिता को अभियुक्त विनोद के कब्जे से दस्तयाब किया । उसके बाद पीडिता के पुलिस द्वारा कथन लेखबद्ध किये गये जिसमें पीडिता ने बताया कि वह 4 वर्षो से विनोद को पहचानती है, विनोद से उसकी बातचीत होती थी, विनोद उसे शादी का झांसा देकर इंदौर व फिर मोरबी लेकर गया, वहॉ उन्होने मंदिर में शादी कर ली और मोरबी में ही एक कमरे में रहकर कई बार शारीरिक संबंध बनाये। पीडिता की उम्र 18 वर्ष से कम थी इसलिए पीडिता नाबालिक होने के कारण पॉक्सो एक्ट एवं भादवि की अन्य धाराओं में अपराध पुलिस द्वारा पंजीबद्ध किया गया।
अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की तथा अंतिम बहस जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा ने की। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को एवं अभिलेख पर आई साक्ष्य से सहमत होते हुये आरोपी को दोषी पाते हुये दण्डित किया गया।